RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
" कुछ तो समझो शिवानी ..बस कुछ दिन और रुक जाओ ....प्लीज़.." शशांक समझाने की कोशिश करता है
" ठीक है भैया ..मुझे बस दीवाली गिफ्ट चाहिए ...वरना मैं अपने अंदर मोम बत्ती डाल कर , आप के लिए रास्ता सॉफ करूँगी अभी के अभी ..फिर जो दर्द होगा मुझे ..आप बर्दाश्त कर लेना ..." शांति ने एमोशनल ब्लॅकमेल का रास्ता अपनाया.. .उसकी इस .धमकी ने कुछ असर किया ..
शशांक जानता था शिवानी के लिए यह कुछ मुश्किल काम नहीं था ..अपनी ज़िद में कुछ भी कर सकती थी ...और उसकी संकरी सी..पतली सी चूत में कॅंडल अंदर जाना और उसकी झिल्ली का फटना ...यह सोच कर ही शशांक कांप उठा ..
वो बनावटी गुस्सा दिखाता हुआ उसके चेहरे पर एक हल्का सा थप्पड़ लगाता है
" तू पूरी पागल है ..पूरी ...."
" हां मैं पागल हूँ भैया ..मैं हूँ पागल .... बस मुझे दीवाली गिफ्ट चाहिए और अभी चाहिए ..अभी चाहिए ..भैया प्लीज़ अभी चाहिए .." वो शशांक की गोद में कांप रही थी ....और बार बार शशांक के उभार को दबाती जा रही थी ..शशांक भी उसकी इस हरकत से सीहर उठ ता है
वो फिर से शिवानी का चेहरा अपनी तरफ करता है ....उसकी आँखों में देखता है ....उसे ऊन आँखों में एक बड़ी बेताबी , हसरत और ललक दिखाई दी ... मानो भैया से गिफ्ट की भीख माँग रही हो...
" उफफफफ्फ़..यह लड़की ...." शशांक अपने मन ही मन कहता है ..
उसे अपने सीने से चीपका लेता है ....गोद में भर लेता है ...उसके होंठों को अपने होंठों से जाकड़ लेता है ..उन्हें चूस्ते हुए अपने कमरे की ओर बढ़ता जाता है ....
शिवानी अपने आप को उसके मजबूत कंधों और चौड़े सीने पर छोड़ देती है...... अपने आप को भैया के सुपुर्द कर देती है ..... उसका पूरा शरीर ढीला है शशांक की बाहों में ....
आनेवाले पलों की कल्पना मात्र से शिवानी झूम रही है ..सीहर रही है ....
शशांक अपने कमरे का दरवाज़ा अपने पैर से धकेलते हुए पूरा खोल देता है और शिवानी को अपने कंधों पर लिए अंदर प्रवेश करता है.....
शशांक धीरे धीरे चलता हुआ अपने बेड तक पहूंचता है ...अभी भी बिस्तर बेतरतीब हैं ....सुबेह उठने के बाद वैसे का वैसे ही पड़ा था उसका बीस्तर .....शशांक उसे लिटा देता है , उसके हाथ शिवानी के गले को थामे लिटा ता है..शिवानी की गर्दन तकिये पर है और उसके बीखरे बाल तकिये के बाहर और भी बीखर जाते हैं ... ... बिछी चादर , सलवटें पड़ीं और उस पर शिवानी अपने चमकते ,काले और महेकते बीखरे बालों सहित लेटी...ऐसा लग रहा था शिवानी भी शशांक के बीस्तर से कोई अलग चीज़ नहीं ..उसके बीस्तर का ही हिस्सा हो....उसके के जीवान का ही एक हिस्सा ...शिवानी के होंठों पर हल्की सी मुस्कुराहट और आँखें बंद थीं ..
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