RE: Antarvasna kahani हवस की प्यासी दो कलियाँ
खाना खाने के बाद मैं अपने रूम मे आकर बेड पर लेट गयी...और लेटते ही, उस लड़के की वो हरकत याद आ गयी....वो लड़का मेरी 11थ क्लास का स्टूडेंट था...जिसने मुझे रास्ते मे रोका था...जब मेने अपने फेस को बेपरदा किया तो, अपनी टीचर को सामने देख कर यानि के मुझे देख कर डर गया था......
उसके चेहरे के हावभाव उस वक़्त जो थे...उन्हे सोचते ही, मेरे होंटो पर एक बार फिर मुस्कान फेल गये.....यूँ इधर उधर की बातें सोचते हुए, कब नींद आ गयी....पता नही चला..... 5 बजे प्यास लगने के कारण फिर से मेरी नींद खुली, और मैं पानी पीने के लिए रूम से निकल कर नीचे आ गयी.....
अभी मैं किचिन की तरफ जा ही रही थी, कि मुझे चेतन भैया के रूम से हल्की सी सिसकने की आवाज़ आई....उस आवाज़ को मैं झट से पहचान गयी...आवाज़ पायल भाभी की थी. पर वो इस समय भैया के साथ क्या कर रही थी....उत्सकता वश मेरे कदम खुद-ब खुद भैया के रूम की तरफ मूड गये....
डोर अंदर से बंद था....पर रूम के डोर के पास पहुँचते ही, भाभी की आवाज़ और सॉफ सुनाई देने लगी......ये इस समय भैया के रूम मे क्या हो रहा है...भाभी दबी हुई आवाज़ मे भैया को कुछ कह रही थी…मेने डोर पर कान लगा कर सुनने की कॉसिश की तो मुझे कुछ सॉफ सुनाई देने लगा…”देखो चेतन मैं तुम्हे कह रही हूँ…मेरे ऊपेर से हट जाओ….तुम्हे नशे ने इतना खोखला कर दिया है कि तुम दो मिनिट भी नही टिक पाते…और मुझे सुलगती हुई छोड़ कर बाहर अपने नशेड़ी दोस्तो के पास चले जाते हो….”
एक बार तो दिल किया अभी चीख कर दोनो को बाहर आने को कहूँ... पर नज़ाने क्यों मेरी हिम्मत जवाब दे गयी....मैं अपने कानो को डोर से सटा कर अंदर की बातें सुनने की कॉसिश करने लगी...
"आह क्या कर रहे हो छोड़ो मुझे ....दीदी घर पर है....
"तो क्या हुआ...वो अभी शाम तक नही उठने वाली....एक बार अपनी चुनमुनियाँ चोदने दे ना"
कहानी जारी रहेगी..................................
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