RE: Biwi ki Chudai किराए का पति
में अपना लंड साफ कर के फिर एक बार बिस्तर पर आ गया. अपने घुटनो से उसकी टाँगो को फैलाया और एक बार फिर उसकी चूत को चूसने लगा. इस बार उसकी गंद के बजाय में अपनी तीन उंगलियाँ उसकी चूत के अंदर बाहर कर रहा था.
एक बार फिर सोनिया ने मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा दिया और जोरों से सिसक पड़ी, "ऑश राज अब और मत तरसाओ में नही रह सकती प्लीज़ चोदो ना मुझे डाल दो अपना लंड मेरी चूत मे."
"नही में अभी नही चोद सकता मेरा लंड खड़ा नही हुआ है," कहकर में उसकी चूत को जोरों से चाटने और चूसने लगा. "प्लीज राज चोदो नाअ देखो ना मेरी चूओत मे आअग लगी हुई है," सोनिया फिर गिड़गिदा पड़ी.
"थोड़ी देर रूको ना जान, जैसे ही मेरा लंड खड़ा होगा में चोदुन्गा तुम्हे," कहकर में उसकी चूत चूस्ता रहा.
तभी मेने उसके हाथ को अपने लंड पर महसूस किया. वो थोड़ी देर तो मेरे लंड को मसल्ति रही फिर वो इस तरह घूम गयी कि उसका मुँह मेरे लंड के पास आ गया. वो मेरे नीचे ही मेरे लंड को अपने गरम मुँह मे ले चूसने लगी.
यही तो मेने सोचा था, में चाहता था कि वो हर चीज़ के लिए मुझसे भीक माँगे मेरे सामने गिड़गिडाए. पहले वो मुझे चोद्ने के लिए गिद्गिदाती रही और अब मेरे लंड को अपने मुँह ले बड़े प्यार से चूस रही थी.
मेने सोनिया को थोड़ी देर तक अपना लंड चूसने दिया फिर घूम कर उसकी टाँगों के बीच आ गया और उसके चेहरे को देखने लगा कि कहीं वो नाटक तो नही कर रही.
"अब क्या देख रहे हो?" सोनिया ने कहा, "किस बात का इंतेज़ार कर रहे हो, जल्दी से अपने लंड को मेरी चूत मे घुसा कर मुझे चोदो."
उस रात मेरी एक तमन्ना पूरी नही हुई. उसने मुझ से अपनी गंद मारने को नही कहा. उस रात मेने सोनिया को तीन बार चोदा और हर बार चुदाई के बाद उसकी चूत चॅटी और चूसी. जब भी में उसकी चूत चूस्ता तो वो उत्तेजना मे पागल हो जाती. सुबह के पाँच बजे ही हम सो पाए.
मेरी सुबह साढ़े नौ बजे जब आँख खुली तो देखा कि सोनिया कोहनी के बल लेटी हुई मुझे देख रही थी.
"क्या बात है," मेने अपनी आँखों को मसल्ते हुए कहा.
"कुछ नही"
"फिर मुझे इस तरह क्यों देख रही हो?" मेने कहा.
"क्यों ना देखूं, ये मेरी शादी की जिंदगी का पहला दिन है और पहली बार मेने रात अपने पति के साथ गुज़ारी है." सोनिया ने कहा.
"पति……… वो भी नाम का." मैने हंसते हुए कहा और उठ कर अपने कपड़े पहनने लगा.
"ये क्या कर रहे हो?" सोनिया ने पूछा.
"कपड़े पहन रहा हूँ और क्या." मेने जवाब दिया.
"में यहाँ नंगी बिस्तर पर लेटी हुई हूँ और तुम कपड़े पहन रहे हो." सोनिया ने कहा.
"देखो हमारे बीच एक समझौता हुआ था कि एक रात तुम मेरे साथ गुजारोगि, अब सुबह हो चुकी है और सूरज आसमान मे चढ़ चुक्का है." मेने जवाब दिया. "रात गुज़र चुकी है और अब में अपना वचन निभाउन्गा."
"रात तब तक पूरी नही होती जब तक कि हम बिस्तर से निकल कर अपने कपड़े ना पहन ले." सोनिया ने कहा.
मेने अपनी पॅंट छोड़ दी और वापस बिस्तर मे आ गया, "तुम्हारा इरादा कैसे बदल गया," मेने कहा.
"सुहागरात किसी औरत के जीवन मे एक बार ही आती है. मेने तुम्हे पहले भी बताया है कि मुझे चूत चूसवाने मे बड़ा मज़ा आता है जो कि तुम आने वाले दिनो मे भी चूसोगे. पर रात को जैसे तुमने मेरी चूत चूसी में एक बार फिर चूत चूसवाना चाहती हूँ." सोनिया ने कहा.
हम दोपहर को ढाई बजे ही होटेल से चेक आउट कर सके. हमारे लेट होने से सोनिया के सारे प्लान लेट हो गये. हमे हनिमून के लिए शिमला जाना था और अगली फ्लाइट दूसरे दिन ही थी.
सोनिया ने कुछ फोन किया और फिर से सब तैयारी की. हम दोनो सोनिया के मकान पर आ गये और वो दिन मेने सोनिया के कमरे मे ही गुज़ारा जो आने वाले पाँच सालों के लिए अब मेरा था.
क्रमशः…………………………………..
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