RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
और शांति भी खुश है..उसके चेहरे पर एक शूकून है....जो किसी असमांजस की स्थिति से बाहर आ एक निष्कर्ष पर पहूंचने के बाद चेहरे पर आती है ...शांति , शशांक और अपने संबंधो के बारे एक फ़ैसले पर पहून्च चूकि थी ....कोई कन्फ्यूषन नहीं था अब..
सभी अपने अपने कमरों से तैय्यार हो कर डाइनिंग टेबल पर नाश्ते के लिए आते हैं....
शिव और शांति तो पूरी तरेह से तैय्यार हैं दूकान जाने को ...शांति आज जीन्स और टॉप में थी..इस उम्र में भी अच्छी फिगर के चलते बहोत सूट करता था उसके बदन पर... उसका ड्रेस सेन्स भी लाजवाब था ..जीन्स ना बहोत टाइट था ना लूज..बस सिर्फ़ उसके अंदर की आकृति की झलक दीख जाती ...और टॉप भी बस वैसा ही ..उसके दूध से सफेद सीने का उभार लोगों के मन में हलचल पैदा कर देता ... इतना भी नीचा नहीं कि चूचियाँ बाहर नीकल आयें ....बस घाटी तक पहून्च कर थामा था टॉप का गला ..लोगों को उसके अंदर नायाब गोलाई का अंदाज़ा दे देती....
दोनों , बच्चों से गले मिलते हैं और एक दूसरे को दीवाली की शुभकामनायें देते हैं...
शशांक मोम से गले मिलता है , उसके गाल चूमता है ,और दीवाली विश करता है...
शशांक चौंक जाता है..मोम का रवैया कुछ बदला बदला सा था ... ... रोज सुबेह जब वो मोम से गले मिलता और उसके गाल चूमता ....मोम एक मूरत की तरेह खड़ी रहती और छोटी सी बस निभाने वाली मुस्कान ले आती... मानो यह भी एक ज़रूरी काम हो ..बस निबटा दो ...
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