RE: Hindi Sex kahani मेरी बर्बादी या आबादी
मेरा गला रूंधा हुआ था ..मुझ से कुछ बोला नहीं जा रहा था ... मेरी आँखों से भी लगातार आँसू टपक रहे थे ...पर भारती चूप थी और उस ने मेरी ओर देखते हुए अपने कदम आगे बढ़ाए ,,मेरे सर को अपनी छाती से लगा लिया ...मेरा सर सहलाते हुए कहा " मत रो प्रीतू , मत रो .. मैं मर जाऊंगी ...मत रो ... भगवान को शायद यह नहीं मालूम हम हमेशा प्यार कर सकते हैं ..दूख में भी ... मैं तुम्हें और क्या दे सकती हूँ ..आओ हम ऐसे प्यार करें एक दूसरे को के हमेशा याद रहे ..जिंदगी भर ....आओ राजा ..आज मैं तुम्हें इतना प्यार दूँगी ..हम दोनों के लिए जिंदगी भर की यादगार बन जाएगी ..."
और उस ने मुझे अपने से चिपका लिया , चूमने लगी पागलों की तरेह , और खींचते हुए बेड रूम की ओर ले चली.
मुझे खींचते हुए भारती ने पलंग पर लीटा दिया ...और एक झटके में अपने सारे कपड़े उतार दिए ..फिर मेरे बगल में आ कर मेरे भी कपड़े उतार दिए ..और साथ में कहती जाती ...
."आज आखरी बार है ..मेरे राजा ..मैं तुम्हें अपने आप में समाँ लूँगी ..जानू....तुम्हे हमेशा के लिए अंदर ले लूँगी ..तुम्हारा स्वाद ..तुम्हारा सब कूछ ...सब कुछ पी जाउन्गि ...हां मेरे राजा ..मेरे प्रीतू ..."
मेरे उपर भारती भूखिशेरनी की तरेह टूट पड़ी..मुझे चूम रही थी ,,चाट रही थे चूस रही थे ..कभी मेरे निपल्स ..कभी मेरे होंठ ..और उस ने अपनी चूत मेरे मुँह की तरफ कर दी ...और कहा "चूसो राजा ..आज तुम भी चूसो ..मेरी चूत तुम्हें अच्छी लगती है ना जानू..आज चूस लो ..पेट भर लो मेरी रस से ...इतना चूसो के मेरा सारा पानी अंदर चला जाए ..चूसो ना ..चूसो..."
और उस ने मेरे मुँह के दोनों ओर अपनी टाँगें फैलाते हुए अपनी चूत मेरे मुँह के बिल्कुल करीब कर दिया अपने मुँह में मेरा मुरझाया लॉडा ले लिया ...और चूसने लगी जैसे कोई भूखा बच्चा अपनी माँ के स्तन से दूध चूस्ता है..अपने हाथों से मेरे बॉल्स भी सहालती जाती ...और लॉडा चूस्ति जाती ..चूस्ति जाती ....पागलों की तरेह ..मैं भी उसकी चूत चाट रहा था ..उसकी जंघें चाट रहा था ...और उसकी चूत से लगातार पानी रिसता जा रहा था ..मैं पूरे का पूरा अंदर ले लेता .....मेरा भी पानी लगातार छूट रहा था और भारती उसे चाट ती जाती ..पीती जाती ....हम दोनों एक दूसरे का टेस्ट , रस , और एक एक अंग चाट चाट कर अपने अंदर समा लेना चाह रहे थे ... पागल थे ..मैं झटके देता उसकी मुँह में झाड़ गया ..उस ने पूरे का पूरा अंदर ले लिया ...
उस रात जाने कितनी बार मैं झाड़ा और हर बार उस ने मेरा पूरा वीर्य अंदर ले लिया ..फिर लौडे के बाहर का भी रस चूस जाती ..और फिर से मुँह में ले कर चूस्ति ..चूस्ति जाती .....रात भर मेरा लॉडा उसकी मुँह में था ... उसकी चूत मेरे मुँह में ..
चुसते चूस्ते थक कर उम दोनों कब सो गये पता नहीं ...
सुबेह जब नींद खूली तो देखा भारती के मुँह से मेरा लॉडा अभी भी सटा हुआ था ..होठों से छूता हुआ सिकूड गया था ..और मेरा मुँह उसकी चूत से सटा था ..दोनों अगल बगल .आमने सामने लेटे थे.
भारती की चूत के पानी का टेस्ट मेरे मुँह में इस कदर समा गया था शायद जिंदगी भर नहीं निकल पाए ..और शायद यही हाल भारती का भी होगा ..मेरे वीर्य के टेस्ट से ..
मैने उसकी चूत चाट ते हुए उसे जगाया और उस ने भी मेरे लौडे को चाट ते हुए पूरा साफ कर दिया और उठ बैठी ..उसके होठों पर मेरा वीर्य फैला था ..मैने उन्हें अच्छी तरेह चाट ते हुए साफ कर दिया ..बाहर कोई निशानी नहीं थी ..पर अंदर हम दोनों एक दूसरे में समाए थे ... भरे थे ..शायद कभी भी नहीं जानेवाले स्वाद के रूप में. भारती की याद ... भारती का अनोखा अंदाज़ ...आज भी मेरे अंदर है.....
भरे मन से मैने कपड़े पहने ...भारती वैसे ही लेटी थी ....आँखें खूली थीं और वो मुझे एक टक देखे जा रही थी ....बातें कुछ नहीं हो रही थी , पर अंदर तूफान था..
मैं चूप चाप घर वापस आ गया ....दूसरे दिन मेरी बीबी भी आ गयी ..मैने उसे पॅकिंग वग़ैरह करने के लिए बूला लिया था ....और फिर हम भारती को ..उसकी सुनेहरी यादों को ..उन यादगार घड़ियों को , पीछे छोड़ते हुए चल पड़े अपने नये मुकाम की ओर..
पर क्या कभी भारती की याद जाएगी ?? ..उसकी बातें ख़तम होंगी ??.....कभी नहीं !!...जब तक मैं जिंदा हूँ भारती मेरे अंदर है ,उसका स्वाद ..उसका रस उसकी खूशबू .....हमेशा रहेगी ...
भारती आइ लव यू ....आइ लव यू भारती.........!!!!!!!!!
समाप्त
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