Hindi Sex kahani मेरी बर्बादी या आबादी
08-08-2018, 11:46 AM,
#11
RE: Hindi Sex kahani मेरी बर्बादी या आबादी
हम दोनों चूप थे ..मेरी समझ में नहीं आ रहा था क्या बोलूं ...

उसी ने चूप्पि तोड़ी और कहा

"जानू उदास मत हो ...अब तो मैने अपनी जिंदगी से समझौता कर लिया है..."

"तुम सही में बहोत हिम्मतवाली हो भारती .. "

उसे अपनी ओर खींच लिया और बेतहाशा चूमने लगा...

हम दोनों नंगे थे एक दूसरे की बाहों में.....और भारती ने अपनी कहानी सुना कर उस ने पूरी तरह अपने आप को मेरे समक्ष नंगा कर दिया था ...वो मेरे सीने में मुँह छुपाए थी ...जैसे उसे शर्म आ रही हो ...मैने उसके चेहरे को अपने हाथों से उपर उठाया और बेतहाशा चूमने लगा ..गालों को . होठों को , आँखों को ..उसके माथे को ..मैं चूमे जा रहा था ..और उसे यह महसूस नहीं होने दिया कि उसने कोई ग़लती की बल्कि यह महसूस दिलाया के मैं उसे अब और भी ज़्यादा प्यार करता हूँ...चाहता हूँ ...थोड़ी देर बाद वो नॉर्मल हुई और उठ कर बाथरूम गयीं ..फ्रेश होने ..

मैं उस की कहानी पर सोच रहा था

भारती एक ओड़िया (उड़ीसा) फॅमिली से थी...और उस के पिता वहीं सरकारी नौकरी में थे ..एक क्लर्क थे ..अच्छी ख़ासी कमाई थी ...वहीं उनकी शादी हुई. भारती की माँ बहोत खूबसूरत थी ..और उसे अपनी खूबसूरती पर बड़ा नाज़ था ..उसके पिता मामूली क्लर्क थे उनकी इनकम अच्छी थी पर इतनी अच्छी नहीं के वो अपनी बीबी के सारे शौक़ और ख्वाहिशों को पूरा कर सके ...पर परिवार चलाने लायक अच्छी इनकम थी ...पर भारती की माँ खुश नहीं थी...जब भारती 4 साल की थी ...उसकी माँ एक काफ़ी पैसेवाले रईसजाड़े के साथ चली गयी घर और अपनी एकलौती बच्ची को छोड़. भारती की जिंदगी में यह पहला झटका था ...वो बिलख पड़ी ...पर सिर्फ़ बाप का प्यार काफ़ी नहीं था ...माँ को बहोत मिस करती थी ...उस के मन में एक रोष , गुस्सा और बग़ावत ने जन्म लिया ...उसे अपने माँ बाप से चीढ़ हो गयी ...कुछ दिनों बाद उस के बाप ने दूसरी शादी कर ली ...पर सौतेली माँ का व्यवहार भारती के साथ काफ़ी अच्छा था ..शायद उसकी अपनी माँ से भी अच्छा ... सौतेली माँ से उसे एक भाई और एक बहोत सुन्दर छोटी बहेन भी हुई ..

पर भारती जवान हो रही थी , उस ने अपनी माँ की खूबसूरती और स्वाभाव लिया ... और थोड़ा रेबेलियस नेचर माँ के जाने से तो था ही... जब वो ट्वेल्फ्त क्लास में थी .काफ़ी लोगों की निगाह उस पर रहती ..सभी लड़के उस पर मरते ..कहते हैं ना इतिहास अपने आप को दूहरता है ..अपनी माँ का इतिहास भारती ने दूहराया..

भारती अपने स्कूल के एक बिगड़े रैइसज़ादे के चक्कर में , एक सुनेहरी जिंदगी की आशा में , उस के साथ घर से भाग गयी.....यह उसकी जिंदगी को दूसरा झटका था जो उस ने खूद बा खूद अपने आप को दिया ...

कुछ दिनों तक दोनों यहाँ वहाँ भटके खूब मस्ती की ...और पता चला कि भारती प्रेग्नेंट है.. वो लड़का कायर और डरपोक था , उस ने भारती को एक औरत के यहाँ यह कह कर छोड़ दिया के वो औरत उसकी रिश्तेदार है और जब तक बच्चा पैदा नहीं हो जाता ..वो वहीं रहे .. जाहिर है उस लड़के ने उस औरत को काफ़ी पैसे दिए ..और खूद लापता हो गया ...

यह उसकी जिंदगी का तीसरा झटका था ..वो औरत एक धंधा करने वाली थी , पर उस ने भारती को काफ़ी संभाल कर रखा ..उसे मालूम था के भारती उस के लिए सोने की चिड़िया है ...भारती को एक लड़का हुआ ...पर बच्चे की वजेह से उसे धंधे में थोड़ी मुश्किल होती थी ..उस औरत को भी बच्चे की वजेह से दिक्कत हो रही थी ..

गोपाल (भारती का पति ) की एंट्री यहीं होती है... गोपाल का एक छोटा मोटा कारोबार था ...काम निकल जाता ...वो इसी औरत के यहाँ रेग्युलर कस्टमर था ..और भारती से इसकी मुलाक़ात यहीं हुई...वो भारती से काफ़ी इंप्रेस्ड हो गया ...और कुछ और ही प्लान बनाने लगा ....उस ने भारती को कहा के वो उसके बच्चे का बाप और उसका पति बन सकता है अगर वो चाहे ...भारती ने भी देखा इस नरक से निकल्ने का यही मौक़ा है ..उस ने उसकी बात मान ली ... उस औरत ने भी कोई ऐतराज़ नहीं किया ..

इस तारेह गोपाल उसे उस नरक से ले आया एक परिवार दिया अपना नाम दिया पर भारती को इसकी भारी कीमत चूकानी पड़ी ...

और धीरे धीरे वो इस जिंदगी की आदि हो गयी ..अपना लिया ...

आज जब उस ने अपनी बीती जिंदगी की लड़ियों को फिर से जोड़ा .ज़ाहिर है वो बिफर उठी थी ...पुराने घाओ फिर से ताजे हो गये थे , पर बातें करने से उन घाओं से पुराना और अब तक भरा ज़हर मवाद की तारेह निकल गया ....उसे काफ़ी हल्का लगा और घाओ का टीस मिट गया था ...

मैं इन विचारो में डूबा था कि भारती कब बाथरूम से आई मुझे पता ही नहीं चला ....मैं बीस्तर पर अढ़लेटी पोज़िशन में था ...सिर्फ़ एक चादर पैर पर था ..भारती सामने खड़ी थी , मेरी आँखों के सामने चुटकी बजाते हुए कहा ..
"अरे जानू किस दुनिया में खोए हो...मेरी पिछली दुनिया में ...??"

" ह्म्‍म्म ..कुछ कुछ ..." मैने मुस्कुराते हुए कहा ..

"भूल जाओ उस भारती को .....तुम से बातें कर ऐसा लगा जैसे मेरा नया जन्म हुआ है ..."और यह कहते हुए वो बीस्तर पर उछल कर आ गयी और चादर हटा ते हुए मेरे पेट के दोनों ओर टाँगें कर
बैठ गयी ...उसका चेहरा मेरी ओर था ....और उसकी चमकती चूत की फांके फैली हुई मुझे इशारा कर रही थीं ... "लो आज इस नयी भारती को चोदो ..चॅटो चूसो जो जी में आए करो ..."

मैने देखा वो सही में बहोत खुश थी ,जैसे कोई बहोत बड़ा बोझ उसके दिल से उतर गया हो ...एक दम खिली हुई थी ..मैने भी उसको पूरी खुशी देने की सोच ली ..मेरे घूटने मूडे थे उपर की ओर .उसकी पीठ मेरे जांघों से लगी थीं और उसकी चूतड़ मेरे लौडे पर थी ..लॉडा मुरझाया था .पर भारती की गुदाज चूतडो के दबाव से उछलने की कोशिश करने लगा ..

"ओओओओओह्ह , देखो जानू ..तुम्हारा फुड़दु कैसे उछल रहा है बिल में घूसने को ... " और उस ने मेरे पैर सीधे किए और अपना चूतड़ थोड़ा पीछे करते हुए मेरी जांघों पर आ गयी ..और मेरे लौडे को अपनी मुट्ठी में लेते हुए अपनी चूत की फाँक में लगा दिया और चूत घसने लगी मेरे सुपाडे से ..मेरा पूरा बदन सीहर उठा ....लंड में गुदगूडी होने लगी... भारती भी सीहर उठी ...अपनी आँखें बंद कर सिसकारियाँ लेने लगी और मुट्ठी में लॉडा और जोरों से जाकड़ कर घीसने लगी ...""आआह ...ऊवू भारती ..भारती ...." मुझ से रहा नहीं गया .अब तक लॉडा पूरा टाइट था उसकी मुट्ठी में समा भी नहीं रहा था ..मैं अपनी पीठ सीधी करते हुए भारती को अपनी बाहों में भर लिया और गोद में लेते हुए बीस्तर से नीचे आ गया ,,भारती मेरी गोद में थी .वो अपने हाथ मेरी गर्दन में लगाते हुए मुझ से चीपक गयी .मेरा लॉडा उसकी चूतड़ के बीच फूँफ़कार रहा था ...चूत के दरवाज़े में छटपटा रहा था ...मैं उसके होंठ चूस्ते हुए उसको अपनी गोद में रखे रखे सामने एक टेबल पर बिठा दिया ...उसकी चूतड़ टेबल के बिल्कुल किनारे थी ...उसकी टाँगें मेरी कमर को जकड़े थी उसके हाथ मेरे गर्दन के पीछे ...मुझ पर अपना पूरा वेट डाल दिया था ..मानो मुझ पर अपने आप को छोड़ दिया ..मैं उसके होंठ चूस रहा था ..लगातार.उसकी चूचियाँ कड़ी हो गयीं थीं और मेरे सीने में चुभ रही थी ..और मेरा लॉडा उसकी पनियाई चूत के होल पर टीका था , अंदर जाने को बे करार ..अब मुझ से बर्दास्त नही हो रहा था ..मेरा लॉडा मानो फूल कर फॅट जाएगा ...भारती भी कराह रही थी और बॅड बड़ा रही थी ..."चूसो जानू ..मेरे होंठ से सारा रस निकाल लो ..और उस के मुँह से लार मेरे मुँह में जा रहा था ,,उसकी जीभ मेरी जीभ चूस रही थी ..चाट रही थी ...मैने उसकी कमर थामते हुए अपने लंड को उसकी चूत से लगाया ...और बस उसकी फैली चूत में अपनी कमर को झटका देते हुए पेल दिया ..फ्तछ की आवाज़ आई और लॉडा पूरा अंदर था ..भारती सीहर गयी और चिल्ला उठी "ऊऊऊऊऊओ ..आआआआः ..हाईईइ ...हां जानू पेलो और ज़ोर से पेलो .... अया " टेबल के किनारे होने से उसकी चूत पूरी खुली थे और लौडे को भी उसकी चूत का पूरा स्वाद मिल रहा था ...मैं उसकी कमर थामे हुमच हुमच कर धक्के लगा रहा था ..हर धक्के में भारती की चूतड़ उछल पड़ती ...लॉडा जड़ तक अंदर चला जाता...ऐसी चुदाई कि भारती भी मस्त थी ...रो रही थी ..चिल्ला रही थी ..सिसकारियाँ ले रही थी ..बॅड बड़ा रही थी ..."माअं रे माँ ...उईईइ ..हां चोदो राजा ..चोदो ..नयी भारती को चोदो ... फॅट जाएगी चूत ..फाड़ दो .. "
और मैं उसे अपने और करीब ले आता और धक्के लगाता ..उसकी चूत से लगातार पानी रिस रहा था ...नीचे फर्श पर टपक रहा था ..मेरी जांघों में रिस रहा था ..मेरा लॉडा गीला था ..हर धक्के में फतच फतच ...और फिर भारती जोरों से उछलने लगी .कमर हिलाने लगी ..मेरी बाहों में काँपने लगी ...उसकी जंघें मेरी कमर के गिर्द थरथराने लगी और उसकी चूतड़ जोरदार झटके दिए और "हाआआआआअ ईयी .................." करते हुए मुझ से लिपट गयी ..मैं भी झड़ने वाला था .. उसकी चूत में लॉडा धंसा कर उस से चिपक गया .... उसकी चूत मेरे लौडे में झटका खा रही थी और मेरा लॉडा उसकी चूत में ... दोनों एक दूसरे से चिपके हुए थे .... वो बेसूध हो कर मेरे से चिपक गयी उसकी आँखें बंद थीं .. मेरा लॉडा उसकी चूत में खाली हो गया था पर सीकूड कर भी अंदर ही था .उसकी चूत से मेरा कम और उसका रस दोनों लगातार नीचे टपक रहे थे ..

मैने उसे अपनी गोद में लिए लिए ही उसे बीस्तर पर लीटा दिया और उसके उपर टाँगें रखते हुए उसकी बगल लेट गया ..वो भी हाँफ रही थी मैं भी हाँफ रहा था ....

दोनो एक दूसरे को तृप्त नज़रों से देख रहे थे .चेहरे पे सन्तूश्ति थी ..


दोनों एक दूसरे की बाहों में कब सो गये पता नहीं चला ...सुबेह उठा तो हम दोनों नंगे थे एक दूसरे से चीपके ...उसकी बाहें मेरे गिर्द थीं ...मैने हल्के से उसे बिना जगाए उसके हाथ अपने से अलग किया ... बाथरूम गया और फ्रेश हो कर कपड़े पहेन घर जाने को तैयार हो गया ..

तब तक भारती उठ चूकि थी ..मैने उसे चूमा होंठों को और फिर उसकी चूत को ..उसकी चूत से अजीब मादक महक आ रही थी मेरे कम और उसके रस की मिली जुली महक ...


गोपाल बाहर खड़ा था मुझे ले जाने को ... मैं बाहर आया ...भारती को बाइ किया और एक और हसीन और यादगार चुदाई की याद ले कर घर की ओर चल पड़ा....

क्रमशः...............................................
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