RE: Adult kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
मेने अमित के सर को अपनी बाहों में भरकर उसे अपनी चुचियों पर दबाते हुए अपनी गान्ड को उछालना शुरू कर दिया…..में पागलों की तरह अपनी गान्ड उछाल -2 कर अपनी चूत को उसके लंड पर पटकने लगी…..वो भी मस्ती में आकर नीचे से अपनी कमर हिला रहा था…….
में: आहह चोद अपनी गश्ती नू अह्ह्ह्ह चोद्द्द मेनू मार ले मेरी फुद्दि हाए ओईए हां में गश्ती बन गेययी हाए ओईई तेरा लंड मेनू जीन नही देन्दा आह आ अहह ह सीईईईई सीईईईईई मार्र होर्र ज़ोर दीए मार्र हइईई. तेरा लंड मैं रोज फुद्दि च लेनाआ है हइई ओईई आग लग जाए मेरीए फुद्दि नू..
में फिर से मदहोश होकर जो मूह में आ रहा था बके जा रही थी…और अपनी गान्ड को तेज़ी से ऊपेर नीचे उछाल कर उसके लंड को अपनी चूत में ले रही थी…में कल रात से तड़प रही थी……इसीलिए 3-4 मिनिट बाद ही मुझे लगाने लगा कि, में झड़ने वाली हूँ…..
में: हाई अमित मार ज़ोर दे मार…..आह देख मेरी फुद्दि वजन लगी हाए चढ़ता पानी मेरी फुददी तो हो गयी में हो गयी मेरी फुद्दि……..
में बिखरकर झड़ने लगी….अमित ने मुझे होंटो से चूसना शुरू कर दिया….में झाड़ कर उसके ऊपेर निढाल हो गयी…..पर अमित अभी तक नही झाड़ा था…..”चलो हटो मुझे अभी जाना है…..बाकी फिर किसी दिन तेरी चूत के खबर लेता हूँ” ये कह कर उसने मुझे अपने ऊपेर से उठा दिया…..
में: पर तुम्हारा तो अभी तक हुआ नही…….
अमित: कोई बात नही तुझे तो खुश कर दिया ना मेरे लौडे ने…..
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