RE: Desi Chudai Kahani कमसिन जवानी
कमसिन जवानी-11
गतान्क से आगे...........................
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अजय भाभी की बात को सुनकर मूह दबाकर हस्ने लगा उसे यकीन नहीं हो रहा था कि सच में ऐसी प्यासी औरतें भी होती है जो गाली के साथ चुदवाने मे ही संतुष्टि प्राप्त करती हैं...
भाभी को अब गुस्सा आने लगा उससे बर्दाश्त नही हो रहा था उसने अजय को लिटा दिया और चढ़ गयी अजय के खड़े लंड पर...
चूत के मूह पर अजय का सूपड़ा अपने हाथ से पकड़ कर रखा और बैठ गयी
भाभी"हयी फट गयी रे .... लंड के मूत से पैदा हुआ लंड है तू मदर्चोद ............रुक में चोद्ती हूँ तुझे आहह अहह "
भाभी पागलो की तरह उसके लंड पर उपेर नीचे-उपेर नीचे कूद रही थी..भाभी को देख कर कोई भी ये कह सकता था कि वो सेक्स की सच मे बोहोत प्यासी औरत थी...
अजय भाभी के बड़े बड़े मम्मो को नोच नोच कर पी रहा था उन्हे दबा रहा और भाभी अपना काम कर रही थी....चुद रही थी..यूँ कहें कि वो अजय को बुरी तरह से चोद रही थी..और लंड के उपेर कूद कूद कर अपनी चूत की दीवारो से लंड को घुमा रही थी ...
अजय के लिए ये सब नये अनुभव से कम नही था..........
भाभी"आह कितना कड़क लंड है र्रे तेरा मा के लवदे अह्ह्ह्ह अंदर तक फट रही है मेरी बेहेन्चोद भादुए आह हाई मेर्र्री छूऊऊऊओत"
अजय"चोद ले चोद ले खुद को मेरी रांडो अभी तो बोहोत कुछ बाकी है ..और खुद कितना चुदेगि बहेन की लावदि ,साली कुतिया.................कूद ले मेरे लंड पर कितना कूद सकती है.."
भाभी ने धक्को की स्पीड बोहोत तेज़ कर दी और एक दम से शांत होकेर वो अजय के उपेर ही लेट गयी ................चूत से निकला लावा अजय के लंड से होता हुआ पूरा उसके आंडो तक फैल गया...
अजय ने भाभी के झाड़ जाने के बाद उन्हे खुद के नीचे ले आया और शुरू हो गया अब अपने काम पर..अब अजय की परीक्षा का समय था.......अजय ने बिना किसी रुकावट के एक चोदने वाली मशीन की तरह भाभी की चूत का कचूमर बना दिया था...अजय के 9 " लंड ने इतने ख़तरनाक स्ट्रोक्स लगाए कि भाभी 5 बार झाड़ चुकी थी और दोनो वेसे ही चुदाई के ख़तम हो जाने तक 1 दूसरे के उपेर पड़े रहे...अजय और भाभी एक दूसरे की बाहो मे लेटे हुए थे अब शायद भाभी और अजय दोनो को खुद के द्वारा दी गयी इतनी गंदी गालियों पर शर्म आई जा रही थी.
भाभी"हमे माफ़ कर दो भैईयाज़ी ....वो क्या है कि हमे तो ऐसे ही करने मे मज़ा आता है.."
अजय"अरे भाभी माफी क्यूँ यार ....लेकिन हां आज की चुदाई के बाद आप को बाद मे शर्मिंदा नहीं होना पड़ेगा...मुझे पूरा यकीन है कि अब तुम्हारे गर्भ में लरका ही आएगा और तुम्हे कोई धिक्कार भी नही पड़ेगा.."
भाभी"ह्म्म्म्म और मुझे राधिका बोलो ना भाभिजी भाभिजी का लगा रखा है...हम तुम्हारा ये एहसान नहीं चुका पाएँगे अगर मेरे पेट मे तेरा लड़का ही आया तो..
अजय ने भाभी को ज़ोर से होंठो पर एक किस करा और उठ कर कपड़े पहने और बाहर आ गया ...
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शहेर के पास वाले हाइ वे पर सुनसान रास्तो से होती हुई फ़िज़ा की गाड़ी अपने फार्म हाउस की तरफ बढ़ी जा रही थी............आँखों मे आँसुओं का सैलाब था अपने प्यारे सर को ज़ख़्मी हालत मे लिए अपने फार्म हाउस पर पोहोच गयी...
फ़िज़ा के फार्म हाउस पर कोई आता जाता नहीं था...फ़िज़ा अपने मा बाप की एक लोति औलाद थी ...फार्म हाउस पर पोहोच्ते ही उसने उमैर को ले जा कर बेड पर लिटाया शरीर पूरा खून से लथपथ था और हड्डियों मे फ़्रेकटूरेस भी आए हुए थे...उमैर होश में नहीं था..
फ़िज़ा ने फोन करके अपने मा बाप को 4 5 दिन के बाद आने का बोल कर उमैर के साथ ही फार्म हाउस पर रहने का प्लान बना लिया..
फ़िज़ा ने सबसे पहले अपनी बेस्ट फ्रेंड संजना को कॉल करा..
फ़िज़ा"हेलो संजना कैसी है तू ..सॉरी यार इतने दिनो से तेरे और किसी के भी कॉल रिसेव नहीं कर पाई.."
संजना"ह्म्म मेने तो तुझे ये बताने क लिए लिए कॉल करा था कि तेरे उमैर सर अब इस दुनिया मे नहीं है ..(संजना उसे बताने मे घबरा चुकी थी)
फ़िज़ा ने बनते हुए ही उसे बोला ""क्क्या कैसी बातें कर रही है ...(फ़िज़ा तो सब कुछ जानती थी उसके सर ज़िंदा है और उसी के पास)कैसे हुआ और किसने मारा...उन्हे"
संजना"यार कुछ लोग बोल रहे थे कि आक्सिडेंट से उनकी मौत हुई लेकिन मुझे कुछ गड़बड़ ही लगती है शायद ऐसा केरने वाला कोई और नहीं तेरे सर की गर्ल फ्रेंड गोशी का करा धरा है..."
फ़िज़ा को सब समझ आ गया कि अजय ने उमैर को कितना समझाया था शायद इन सब के ज़िम्मेदार और कोई नहीं बल्कि वो ही लोग हैं..................
उसने फोन रख दिया और वापस अपने उमैर के पास आ गयी....
फ़िज़ा ने उमैर के सारे कपड़े उतार दिए वो उसके जिस्म पर लगे सारे घाव देखना चाहती थी...उमैर सिर्फ़ कछे मे ही उसके सामने पड़ा हुआ था...उसे क्या मालूम था कि आज उसे नयी ज़िंदगी देने वाली लड़की कोई और नहीं बल्कि वो ही है जिसके प्यार का अपमान सरे आम उमैर करके चला गया था...
फ़िज़ा उमैर के शरीर को पूरा नंगा देख सकती थी ,उसके हाथ उमैर के जिस्म को छूने मात्र से ही कपकपा उठी
समाप्त
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