RE: Kamukta Story कामुक कलियों की प्यास
उस आवाज़ को सुनकर धरम अन्ना के होश उड़ गए वो टीना थी, धरम अन्ना की बेटी और मुझे भी कुछ समझ नहीं आया कि ये क्या हो गया? धरम अन्ना अपनी ही बेटी के साथ छिछी… सोच कर ही घिन आ गई…!
धरम अन्ना को जब समझ आ गया तो जल्दी से उठकर नीलेश के कान में कहा, “चुपचाप बाहर की तरफ भागो… अपने कपड़े साथ लेकर ये मेरी बेटी टीना है…!”
एक मिनट के अन्दर दोनों दरवाजे की तरफ लपके, मैं एक कोने में खड़ी हो गई। जब वो भागे उनकी नज़र मेरे पर गई, नीलेश कपड़े हाथ में लिए आगे था
और धरम अन्ना पीछे मुझे देख कर उसने मुँह छुपाने की कोशिश की, पर मुझे तो सब पता था।
शरद- गॉड… धरम अन्ना अपनी बेटी के मम्मों को चूस रहा था..! कैसा फील हुआ होगा उसको… जब उसको पता चला…!
ललिता- उस कुत्ते के साथ सही हुआ ना.. जाने कितनी लड़कियों के साथ उसने गंदा किया होगा…!
शरद- अच्छा उनके जाने के बाद क्या हुआ?
ललिता- उनके जाने के बाद भी टीना चिल्ला रही थी। मैं जल्दी से अन्दर गई उसको संभाला, वो बहुत डरी हुई थी, मैं नहीं चाहती थी कि उसको पता चले कि उसका बाप ही वो वहशी था।
मैंने कहा- तेरे पापा को फ़ोन कर देती हूँ कि यहाँ ऐसा हो गया..!
टीना- नहीं नहीं तुम पागल हो क्या.. हमारा घूमना-फिरना सब बन्द हो जाएगा, तुम ऐसा कुछ मत करो और किसी को भी बताना मत जो हुआ…!
मैंने उसको कहा- अपने कपड़े पहन लो मैं लाइट ऑन करके आती हूँ, वो कपड़े पहनने लगी और मैंने मेन लाइन ऑन कर दी और हम जाकर सो गए।
शरद- लेकिन धरम अन्ना को कैसे पता चला तुमने वीडियो बनाई है?
ललिता- आप सुनो तो, उस रात के दो दिन बाद टीना के घर में मेरा सामना धरम अन्ना से हो गया। उस समय मैंने बहुत सेक्सी ड्रेस पहना था, उसकी आँखों की चमक
देख कर मेरा मूड खराब हो गया। मैंने उसको सुना दिया और बता भी दिया कि मुझे सब पता है। सब सुनकर उसके तो होश उड़ गए। उस दिन के बाद कई बार उसने मेरे पर हमला करवाया, ताकि मैं डर कर वो वीडियो उसको दे दूँ।
शरद- लेकिन धरम अन्ना मान कैसे गया कि तुमने वीडियो बनाई होगी।
ललिता- मैंने उसको हर वो बात बताई जो उन दोनों के बीच हुई थी, तब उसको मानना पड़ा और बस मेरे पीछे पड़ गया। तब मैंने राजू को झूठमूट का गुंडा बनाकर धरम अन्ना को फ़ोन पर धमकी दिलाई कि वीडियो मेरे पास है, अगर ललिता को टच भी किया ना, तो गर्दन काट दूँगा। बस धरम अन्ना आ गया लाइन पर…!
शरद- यार मान गया तेरे दिमाग़ को, साली तू रंडी ही नहीं माइंडेड भी है। तूने अशोक को भी अपने जाल में फँसा लिया। वैसे अच्छा ही किया तूने। मुझे दो खूबसूरत हसीनाओं को मारना पड़ता। अब मैं तुम दोनों बहनों को नहीं मारूँगा, बल्कि तुम्हारी मारूँगा हा हा हा हा…!
ललिता- हा हा हा सही कहा आपने, अब आप प्लीज़ वो पेपर धरम अन्ना से ले लो और उसको समझा दो, मेरे से दूर रहे, वरना टीना को सब बता दूँगी।
शरद- अच्छा अच्छा ठीक है, चल कपड़े पहन तेरे को घर छोड़ कर आता हूँ… चुदाई बहुत हो गई, अब थोड़ा काम करने दो…!
ललिता और शरद रेडी होकर निकल जाते हैं। ललिता को घर छोड़ कर शरद धरम अन्ना के पास उससे पेपर लेने के लिए जाता है और धरम अन्ना को सब बता देता है कि उसने उनको कैसे माफ़ कर दिया।
धरम अन्ना- अच्छा किया जी ऐसे बदला लेना ठीक नहीं… उनको सज़ा तो मिल ही गई, लो जी हम पहले ही रेडी रखा सब…!
शरद- थैंक्स, मैं इसे उन लोगों के सामने सब जला दूँगा। अच्छा धरम अन्ना एक बात तो बताओ, ललिता और तुम्हारा क्या है? तुमने कुछ बताया नहीं?
धरम अन्ना- अईयो शरद हमको शर्मिंदा मत करो जी हम अच्छे से जानता, तुम सब पता लगा कर आया जी…!
शरद- सॉरी धरम अन्ना, मेरा इरादा तुमको दर्द देने का नहीं था, मगर वो नीलेश कौन था? तुम जैसा समझदार आदमी ऐसी ग़लती कर बैठा।
धरम अन्ना- अईयो अब क्या बोलेगा जी, बस हो गई ग़लती लेकिन उस कुत्ते को हम सबक़ सिखा दिया जी, जो पापा हम किया उसकी सज़ा उस कुत्ते को देदी जी।
शरद- क्या मतलब उसका क्या किया?
धरम अन्ना- भगा दिया साला हरामी, उसकी वजह से हम अपनी बेटी को अब देख भी नहीं सकता जी इसी लिए पूरा फैमिली को गाँव भेज दिया जी। हमको बहुत
बुरा लगना जी। बस उस लड़की से वो वीडियो लेलो जी। हमारा एक ही बेटी, अगर उसको ये पता चला तो हम मर जाएगा जी…!
शरद- मैं वादा करता हूँ, ऐसा कुछ नहीं होगा मैं ललिता से वो वीडियो ले लूँगा। बस मेरा आख़िरी काम कर दो। कोई दो भाड़े से काले आदमी दे दो, जिनका
लौड़ा पावरफुल हो। उन दो लड़कों की गाण्ड मारनी है। सालों को जान से नहीं मार सकता, कम से कम सज़ा तो देनी ही होगी न… ताकि जिंदगी में याद
रखें।
धरम अन्ना अपने दो काले-कलूटे आदमी शरद के साथ भेज देता है। धरम अन्ना को समझा कर शरद दोनों आदमियों को लेकर वहाँ से चला जाता है। जब शरद फार्म पर पहुँचता है, तब अशोक और सचिन वहीं बाहर मिल जाते हैं।
अशोक- अरे यार कहाँ चला गया था? ललिता कहाँ है और ये दोनों कौन हैं?
शरद- सब बताता हूँ अन्दर तो चलो यारों।
सब के सब बेसमेंट में जाते हैं।
सुधीर- भाई प्लीज़ हमें जाने दो प्लीज़।
शरद- जाने दूँगा पहले दोनों नंगे हो जाओ।
दोनों ‘ना-नुकुर’ करते हैं, तो शरद उनको धमकाता है और दोनों नंगे हो जाते हैं।
सचिन- यार तुम कर क्या रहे हो बताओ तो…?
शरद- तू कैमरा ला, सब समझ आ जाएगा।
सचिन के जाने के बाद शरद उन दो हैवानों को इशारा करता है। दोनों नंगे हो जाते हैं, उनके काले नाग जैसे लौड़े देख कर सुधीर की हालत खराब हो जाती है। बहुत बड़े और मोटे जो थे।
अंकित- भाई ये क्या हो रहा है?
शरद- सालों तुमने बहुत मज़े लिए ना.. अब ये दोनों तुम्हारी गाण्ड मारेंगे और हम देख कर मज़ा लेंगे।
दोनों की हालत खराब हो जाती है। रोने लगते हैं पर उनके सामने कहाँ उनकी चलती। सचिन कैमरा ले आता है और अब उसको अपने सवाल का जबाव मिल गया था।
सचिन- बहुत खूब भाई… ये आइडिया अच्छा है सालों की गाण्ड मारने के लिए आदमी तो तगड़े लाए हो आप…!
वो दोनों आदमी उनको डरा-धमका कर उनकी गाण्ड मारने लगते है। एक घंटा तक दोनों की गाण्ड बदल-बदल कर मारते हैं और उनका दर्द के मारे बुरा हाल
हो जाता है। सचिन पूरा वीडियो बना लेता है, जब वो थक कर चूर हो गए, तब शरद ने उन दो आदमियों को बापस भेज दिया और उन दोनों को भी धमकी देकर
भगा दिया कि अब अगर कभी भी किसी की मजबूरी का फायदा उठाया तो ये वीडियो आम हो जाएगा। सब तुम्हारे इस कार्यक्रम को देख कर हँसेंगे।
वो दोनों भी हाथ जोड़कर माफी माँगते हुए वहाँ से भाग जाते हैं।
दोस्तों अब सब ठीक हो गया था। ये सब फ्रेंड बन गए थे और दोनों बहनों की रोज चुदाई करते थे। अब तो अमर घर पर भी दोनों बहनों को नंगी करके
उन दोनों के साथ ही सोता और चोद कर मज़े भी लेता। अब ये तो आप खुद समझदार हो कि अमर चोदता है या वो दोनों अमर को और हाँ अशोक और
सचिन भी इनके घर आने-जाने लगे हैं। अब तो बस सब को चुदाई का मज़ा मिलता है। अमर के दिल में था कि धरम अन्ना की बेटी या सचिन की बहन को
चोदे, पर सचिन तो अनाथ निकला, उसके आगे पीछे कोई है ही नहीं और टीना आपने गाँव में है, तो उसको चोदना भी मुमकिन नहीं। आप सोच रहे
होंगे, उसको टीना का कैसे पता चला, तो यारों ललिता ने बताया और कैसे पता होगा।
अब तो कभी-कभी इनमें ग्रुप-सेक्स भी होता है। ललिता का स्टेमिना रचना से ज़्यादा है। वो आजकल तो चारों को एक साथ ठंडा करने लगी है।
आइए उस दिन के एक महीने बाद क्या हुआ आपको बताती हूँ? शरद और अमर नंगे अपने लौड़े ललिता के मुँह में डाल रहे थे, तभी अशोक और सचिन भी आ जाते हैं।
अशोक- अरे वह भाई आपने तो प्रोग्राम शुरू भी कर दिया। रूको हम भी कपड़े निकाल कर आते हैं। आज साली रचना की चूत तो चोदने लायक नहीं है।
खून फेंक रही है रंडी…!
सचिन- अरे यार ये तो हर महीने का रोना है कभी ललिता तो कभी रचना साली दोनों का कभी एक साथ हो गया ना.. तो मज़ा खराब हो जाएगा….!
वो दोनों भी नंगे होकर ललिता को लौड़ा चूसने लगते है।
शरद- आआ आह चूस रानी आ..हह.. मज़ा आ रहा है उफ़फ्फ़ आ…!
अमर- उफ्फ साली मेरी बहन होकर मेरे लौड़े को कम चूस रही है..! आ..हह.. साली पक्की रंडी है तू, आ आ..हह.. हाँ बस ऐसे ही चूस आ..हह.. अरे क्या हुआ..!
बस इतना ही..! शिट साली… अशोक का ले लिया मुँह में उफ्फ मज़ा आ रहा था…!
सचिन से बर्दाश्त नहीं हुआ, तो वो नीचे लेट गया और लौड़ा चूत में डाल दिया। अब ललिता उकडूँ बैठी चुद भी रही थी और लौड़े चूस भी रही थी।
ललिता- आह आआआ..हह.. आईईइ फक मी ह ह ह छोड़ो आह सब चोदो आह मेरी चूत और गाण्ड का भुर्ता बना दो अहह आआआअ…!
समाप्त
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