RE: Antarvasna फुद्दि सिर्फ़ लंड मांगती है
अबू के जाने के बाद मैने सोचा कि अबी ऐसे ही लेटा रहना चाहिए नही तो पॉल खुल जाय गी कि मैं बीमार नही हूँ सिर्फ़ ड्रामा कर रहा हूँ
कुछ देर तो घर मे हलचल की आवाज़ें आती रही लेकिन फिर खामोशी छा गई
फिर अम्मी मेरे रूम मे आईं और कहा कि नसीर उठो और खाना खा लो मैने कहा कि अम्मी मुझे भूक नही है
अम्मी ने कहा चलो उठो मुझे पता है कि तुम ठीक हो और सिर्फ़ ड्रामा कर रहे हो
मैने कहा नही अम्मी मुझ से वाकई हिला भी नही जा रहा
तो अम्मी ने कहा नसीर क्या तुम वाक़ई बीमार हो
मैने कहा जी अम्मी
अम्मी ने कहा चलो मैं तुम्हे डॉक्टर के पास ले चलती हूँ मैने कहा नही अम्मी आप मुझे पेनाडॉल की 2 गोलियाँ दे दो मैं ठीक हो जाउन्गा
अम्मी गई और मेरे लिए खाना और 2 गोलियाँ ले आईं मैने खाना खाया और गोलियाँ छुपा दी
फिर अम्मी ने आ के बर्तन उठा लिए तो मैने कहा अम्मी प्लज़्ज़्ज़ मुझे उठाना नही किओं कि मैं आराम करूँगा तो मेरी तबीयत ठीक हो जाएगी
अम्मी मेरी बात से कुछ खुश नज़र आने लगी और मैं भी ये ही चाहता था कि अम्मी ने जो बनी करना है खुल के करें और मुझ से ना डरे
अम्मी के जाने के बाद मैं काफ़ी देर ऐसे ही लेटा रहा और सोचता रहा क्या अम्मी किसी के साथ कुछ करेंगी आज रात कि नही
रात के करीब 11 का टाइम हो गा अम्मी मेरे रूम मे आईं और मुझे आवाज़ दी नसीर बेटा नसीर
लेकिन मैं चुप कर के लेटा रहा अम्मी मुझे कुछ देर आवाज़ देने के बाद चली गई
तभी मुझे बाहर का डोर खुलने और फिर बंद होने की आवाज़ सुनाई दी लेकिन मैं अपनी जगह से हिला भी नही क्योकि हो सकता है कि ये अम्मी की कोई चाल हो
मैं 30 मिंट तक इसी तरहा लेटा रहा लेकिन जब मुझे किसी तरफ से कोई आवाज़ नही सुनाई दी तो मैं आराम से उठा और बाहर निकल आया
बाहर आते ही मैं सीधा अम्मी के रूम की तरफ गया लेकिन रूम का डोर क्लोज़ था लाइट ऑन थी मैने आराम से डोर पे ज़ोर दिया लेकिन वो बंद था
मैं वहाँ से हटा और सीधा सीढ़ियो की तरफ गया और वहाँ से दीवार के रोशनदन को देखा लेकिन वहाँ भी मैं नही पहुच सकता था
फिर मैं विंडो की तरफ गया तो वो हल्की सी खुली हुई थी और मैं रूम मे देखने लगा रूम का पहला सीन जो मैने देखा वो बड़ा ही मस्त था
क्योकि अम्मी मेरे खलू अस्घर के लंड पे उछल रही थी और खलू बेड पे लेटे हुए थे
ये नज़ारा देख के मुझे मज़ा भी आया लेकिन अपनी गश्ती मा पे गुस्सा भी कि वो घर मे लंड को छोड़ के बाहर क्यो चुदने जाती है
ये सब सोचते ही मेरा लंड जो कि पहले ही खड़ा था बेकाबू होने लगा तबी रूम का मंज़र बदल गया अब अम्मी नीचे लेटी हुई थी और खलू ऊपर
क्योकि खलू की कमर मेरी तरफ थी इस लिए खलू तो मुझे नही देख सकते थे और देखते भी क्यो वो तो मज़े से मेरी मा चोद रहे थे
लेकिन अम्मी ने मुझे विंडो मे खड़ा हुआ देख लिया जैसे ही हमारी नज़र मिली मैने इशारे से कहा लगी रहो चुप चाप
और मैं उन दोनो की चुदाई देखने लगा खलू अम्मी की फूली हुई फुदी मे से अपना पूरा लंड निकालते और फिर पूरी ताक़त से घुसा देते मेरी मा की फुद्दि मे
कुछ देर इसी तरहा चुदाई के बाद खलू ने अपना लंड अम्मी की फुद्दि मे से बाहर निकाला और अम्मी को कहा कि चूसो
लेकिन अम्मी ने मना किया तो खलू ने कहा साली गश्ती पहली बार मुँह मे लेने के लिए तो नही कह रहा जल्दी कर मुझे जाना भी है
और फिर जैसे ही अम्मी ने खलू के लंड को अपने मुँह मे लिया पता नही मुझे क्या हुआ मेरे लंड मे से पानी निकलने लगा
पानी निकालने के बाद मैं अपने रूम मे आ गया तभी मुझे बाहर के डोर के खुलने और बंद होने की आवाज़ सुनाई दी जिस से मैं समझ गया कि खलू चले गये हैं
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