RE: Adult kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
नीता: उस दिन जीजा जी, और दीदी किसी की शादी में गये हुए थे. तो में घर पर अकेली थी. और मेने थोड़ी सी वाइन पी ली.मुझे हल्का-2 नशा सा होने लगा था. में घर के हॉल में बैठ कर टीवी देख रही थी. तभी मुझे बहुत तेज पेशाब लगा. में अपने रूम की तरफ जाने लगी. जैसे ही में ऊपेर वाली मंज़िल पर अपने रूम की तरफ बढ़ रही थी. तो मुझे स्टोर रूम से अमित के कराहने की आवाज़ सुनाई दी. मुझे लगा कि अमित किसी तकलीफ़ में है. में स्टोर रूम की तरफ बढ़ी. पर मेरे कदम स्टोर रूम के डोर पर ही रुक गये….
मुझे अपनी आँखों पर यकीन नही हो रहा था. जो में ये सब देख रही थी. एक **** साल का लड़का अपने हाथ से अपने लंड को तेज़ी से हिला रहा था. जैसे ही मेरी नज़र उसके 8 इंच लंबे और 3 इंच मोटे लंड पर पड़ी….मेरी तो मानो जैसे साँसे ही रुक गयी हो. उसका गोरे रंग का लंड इतना बड़ा था कि, मेरी फुद्दि में एक टीस सी उठी. और मेरी चूत में झुरजुरी सी दौड़ गयी…. लाइट की रोशनी में चमक रहा उसका गुलाबी सुपाडा तो और भी बड़ा लग रहा था.
पता नही क्यों ये सब देख कर मेरे अंदर एक अजीब से खुमारी छाने लगी. पर तभी बाहर से डोर बेल बजी. मुझे लगा के, जीजा जी और दीदी आ गये हैं. में जल्दी से नीचे आ गयी, और डोर खोला. दीदी और जीजा जी वापिस आ चुके थे. वो दोनो खाना खा कर आए थे….उसके बाद में अपने रूम में आ गयी. और सोने की कॉसिश करने लगी. पर मेरे ध्यान में अभी भी अमित का विशाल लंड छाया हुआ था. मेने अपनी नाइटी को अपनी कमर तक ऊपेर उठा रखा था. और अपनी चूत की आग को अपनी उंगलियों से शांत करने की कॉसिश कर रही थी.
पर चूत की आग और बढ़ती जा रही थी……में एक दम से बोखला सी गयी. और उठ कर वाइन के दो पेग और मार लिए. पर फिर भी अमित का वो फुन्कारता हुआ लंड मेरी आँखों से हट नही रहा था. में काम वासना से एक दम विहल हो चुकी थी….अब मेरी चूत की खुजली और बढ़ चुकी थी….में बेड से खड़ी हुई, और अपनी नाइटी को ऊपेर उठा कर अपनी पैंटी को उतार कर फेंक दिया. और फिर रूम से बाहर आकर स्टोर रूम की तरफ चल पड़ी.
अमित उसी स्टोर रूम में सोता था. मेने उसके रूम का डोर नॉक किया. और थोड़ी देर बाद अमित ने डोर खोला. मेरे बाल बिखरे हुए थे. मेने रेड कलर की नाइटी पहनी हुई थी. जो मेरी थाइस तक लंबी थी. मुझे इस हालत में देख कर अमित मुझे घुरने लगा. “जी आंटी क्या हुआ” अमित ने मेरे बदन को घुरते हुए कहा.
में: वो अमित बेटा……मेरी पीठ बहुत दर्द कर रही है……तू थोड़ी देर के लिए मेरी पीठ दबा दे ना. मुझे नींद नही आ रही….
मेरे ये बात सुनते ही उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक आ गयी….और मुझे उसकी आँखों में वो वासना देख कर समझने में देर ना लगी की, ये भी मेरी तरह सेक्स का मारा हुआ है….और इसे पटाने में कुछ ख़ास मेहनत नही करनी पड़ेगी…..में पलट कर अपने रूम की तरफ जाने लगी. वो मेरे पीछे चल रहा था. में जानबूझ कर अपनी गान्ड को मटका कर चल रही थी. मेने तिरछी नज़रों से जब पीछे की ओर देखा, तो अमित अपने शॉर्ट्स के ऊपेर से अपने लंड को मसल रहा था.
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