RE: Maa Beti Chudai माँ का आँचल और बहन की लाज़
दोनों भाई-बहेन अपने मिशन पर जी जान से जुटे थे...
कॉलेज पहूंचते ही दोनों अपने अपने क्लास की ओर चल पड़ते हैं ..और जाते जाते शिवानी को बोलता है " देख मैं यहीं रहूँगा शाम को...तू यहीं आ जाना ..."
" ओके ब्रो' ..." शिवानी बोलती है और जाते जाते उस से गले लगा कर उसके गाल चूम लेती है ...
" उफ्फ ..यह लड़की है यह तूफान ..." बड़बड़ाता हुआ अपने गाल पोंछते हुए क्लास की ओर चल पड़ता है...
इधर शिव-शांति अपने कार में अपनी दूकान की ओर चल पड़ते हैं ..
शिव के ज़िम्मे सेल्स था ..इसलिए उसकी ऑफीस नीचे ग्राउंड फ्लोर पर ही थी ...इस से उसे अपने सेल्स स्टाफ और कस्टमर्स पर नज़र रखने में सहूलियत होती थी ..शांति पर्चेस देखती ..इसलिए उसकी ऑफीस फर्स्ट फ्लोर पे थी ..जहाँ उनका स्टोर था.
दोनों सीधा अपने अपने ऑफीस की ओर जाते हैं और अपने अपने काम में व्यस्त हो जाते हैं ..
लंच टाइम पर शिव सीधा अपनी प्यारी बीवी के ऑफीस में जाता है ...
शांति अपनी चेर पर बैठे कुछ सप्लाइयर्स के कोटेशन्स देख रही थी ...तभी शिव अंदर आता है और शांति के टेबल के सामने रखी कुर्सी खींच बैठ जाता है ..
" उफ़फ्फ़ ...आज कल कस्टमर्स कितने चूज़ी हो गये हैं ...." शिव अपने माथे का पसीना पोंछते हुए कहता है
" होंगे ही ना शिव..आज कल उनके पास कितना चाय्स है ... दूकानों की चाय्स..कपड़ों की चाय्स , ब्रांड की चाय्स ...."
" पर इतने चाय्स होते हुए भी एक बात है शांति ..अपनी दूकान में भीड़ लगी रहती है ... मान ना पड़ेगा शांति ..तुम्हारा स्टॉक इतना नायाब और एक्सक्लूसिव है .... उन्हें इतना वाइड रेंज और कहीं नहीं मिलता .."" शिव ने अपनी बीवी की तारीफ करते हुए कहा .
" हां शिव ..मैं उन्हें हमेशा औरों से कुछ अलग देना चाहती हूँ ...तभी तो मैने इस बार हॅंडलूम के खास डिज़ाइन्स मँगवाए ..."
शिव अपनी कुर्सी से उठता है , शांति की तरेफ बढ़ता है ..शांति उत्सुकतावश आँखें बंद कर लेती है ...
" हां शांति ...तभी तो मैं कहता हूँ ना तुम्हारे बिना मैं कुछ भी नहीं .." और खड़े खड़े ही उसकी बंद आँखों को चूमता है ...उसका चेहरा अपने हाथों में लेता है ..उसके गाल चूमता है और फिर शांति को अपने हाथों से थामते हुए अपने सामने खड़ी करता है , सीने से लगा उसके होंठों को बेतहाशा चूमता है....
शांति भी कुछ देर तक उसके चौड़े सीने से अपना मुलायम और गुदाज सीना लगाए आत्मविभोर हुए , आँखें बंद किए खो जाती है ...आनंद के सागर में गोते लगाती है...
" आआआः ..अब बस भी करो ना शिव ...देखो कोई आ गया तो..?? चलो मुझे तो जोरों की भूख लगी है "
शिव शांति के इस प्यार भरे उलाहने से वापस धरती पर आ जाता है....दोनों साथ साथ ऑफीस के डाइनिंग टेबल की ओर बढ़ते हैं ....लंच उनका इंतेज़ार कर रहा होता है...
|