Free Sex Kahani कौन सच्चा कौन झूठा
08-28-2018, 11:50 PM,
#21
RE: Free Sex Kahani कौन सच्चा कौन झूठा
हफ्फ़्ता हुआ चंदू खोली के अंदर घुसा , किचन मे बैठी चंपा खाना बनाने की
तय्यारी कर रही थी , कदमो की आहट से चंपा मूडी सामने चंदू को देखा

चंपा: क्या हुआ , तू इतना हाफ़फ़ क्यू रहा है

चंदू: प्प्पन्नि दे पहले

चंपा पानी लेकर आई

चंदू ने पानी गटका , हाफफ़्ते हुए बोला

चंदू: वो .. वो तेरे साहेब ने सत्या बोउ का खून कर दिया

चंपा: क्या ? साहेब जी कहा है (ज़ोर से बोली)

चंदू: मुझे नही पता वो कहा है , खून करके वो भाग गया वाहा से , मुझे तो डर
लग रहा है ,कही मे ना फस जाऊ

चंपा कुछ बोल नही पाई , खोली के बाहर गयी और दीपक की रह देखने लगी (परेशानी
उसके चेहरे पे जाहिर थी)

.......

राणे: अपने सारे स्टाफ को बुलाओ ( मॅनेजर को बोला)

10मिनट बाद सारा स्टाफ नीचे लाइन मे खड़ा था, राणे सीडियो से नीचे उतरता
हुआ स्टाफ के सामने आया

राणे: तुम लोगो मे से कोई इस खून के बारे मे कुछ जानता है

कोई कुछ नही बोला

राणे: तुम मे से लॉंडरी की ड्यूटी पे कौन था

एक आदमी लाइन मे से आगे आया , साहेब मे था लॉंडरी की ड्यूटी पे

राणे: आख़िरी बार छत पर कब गये थे

स्टाफ: सर कल सुबह गया था, हफ्ते मे तीन बार कपड़े धोए जाते है

राणे: ठीक है जाओ, तुम सब मे से आख़िरी बार उस रूम मे कौन गया था ( उसका
इशारा सत्या की लाश वाले रूम की तरफ था)

मॅनेजर: सर मे गया था (घबरा के बोला)
राणे: काहे गये थे भाई

मॅनेजर: सर वो सत्या सर की ड्रिंक्स ले कर मे खुद गया था ,वो हर शाम अपने
कमरे मे ही ड्रिंक करते थे

राणे: एक शराबी कम होगया (आराम से बोला) , तुम कुछ देखे रूम मे , कोई था
वाहा

मॅनेजर: सर जब गया सत्या सर अपने रूम मे नही थे , वो बाद मे रूम आए थे , जब
मे गया वाहा कोई नही था

राणे: (हवलदार को बुलाया) इन सब के बयान लो

स्टाफ के लोगो मे से एक लड़का बाहर निकल के आया , राणे के पास गया

स्टाफ: सर मुझे कुछ बताना है आपको

राणे: तुम खून किए हो का

स्टाफ: ना,,नही मेने कुछ नही किया , वो आज सुबह मेरा दोस्त सत्या साहब से
मिलना चाहता था

राणे: कहा है तुम्हारा दोस्त , तेरा नाम क्या है

स्टाफ: सर मेरा नाम किशन है, मेरा दोस्त चंदू है वो आज सत्या साहब से मिलना
चाहता था

राणे: वो मिलने आया था यहा

किशन: सर मुझे पता नही , साहब ने मुझे कही काम से भेज दिया था , उसने मुझे
बोला था के वो शाम को आएगा

राणे: तुम्हारा दोस्त रहता कहा है

किशन: सर यही पास मे रहता है ,आजकल मेरी खोली मे उसका कोई रिश्तेदार रह रहा
है

राणे: ( 2 हवलदरो को बुलाया) इसके साथ जाओ , और जो इसकी खोली मे मिले थाने
मे लेकर पहुचो , और हां कोई गड़बड़ी नही सब के सब मिलने चाहिए

हवलदार: जी सर

बोलकर किशन के साथ बार से बाहर हुए

फोरेन्सिक वालो ने सारे सबूत इकट्ठे किए , सत्या की लाश को आंब्युलेन्स मे
डाल दिया गया

राणे: इस की रिपोर्ट सुबह मेरी टेबल पर होनी चाहिए (फोरेन्सिक वाले को
बोला)

राणे बार से बाहर आया गाड़ी मे बैठा और पोलीस स्टेशन की तरफ हुआ

.....

दीपक एक अंधेरे कोने मे बैठा था, आस पास कुत्तो के भोकने की आवाज़्ज़ आ रही
थी, अपने आप से बाते कर रहा था

सत्या उसकी आँखों के सामने ही उपर उस कमरे मे गया था , पर जब वो वाहा पहुचा
उसकी लाश खून मे लथपथ बेड के उपर पड़ी थी , पर वाहा कोई था भी नही फिर वो
मरा कैसे , उसकी समझ मे आ चुका था के एक और खून का इल्ज़ाम उस पर लगने वाला
है, अब उसका चंपा के घर जाना ख़तरे से खाली नही था, पर उसे चंपा की फ़िक्र
होने लगी थी

दीपक: कही मेरी वजह से चंपा को कुछ हो गया तो , चंपा मुझे माफ़ कर देना
दीपक अंधेरे मे बैठा आगे की सोच रहा था के उसे अब क्या करना है ,रात घिर
गयी थी उसे अपने रात के रुकने का इंतज़ाम करना था

...

चंपा खोली के बाहर खड़ी बड़ी देर से दीपक का इंतेज़ार कर रही थी ,कुछ देर
बाद 3लोगो को अपनी तरफ आता देखा ,जब वो लोग पास आए उसमे से दो ने पोलीस की
वर्दी पहनी हुई थी,चंपा घबरा के खोली के अंदर भागी,सामने चंदू ने उसे
घबराया देख उससे पूछा

चंदू: क्या हुआ,इतना डर क्यू रही है

चंपा: पोलिसेवाले आ रहे है

ये सुनते ही चंदू की साँसें रुक गयी

चंदू: ये सब वो तेरे साहब की वजह से हुआ है,मुझे भी क्या ज़रूरत थी तुमलोगो
की मदद करने की ( गुस्से मे बोला)

इतना बोलते ही,पोलीस वाले भी किशन के साथ खोली मे घुसे

हवलदार ने क्षण किशन की तरफ देखा

किशन: ये चंदू है

पोलीस वालो ने आगे बढ़ कर उसे पकड़ा

चंदू: मुझे किस लिए पकड़ रहे हो मेने कुछ नही किया,जाने दो मुझे ( रोते हुए
बोला),किशन तू बचा ले मुझे मेने कुछ नही किया

हवलदार: आइ छोकरी चल हमारे साथ थाने

किशन वही खड़ा था पर कुछ बोला नही

हवलदार दोनो को खोली से बाहर ले कर आए , लोगो की भीड़ घर के बाहर थी , उसमे
से कुछ चंदू और चंपा को जानने वाले भी थे

....

दीपक रास्ते पे चल रहा था , जेब मे कुछ पैसे भी नही थे , किसी होटेल मे रात
भी कैसे गुज़ारता , कुछ सोचा और अपने कदम आगे को बढ़ा दिए

...

हवलदार दोनो को लेकर पोलीस स्टेशन मे पहुचे

हवलदार: साहेब ये चंदू है

राणे ने अपनी नज़रे फाइल से हटाते हुए , उपर करी , सामने चंदू और चंपा को
खड़ा देखा , चंपा उसे जानी पहचानी लगी

राणे: (हवलदार से पूछा) एई लड़की कौन है

हवलदार: साहब ये भी उसी खोली मे मिली हमे

राणे को याद आया के वही लड़की है जो उस चोर की प्रेमिका थी

राणे: तुम ऊ चोर की लवर है ना (चंपा से बोला)

चंपा चुप खड़ी रही कुछ बोली नही

राणे: लवर चेंज कर लिया का

चंपा ने गुस्से से राणे की तरफ देखा

राणे: अरे एई का तो टेमप्रिटर हाइ हो गया , ह्म्*म्म कम करना पड़ेगा उषा जी
इधर आइए

पास के बेंच से लेडी पोलीस खड़े हो कर राणे की टेबल के पास मे आई और चंपा
के बगल मे खड़ी हो गयी
राणे: हमरी बात का ठीक से जवाब दीजिए वरना एई जो उषा जी है ना बहुत गूंगी
लड़कियो की आवाज़ खुलवा दी है समझी का
चंपा ने पास खड़ी उषा की तरफ़ देखा , वो एक मोटी लंबी चौड़ी औरत थी

उषा जी: साहेब के सवाल का जवाब दे , वरना मे तुझे अभी ठीक करती हू

राणे: अरे उषा जी काहे इतना गुस्सा करती है , एई सब बोलेगी , अभी बोलेगी
पहले ज़रा एई इसके लवर से तो मिल ले

राणे अपनी सीट से खड़ा हुआ , और चंदू के पास गया

राणे : तुम सत्या का खून किए ना

चंदू: (रोते हुए बोला) नही साहब मेने कुछ नही किया

राणे: तो का हम किए , अरे बाबूराम मेहमान आए है खातिरदारी करो भाई

हवलदार ने आगे बाद कर चंदू के बॉल पकड़े और टेबल पे ज़ोर से मार दिया ,
चंदू के मूऊ से चीखे निकल पड़ी और वो नीचे गिर पड़ा , उसका माथा एक दम लाल
पड़ चुका था

राणे: चंदू भाई और सेवा करे

चंदू , राणे के पाँवो मे गिर पड़ा

चंदू: (रोते हुए बोला) साहब मेने कुछ नही किया , वो खून इसके साहब ने किया
है (चंपा की तरफ इशारा किया)

चंपा ने अपना चेहरा नीचे कर लिया और कुछ बोली नही
राणे: कौन सा साहब

चंदू : साहब वो जिसके घर मे कुछ दिन पहले उसने खुद अपने बाप और बेहन का खून
किया था

राणे: दीपक

चंदू: हां साहब

चंपा अभी भी अपना सिर झुखाए खड़ी थी

राणे: अब सब जल्दी-2 बोल वरना तेरी सेवा करना शुरू करू

चंदू ने सब कुछ बताना शुरू किया

राणे आराम से बैठा सब कुछ सुन रहा था , उसको अपने कुछ सवालो का जवाब भी मिल
रहा था , जिसकी वो तलाश मे था

चंदू ने सब कुछ बताया जितना वो जानता था,

राणे : खाना खाए का (चंदू से पूछा)

चंदू बड़ी हैरानी से देख रहा था

राणे: अरे खाना खाए का

चंदू : ना...नही

राणे: बाबूराम खाना खिलाओ भाई , भूखे पेट है बेचारा

हवलदार के चेहरे पे हल्की सी हसी थी , पोलीस स्टेशन से बाहर हुआ खाना लाने
के लिए

राणे: तुहार नाम का है (चंपा से बोला)

चंपा

राणे: तुम का पता है , तुम इतने दिन जैल से भागे कैदी को अपने साथ रखे ,
तुझे सज़ा भी होसकती है

चंपा: मेरे साहब जी ने कुछ नही किया , वो बेकसूर है

राणे: तुहार कहने से मान ले का , कोई सबूत
चंपा: अगर वो खूनी होते तो उनको जान से मारने की कोशिश किसने की

राणे: बच तो गया , और ऐसे लोगो के दुश्मन भी तो हो सकता है

चंपा: कोई उनका पीछा कर रहा था

राणे: पर ऊ तो तुहार पीछे था , उसका का होता

चंपा ने अपनी आँखें उपर की और राणे की तरफ देखा

चंपा: सब जानते है , पोलीस सिर्फ़ बेकसूरो को ही पकड़ती है

राणे: उषा जी इसे हवालात मे डालो

उषा जी उसे अपने साथ खिचते हुए हवालात के अंदर ले गयी

हवलदार: सर इनकी एंट्री करू रिपोर्ट मे

राणे: नही यार , अभी रूको

राणे अपने दिमाग़ पर ज़ोर देने लगा था , घड़ी के तरफ नज़र डाली रात के
10:30 बज रहे थे , फोन उठाया नंबर डाइयल किए

राणे: कहा तक पहुचे भाई

डीटेक्टिव: सर कुछ मिला है , पर वो यहा शहेर मे नही है , आस पास के लोगो से
कुछ पता लगा है

डीटेक्टिव ने कुछ और बाते राणे को बताई और फोन काट दिया

राणे ने हवलदार को अपने पास बुलाया
राणे: एक स्लिप हवलदार को दी , इस फोन नंबर की कॉल डीटेल चाहिए जल्दी और
हां इस नंबर की सारी कॉल टॅप करो समझे

दीपक एक बंगल के सामने पहुचा , डोरबेल बजाई , दरवाज़ा खुला नौकर बाहर निकल
के आया

दीपक: मयूर साहब है

नौकर: नही वो नही है

दीपक: आंटी होंगी

नौकर: आप कौन

दीपक: दीपक

नौकर: रुकिये पूछ के आता हू

नौकर अंदर गया वीना को दीपक के आने की खबर दी , वीना अपने कमरे से भागते
हुए दरवाज़े के पास पहुचि, सामने दीपक को खड़ा देख वो खुश थी

वीना: आओ बेटा अंदर आओ

वीना ,दीपक को अंदर ले कर आई

वीना: बेटा तुम्हे बहुत दिन बाद देखा है

दीपक: आंटी आप तो सब जानती है के मुझ पर क्या इल्ज़ाम है

वीना: बेटा मे नही मानती , मे तुम्हारे परिवार को 25 साल से जानती हू , और
मे कभी नही मान सकती के तुम ऐसा पाप करोगे

दीपक: आंटी आज रात मुझे छिपने के लिए कोई जगह चाहिए

वीना: बेटा ये तुम्हारा ही घर है , जब तक चाहो तब तक रहो यहा

वीना ने नौकरो को खाना लगाने के लिए बोला

वीना: चलो बेटा खाना खा लो , मे जानती हू तुम किस स्तिथि से गुज़र रहे हो ,
पर तुम्हे अपनी सेहत का ख़याल रखना चाहिए चलो आओ
दोनो टेबल पर बैठे

दीपक: आंटी , अंकल कहा है

वीना: बेटा वो काम के सिलसिले मे बाहर गये है , कल वापस आ जाएँगे , चलो अब
खाना शुरू करो
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RE: Free Sex Kahani कौन सच्चा कौन झूठा - by sexstories - 08-28-2018, 11:50 PM

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