RE: Adult kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
में बाथरूम में घुस्स गयी……मेरी आँखें नम हो चुकी थी…..मेने जैसे ही मेने उस पैंटी और ब्रा को देखा……तो में सोचने लगी कि ये तो सोनिया के साइज़ की है, मेरे कैसे आएगी…..मेने डरते हुए अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए….और धीरे-2 सारे कपड़े उतार दिए….फिर मेने उस वी शेप पैंटी को अपने हाथ में लिया….और झुक कर उसे पहनने लगी….
पैंटी तंग तो थी, पर स्ट्रिचबल थी, मेने झुक कर उसे पहनना शुरू किया. और में एक दम हैरान रह गयी…..वो छोटी सी वी शेप पैंटी मेरे चुतड़ों पर चिपकी हुई थी….फिर मेने वो ब्रा उठा कर पहनी, मुझे यकीन नही हो रहा था कि, वो ब्रा भी मेरे 38 डी साइज़ की चुचियों पर आ गयी…..तभी बाथरूम का डोर एक दम से खुल गया…सामने अमित खड़ा मेरी तरफ वासना भरी नज़रों से देख रहा था…वो अपने सारे कपड़े उतार कर सिर्फ़ अंडरवेर में खड़ा था…और उसका लंड उसके अंडरवेर में बड़ा सा तंबू बनाए हुए था……
उसके इस तरह अंदर आजाने से में एक दम घबरा गयी, और उसकी तरफ पीठ करके खड़ी हो गयी…..फिर मुझे पीछे से उसकी कदमो की आहट नज़दीक आती हुई सुनाई दी, मेरा दिल जोरो से धड़कने लगा….में अध नंगी हालत में उसके सामने खड़ी थी….फिर कुछ देर खोमाशी के बाद उसने मुझे पीछे से अपनी बाहों में जाकड़ लाया…..उसके दोनो हाथ मेरी चुचियों पर थे….और उसने मेरी चुचियों को बेहरमि से मसलना शुरू कर दिया…
अमित: आहह साली क्या मम्मे है तेरे….आज तो इनको निचोड़ दूँगा……
में: अमित तुम ये ठीक नही कर रहे हो….
अमित: चुप साली रांड़ अब ज़्यादा नखरे चोदेगी तो, तेरा और तेरी बेटी का जीना मुस्किल कर दूँगा…..चल मेरे साथ……
ये कहते हुए, उसने मेरा हाथ पकड़ा और खेंचते हुए रूम में ले गया….रूम के अंदर आते ही उसने मुझे बेड पर धकेल दिया…..में अपने आप को अमित के सामने इस हालत में पाकर अपनी नज़रे नही उठ पा रही थी…वो कमीनी मुस्कान के साथ मेरी तरफ देखा रहा था….में इस कदर घबराई हुई थी, कि मेरे सोचने समझने की शक्ति भी ख़तम हो गयी थी….
में अब बेड पर अध लेटी हुई थी……उसने मेरी तरफ देखते हुए, अपने लंड को एक बार अपने अंडरवेर के ऊपेर से मसला, और फिर एक ही झटके में अपने अंडरवेर को उतार कर फेंक गया….उसका 9 इंच का लंड मेरी आँखों के सामने झटके खा रहा था…..मेने एक पल के लिए ही उसके लंड की तरफ देखा और फिर अपने नज़रे घुमा ली..
अमित: (बेड पर चढ़ते हुए) क्यों साली पसंद आया अपनी बेटे के यार का लौडा…देख इसे इसी के ऊपेर तेरी बेटी चढ़ कर चुदती है….
मेरे दिल की धड़कने आप और तेज चलने लगी थी…..में अपने आप को उसके सामने इस क़दर महसूस कर रही थी कि, में कुछ बोल भी नही पा रही थी….वो बेड पर धीरे-2 मेरे पास आ रहा था….फिर अचानक से उसने मुझे मेरी टाँगों से पकड़ कर अपनी तरफ ज़ोर से खेंच दिया….में बेड पर घिसटते हुए लेट गयी….”अह्ह्ह्ह अमित” मेरा सर बिस्तर से जा टकराया…..
पर उस पर तो जैसे कोई शैतान सवार हो गया था….उसने आव देख ना ताव, और मेरी टाँगों को घुटनो से पकड़ कर फेला दिया…मेने जो वी शेप पैंटी पहनी थी…वो मुस्किल से मेरी चूत की फांकों को ढक पा रही थी….मेरी टाँगों के फेलने के कारण मेरी चूत की फांके पैंटी की साइड से बाहर आ गयी…..
मेने शरम और हया से अपनी आँखें बंद कर ली, में जान चुकी थी, कि सोनिया की वजह से जिस दलदल में फँस चुकी हूँ, उससे निकलने का यही एक रास्ता है…. मेने एक बार फिर आख़िरी बार अमित को समझाने की कॉसिश की, “देखो अमित ये तुम ठीक नही कर रहे हो……तुम बहुत बड़ा पाप करने जा रहे हो…..अभी भी वक़्त है, में किसी से कुछ नही कहूँगी…”
अमित: चुप साली रांड़ मुझे ज़्यादा समझाने की कॉसिश ना कर….
ये कहते हुए, उसने एक हाथ से पैंटी को साइड में कर दिया….उसकी इस हरकत से में एक दम चोंक गयी……इससे पहले कि में कुछ कर पाती, अमित ने अपने लंड का सुपाडा मेरी फुद्दि के छेद पर टिका कर ज़ोर दार धक्का मारा…..मुझे सेक्स किए लगभग 6 साल हो चुके थे……मेरी बुर एक दम सुखी थी….जिसकी वजह से जब अमित के लंड का सुपाडा मेरी चूत की फांकों को फेलाता हुआ अंदर घुसा तो में दर्द से एक दम चिल्ला उठी…….”अहह माआ ओह मर गइई”
एक तो मेरी चूत एक दम सुखी थी, और दूसरा अमित का लंड 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था…..जब वो मेरी चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर घुसा मुझे ऐसा लगा, जैसे मेरी चूत के दीवारें छिल गयी हो…..में दर्द से छटपटा रही थी….पर अमित को उससे कोई असर नही हो रहा था….उसने मेरी टाँगों को और ऊपेर उठा कर फेला दिया…..और फिर से एक ज़ोर दार झटका मारा.. इस बार धक्का इतना जबरदस्त था कि, मेरा पूरा बदन दर्द से काँप गया…..और मेरी आँखों से आँसू निकलने लगी….
इस बार अमित का लंड पूरा का पूरा मेरी बुर में उतर चुका था…..”अहह बहुत दर्द हो रहा है माआअ में मर जाउन्गि” में दर्द से सिसक रही थी. पर अमित किसी बात की परवाह नही कर रहा था….उसका 9 इंच लंबा लंड जड तक मेरी चूत में घुस चुका था…..में हैरान और परेशान ये सब देखते हुए सोच रही थी कि, इस उम्र में इसका लंड इतना बड़ा कैसे हो सकता है….मेने दो बेटियों को जनम दिया था….इसके बावजूद भी मुझे अपनी बुर उसके लंड के चारो और कसी हुई मालूम हो रही थी….
उसने अपने लंड को बाहर की तरफ खेंचा….जिससे एक बार फिर उसका लंड मेरी फुद्दि की दीवारों से रगड़ खाने लगा……और में दर्द से तिलमिलाने लगी…”फिर उसने अपने लंड को बाहर निकल लिया….और मेरी पैंटी को दोनो साइड से पकड़ कर मेरी टाँगों से खेंचते हुए निकाल कर एक तरफ फेंक दिया…..फिर उसने मेरी टाँगों को पकड़ कर ऊपेर उठा दिया….इतना ऊपेर कि मेरे घुटने मेरी चुचियों पर दब गये…..
में: आह अमित प्लीज़ ऐसे ना करो….हम पर थोड़ा सा रहम खाओ….
पर अमित तो जैसे मेरे बात सुन ही नही रहा था….उसकी आँखें मेरी फुद्दि पर गढ़ी हुई थी..और उसकी आँखों में वासना सॉफ झलक रही थी…उसने मेरी चूत पर झुकते हुए एक ही पल में मेरी चूत पर मूह लगा दिया….आज तक कभी मेरी चूत को मेरे पति ने भी सक नही किया था…..ऐसा अहसास मुझे पहली बार होने वाला था…..जैसे ही उसका मूह मेरी चूत पर लगा…..में तड़पते हुए एक दम से सिसक उठी…..”अहह अमित ये ये क्या कर रहे हो ओह्ह अमित में पागल आह आहह ओह”
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