RE: Adult kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
जब में अपनी जेठानी के घर पहुचि, तो वो मुझे देख कर बहुत खुश हुई, संजना ने मुझे अंदर बुलाया और खातिरदारी की, उसके बाद में हमने थोड़ा इधर उधर की बातें की……
संजना: और दीदी बताए कैसे आना हुआ……
में: दरअसल में इसलिए आई थी कि, में चाहती हूँ कि तुम सोनिया के लिए भी कोई अच्छा सा रिस्ता ढूँढ दो…..उसकी शादी भी जल्द से जल्द करवानी है मुझे…..
संजना: क्या हुआ दीदी कोई बात है क्या ?
में: नही ऐसे ही, दरअसल मेरी तबीयत भी आज कल ठीक नही रहती……सोचती हूँ कि आँखें बंद करने से पहले सोनिया भी अपने घर चली जाए…..
संजना: क्या हुआ रेखा आग लगे दुश्मनो को……अभी तो आप जवान हो….फिर ऐसी बात क्यों कर रही है……
में: संजना प्लीज़ सोनिया के लिए अच्छा सा रिस्ता ढूँढ लो…….रामा को अपने सौसराल में खुश देखती हूँ तो दिल का बोझ हल्का हो जाता है…..
संजना: में समझती हूँ दीदी…..इनको आने दो आज रात को ही बात करती हूँ…
में: ठीक है और सूनाओ बच्चे कैसे है…….
संजना: ठीक है रेखा…….स्कूल गये है…….
दोफर को खाने के बाद में घर वापिस आ गयी…..जब में घर वापिस आई तो, सोनिया घर पर नही थी……जब मेने किरायेदार से पूछा तो बोली, वो उसकी सहेली आई थी, उसके साथ मार्केट गयी है…….मुझे पता नही क्यों चिंता होने लगी थी……उस वाक़ए को 3 महीने गुजर गये थे……..उसके बाद से ना तो मेने अमित की शकल देखी थी, और ना ही नाम सुना था……थोड़ी देर बाद सोनिया भी आ गयी……दिन गुज़रते गये…..अप्रैल का महीना था……शाम के 4 बजे की बात है…..उस घटना को लगभग 6 महीने हो चुके थे…..में अपने घर में बैठी हुई सिलाई का काम कर रही थी……10 दिन पहले जो फॅमिली हमारे घर रहने आई थी.वो भी कमरा खाली कर जा चुके थे……..
कई जगह सोनिया के रिश्ते की बात चली, पर बात नही बन पे……उस दिन में बैठी कपड़े सिल रही थी….सोनिया अपनी सहेली के घर में थी पड़ोस में तभी बाहर डोर बेल बजी…….मेने सोचा कि, सोनिया आ गयी है…मेने जैसे ही बाहर जाकर गेट खोला तो, मेरे पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक गयी…..सामने अमित खड़ा था….उसको देखते ही मेरी रगो में खून का दौरा तेज हो गया …
में: तू तू क्या लेने आया है इधर……
अमित कुछ नही बोला, और मेरी तरफ एक पॅकेट बढ़ा दिया……”क्या है ये” मेने गुस्से से उससे कहा…..”देखो लो…..तुम्हारे लिए बहुत ज़रूरी समान है इसमे” मेने उसके हाथ से वो पॅकेट नही लिया…..उसने एक बार मेरी तरफ देखा, फिर उसने वो पॅकेट गेट के अंदर नीचे फेंक दिया……फिर वो मुड़कर वापिस चला गया…..मुझे समझ में नही आया वो यहाँ क्या करने आया है….मेने गेट बंद किया, और पॅकेट को उठा कर खोला…….
जैसे ही मेने पॅकेट खोला, तो उसमे से एक डीवीडी डिस्क निकल कर बाहर आ गयी….और उसमे एक स्लिप भी थी जिस पर लिखा हुआ था ये डीवीडी देखने के बाद तुम्हे मेरी ज़रूरत पड़ेगी…..और उसके नीचे उसका मोबाइल नंबर लिखा हुआ था……
मेने गेट लॉक किया, और अंदर आ गयी…..नज़ाने क्यों मेरा दिल बहुत घबरा रहा था….सोनिया भी भी पड़ोस के घर में थी….मेने वो डीवीडी ली, और उसे डीवीडी प्लेयर में लगया….थोड़ी देर बाद उसमे कुछ शुरू हुआ…..कॅमरा कुछ घूम सा रहा था……फिर किसी का हाथ कॅमरा के सामने आया, और कॅमरा एक जगह सेट हो गया……ये किसी रूम का नज़ारा था……
पर मुझे समझ में नही आ रहा था कि कहाँ का सीन था. थोड़ी देर बाद अमित उसमे दिखाई दिया…वो बेड पर बैठा हुआ था……और वो किसी से बात कर रहा था. जो शायद कॅमरा के दूसरी तरफ था…..फिर वो सॅख्स सामने आया………जिसे देखते ही मेरी रूह तक काँप गयी…..वो सोनिया थी…..सोनिया अमित के पास आकर बेड पर बैठ गयी…..में बड़ी हैरानी से ये सब देख रही थी….क्योंकि जिस रूम में वो क्लिप बनी थी वो हमारा नही था…….
फिर अमित ने सोनिया को पकड़ कर अपनी तरफ खेंचा, और उसके होंटो पर होन्ट लगा दिए…..ये देखते ही मेरे पैरो की ज़मीन खिसक गयी…….सोनिया कब उससे मिलने गयी……..मुझे याद भी नही था कि, कब वो इतनी देर तक घर से बाहर रही…मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था……सोनिया भी अपने बाहें अमित के गले में डाले हुए, उसका पूरा साथ दे रही थी……
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