RE: Hindi Sex kahani मेरी बर्बादी या आबादी
अगले दिन भी शाम को मैं बस रोज की तरह वेरांडे में बैठा था ... पेपर पर निगाहें थीं पर दिल था गेट की तरफ ... मेरे दिल की पुकार स्वेता ने सुन ली और चहकति हुई अंदर आई और मेरे बगल की कुर्सी खींचकर बैठ गयी ...
"हाल कैसा है जनाब का ..?? " उस ने तपाक से पूछा ...
"क्या ख़याल है आपका ..???" मैने भी तपाक से सवाल में ही जवाब दिया ...
"ही ही ही ही....तुम भी यार मस्त हो.... मतलब सब ठीक ठाक है ...""
" अब इतना सेहतमंद आइस क्रीम का डिज़र्ट ( खाने के बाद मीठा ) लेने के बाद हाल तो अच्छा होना ही है ...." मैने चुटकी लेते हुए कहा ..
स्वेता ने आँखें फाड़ते हुए मुझे देखा और कहा " ह्म्म्म ..सेहतमंद ...???" और फिर जोरों से हंस पड़ी ....
" हां स्वेता एक दम सेहतमंद , स्वादिष्ट और नशीला भी.... देखो एक साथ कितनी तरह का टेस्ट मिल गया .... तुम भी क्या कमाल हो स्वेता ..."
स्वेता का मुँह लाल हो चला था .." अरे बेशरम ..मेरी जान जा रही थी और तुम्हें सेहतमंद ..स्वादिष्ट और नशा आ रहा था ...जालिम हो तुम ..बड़े जालिम ..."
"पर स्वेता मेरी जान भी तो अटकी थी ना ..तुम ने जाकड़ रखा था ..देखो ना कितनी मेहनत करनी पड़ी मुझे ..तुम से मेरी जान छुड़ाने में .....हा हा हा हा हा !!! "
"अच्छा जी ..तो यह बात ..इतनी जल्दी मुझ से जान छुड़ाने की नौबत आ गयी..??? "
"अरे नहीं नहीं स्वेता मैं तो मज़ाक कर रहा था ...वरना मेरी जान तुम्हारे क़ब्ज़े में रहे इस से सेफ और महफूज़ जगह उसे और कहाँ मिलेगी .... "
"ही ही ही ....बात करना कोई तुम से सीखे ..बाबा ... "
यूँ ही हँसी मज़ाक चल रहा था..मैने रामू को आवाज़ दी चाइ के लिए ....और स्वेता से कहा
" स्वेता ... एक बात पूछूँ ..?? ""
" एक क्यूँ दो पूछो ...ही ही ही..."
"अच्छा बताओ ..हम दोनों को मिले अभी सिर्फ़ दो चार दिन ही हुए हैं ..है ना ..?? "मैने कहा
"हां वो तो है ..."
"पर देखो ना इन दो चार दिनों में ही हम कितने करीब आ गये ..इतना फासला तय कर लिया जो शायद ज़्यादातर लोग वर्षों साथ रहने पर भी नहीं कर पाते ... मैं तो खैर मर्द हूँ ..पर औरतें तो इतनी जल्दी किसी से भी नहीं खुलतीं ..तुम इतनी जल्दी कैसे खूल गयी ..देखो मुझे ग़लत मत समझना स्वेता ..प्ल्ज़्ज़ ..तुम्हारे लिए मेरे दिल में काफ़ी इज़्ज़त है ..मैं और लोगों की तरह नहीं ..." मैने बात जारी रखते हुए कहा .
" बस समझ लो तुम ने खूद ही जवाब दे दिया ... तुम ने कहा ना 'मैं औरों की तरह नहीं ..?' यही कारण है प्रीत तुम से इतनी जल्दी खूल जाने का ... तुम ने मुझे यह महसूस कराया कि सेक्स कोई गंदी चीज़ , या अश्लील या सिर्फ़ औरत के शरीर से खेलने का नाम नहीं ..बल्कि यह भी अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का सब से प्रभावशाली तरीका है ... तुम सेल्फिश नहीं और अपने पार्ट्नर को भी उतना ही मज़ा देना चाहते हो जितना के खूद लेना चाहते हो ...और सब से बड़ी बात तुम ने कभी भी ज़बरदस्ती करने की कोशिश नहीं की ..हमेशा मेरे ख़याल और भावनाओं की इज़्ज़त की ...""एक ही साँस में उस ने इतना कुछ कह डाला ...
" अरे बाबा रे बाबा ..और इतना सब कुछ मेरे बारे तुम ने सिर्फ़ दो दिनों में ही जान लिया ..?? " मैने पूछा ..
" ह्म्म्म..मैं भी कोई अनाड़ी नहीं मिसटर ... मैने भी दुनिया देखी है ...दो दिन क्या मैं सिर्फ़ दो घंटे में जान जाती हूँ कौन कितने पानी में है ... ' उस ने अपने सीना फुलाते हुए कहा ...
" पर फिर भी स्वेता ..कुछ तो खास बात देखी होगी ना तुम ने ..??प्ल्ज़्ज़ बताओ ना .."
" देखो प्रीत ..पहले दिन जो मैने अपने हाथों का कमाल या फिर दूसरे दिन अपने हिप्स का कमाल दिखाया था वो कोई आक्सिडेंट नहीं था ,,आइ डिड इट ऑन पर्पस ..कोई भी दूसरा होता ना तो शायद उसी दिन मुझे पटक के चोद डालता ... जब के तुम्हारे पास पूरा मौका था ...रामू को तुम कहीं भी भेज सकते थे ..और तुम्हें यह भी मालूम था मैं अकेली हूँ ..मेरे घर कोई भी मेरा इंतेज़ार नहीं कर रहा ..पर तुम ने ऐसा नहीं किया ..यू वेटेड फॉर दा राइट मोमेंट ..तुम ने मुझे लंच पर इन्वाइट किया ..ऊवू उस के बाद आआआः मज़ा आ गया यार .. बस इन्हीं सब बातों ने मुझे इतना खोल दिया प्रीत ...
अच्छा अब तुम बताओ मुझमें तुम ने क्या खूबियाँ देखीं ..??? ""
" हा हा हा हा !!! खूबियाँ ..स्वेता तुम में तो खूबियाँ भरपूर हैं ... बाहर निकलने को हमेशा तैय्यार .... "
" तुम बहोत बूरे हो ...हां हां मैं जानती हूँ मैं मोटी हूँ ... जाओ मैं तुम से बात नही करती .." और उस ने मुँह फेर लिया ...
" अरे नहीं नहीं स्वेता ...यही तो तुम्हारी खूबी है ..तुम ने अपने मोटापे को इस खूबसूरती से संभाल रखा है .. कि यह तुम्हारी सेक्स अपील को और भी बढ़ा देता है ... तुम ने सही जागेह सही उभार मेनटेन किया है ...और तुम्हारी सब से बड़ी खूबी तो तुम्हारी जिंदादिली है ..हमेशा हँसती हो . मुस्कुराती हो ..जैसे हर पल तुम जीना चाहती हो ... यह कितनी बड़ी खूबी है ... वरना आज कल ज़्यादातर लोग रोते ही रहते हैं .. और खास कर औरतें .. तुम्हारी हँसी ने मुझे मार डाला यार ..मेरी जान ले ली ....हा हा हा हा !!!! " मैने जवाब दिया
" तुम ने मुझे सही समझा प्रीत ..वरना लोग किसी भी औरत की हँसी का बहुत ही ग़लत मतलब निकलते हैं ... "
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