RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
"ह्म्म्म..बातें बनाना भी अच्छी सीख गया है तू ..." और इतना कहते हुए शांति उपर शेल्फ से कुछ सामान लेने को अपने पंजों से उपर उचकति है , नतीज़ा यह होता है उसके भारी भारी और मांसल चूतड़ , नज़दीक खड़ा शशांक के अब तक तन्ना उठे लंड से छू जाते है ..शांति को अपने चूतड़ पर चूभान महसूस होती है ....वो चौंक जाती है ..शशांक सीहर उठ ता है ...
शांति पीछे मुड़ती है ..शशांक को देखती है ..उसकी आँखें बंद थीं और चेहरे पर एक अजीब मस्ती और आनंद की झलक थी
" शशांक...! " उसकी आवाज़ में कुछ झुंझलाहट , कुछ आश्चर्य और कुछ कौतुहाल ..सभी का मिश्रण था
शशांक चौंक जाता है और उसकी आँखें खुलती है ..अपने आप को मोम से बिल्कुल चिपका हुआ पाता है ...
शशांक फ़ौरन अलग हो जाता है और मोम की झिड़की से .. पॅंट के अंदर भी सब कुछ सीकूड जाता है ..
शशांक को खुद नहीं मालूम था कब उसके पॅंट ने तंबू का शेप धारण कर लिया था ...अपनी मोम के सामने वो अपने होशो-हवास खो बैठता था ... बिल्कुल खो जाता था अपनी माँ के रूप और आकर्षक फिगर पर ...
शांति कुछ देर चूप रही , फिर नॉर्मल होते हुए कहा " बेटा तू अब जा और तुम दोनों भाई बहेन थोड़ी देर में डाइनिंग टेबल पर आ जाओ ..मैं भी बस कुछ देर में आती हूँ ..सब साथ बैठ कर खाएँगे..."
" हां मोम .." कहता हुआ शशांक फ़ौरन किचन से बाहर आ जाता है ..वो अपनी इस हरकत पर बहोत शर्मिंदा था ... पर क्या करे वो भी अपनी मोम की चाहत के सामने लाचार था ..विवश था ...
इधर शांति भी भौंचक्की थी .. उसे डांटना चाहती थी ..पर फिर इसे उसकी उम्र का तक़ाज़ा समझ अनदेखा कर देती है ... पर अपने दिमाग़ के कोने में उस से कभी बात करने की ज़रूरत का ध्यान रख लेती है ..
वो ड्रॉयिंग रूम में बैठे टीवी देख रही शिवानी का पास बैठ जाता है..उसका चेहरा अभी भी उतरा हुआ
था .... शिवानी उसे देखती है ..शशांक का चेहरा देख वो भाँप जाती है मामला कुछ गड़बड़ है...
पर उस ने उस समय कुछ कहना यह पूछना ठीक नहीं समझा ... उसका मन तो बहोत किया ..पर फिर उसके भैया के लिए प्यार और इज़्ज़त ने उसका मुँह बंद रखा ..वो समझती थी कि उसके पूछने से शशांक के ईगो को बहोत ठेस (चोट ) लगेगी ...
वो अंजान बनते हुए चहकति हुई कहती है .."उफ्फ भैया क्या इंट्रेस्टिंग सीरियल है ...तुम भी देखो ना.. " उसकी जाँघ पर हाथ मारती है...
उसकी इस हरकत पर शशांक झुंझला जाता है और कहता है " शिवानी ..क्या बच्पना है यार.. ऐसे सीरियल तुम्हें ही मुबारक....टीवी बंद करो और चलो ..मोम खाने को बोल रही हैं ..."
" भैया ..प्लीज़ मेरी सीरियल बस अब ख़त्म ही होनेवाली है ...तुम जाओ ना हाथ मुँह धो लो तब तक , मैं भी आती हूँ .."
"ठीक है बाबा मैं जाता हूँ ..यू आंड युवर सीरियल्स ..माइ फुट.."
शशांक उठता है जाने को , पर शिवानी उसके जाने के पहले उसके गाल चूम लेती है
" थॅंक्स माइ च्वीत च्वीत ब्रो.."
शशांक भून भुनाता हुआ उठता है " तू कभी नहीं सुधरेगी ...."
और शिवानी की गाल पर हल्की सी चपत लगाता हुआ वॉश लेने अपने बेड रूम में चला जाता है ...
पर शिवानी चौंक जाती है भैया के इस रवैय्ये से ....जिस जागेह उसने चपत लगाई वहाँ उसने अपनी हथेली से पोन्छा और और अपनी हथेली चूम ली ..भैया ने आज पहली बार उसके गाल चूमने पर प्यारी सी चपत लगाई थी ..वरना हमेशा बड़ी बेदर्दी से अपने गाल पोंछ लेते थे ....
शिवानी का चेहरा खील उठ ता है ...
तभी मोम की आवाज़ आती है " अरे कहाँ चले गये सब...मैने टेबल पर खाना लगा दिया है ..तुम लोग आ जाओ ,,मैं भी फ्रेश हो कर आती हूँ.."
शशांक भी तब तक वॉश ले चूका था ...और शिवानी का सीरियल भी उसे अगले एपिसोड में फिर मिलने का वादा करते हुए ख़त्म हो चूका था...
डाइनिंग टेबल पर दोनों मोम का इंतेज़ार करते हैं... !
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