RE: Incest Sex Kahani घर के रसीले आम
कमला- क्या सचमुच हरिया का लंड बहुत बड़ा है
चंदा- हाँ मालकिन मैने तो आज तक ऐसा मोटा लंड नही देखा, और फिर चंदा अपनी मालकिन की चूत मे सॅट से दो उंगलिया पेल देती है और फिर
चंदा- एक बात कहु मालकिन
कमला- क्या
चंदा- कमला की चूत मे उंगली पेलते हुए, आपके बेटे के लंड के मुक़ाबले पूरे गाँव मे बस एक ही चूत है मालकिन
कमला- किसकी चूत
चंदा- आपकी मालकिन
कमला- सीसियते हुए, ये तू क्या कह रही है चंदा
चंदा- सच कह रही हू मालकिन आपके बेटे का लंड और आपकी गदराई हुई फूली चूत को देख कर ऐसा लगता है जैसे वह मोटा लंड आपको चोदने के लिए ही बना हो सच मालकिन अगर वह मोटा लंड आपकी इस फूली चूत मे घुस जाए तो आपको एक दम मस्त कर देगा. और फिर चंदा अपनी तीन उंगलिया ज़ोर-ज़ोर से कमला की फूली हुई चिकनी चूत मे चलाने लगती है,
चंदा- और वैसे भी मालकिन आज कल के जो लड़के होते है ना वह बहुत अच्छे तरीके से चोदते है, वह औरतो के बिना कहे ही उनकी सारी इच्छाए पूरी कर देते है
कमला- मतलब
चंदा- मतलब यह कि मालकिन आज कल के जवान लड़के सबसे ज़्यादा औरतो की गान्ड और चूत को चाटना और चूसना पसंद करते है,
कमाल- आह यह क्या कह रही है तू चंदा, भला तुझे कैसे पता कि आज कल के लड़के औरतो की चूत और गान्ड चाटना चाहते है
चंदा- मैने खुद हरिया को अपनी आँखे बंद करके मूठ मारते हुए यह कहते सुना है
कमला- अपनी जाँघो को पूरी तरह खोल कर फिला देती है और चंदा उसकी चूत को खूब कस-कस कर सहलाने लगती है,
कमला- क्या कह रहा था मेरा बेटा
चंदा- अरे मैने ठीक से नही सुना पर वह अपना लंड मसल्ते हुए इतना ज़रूर बड़बड़ा रहा था कि मे तुम्हारी पूरी चूत पी जाना चाहता हू मे तुम्हारी खूब कस-कस कर गान्ड चाटना चाहता हू
कमला- पर तूने यह नही सुना वह किसकी बात कर रहा था
चंदा- नही मे यह तो नही सुन पाई पर मुझे तो लगता है वह तुम्ही को अपने ख्यालो मे नंगी करके चोद रहा था मालकिन
कमला- चुप कर बेशरम, भला यह कभी हो सकता है कि वह अपनी मम्मी को ही चोदने के बारे मे सोचेगा
चंदा- मुझे ऐसा लगा इसलिए मैने कह दिया
कमला- पर तुझे ऐसा ही क्यो लगा
चंदा- वो मुझे इसलिए लगा क्योकि एक दो बार उसने अपना लंड हिलाते हुए ओह मम्मी शब्द कहा था
कमला- कुछ सोच कर, यह भी तो हो सकता है कि उसे दर्द हो रहा हो और वह उसी दर्द के कारण उसके मुँह से मम्मी शब्द निकला हो जैसे अक्सर लोगो के मुँह से निकल जाता है
चंदा- अरे मालकिन लंड हिलाने मे कौन सा दर्द होता है उसमे तो और मज़ा आता है और वह मज़े मे अपनी मम्मी को याद कर रहा था मतलब ज़रूर वह तुम्हे ही अपने ख्यालो मे पूरी नंगी करके चोद रहा होगा,
कमला- उठ कर बैठते हुए, चल बेशरम अब चुप हो जा और यह बात तू किसी से कहना नही, लोग बेकार मे मेरे बेटे को बदनाम कर देंगे
चंदा- अरे नही मालकिन मे किसी से क्यो कहने लगी, वैसे भी आज तक मैने यह सब बाते आपके अलावा किसी से नही की है, अच्छा मालकिन आप कहो तो मे अब जाउ सबेरे से ही खेत मे हू ज़रा घर की ओर भी झाँक आउ,
कमला- ठीक है जा और वह लकड़ी का गट्टा घर पर रखती हुई चली जाना,
चंदा के जाने के बाद कमला खड़ी होकर चंदा की बातो को सोचने लगती है और उसकी चूत से ढेर सारा पानी बहने लगता है, वह दबे पाँव झोपड़ी के अंदर जाती है जहा हरिया नीचे चटाई मे लेटा हुआ था,
कमला भी उसके बगल मे जाकर लेट जाती है, वह कुछ सोचती उससे पहले ही हरिया एक अंगड़ाई लेकर अपने एक पेर को अपनी मम्मी की कमर मे डाल कर उससे चिपक जाता है, उसका मोटा लंड सपने मे भी अपनी मम्मी को चोद रहा था जिसकी वजह से उसका लंड पूरी तरह लूँगी से बाहर निकल कर उसकी मम्मी की मोटी गान्ड मे ठोकर मार रहा था,
हरिया थका था इसलिए उसकी नींद गहरी थी लेकिन उसका लंड बराबर तना हुआ उसकी मम्मी की मोटी गदराई गान्ड मे चुभ रहा था, और जिसके कारण कमला का दिल जोरो से काँपने लगा था और वह ना चाहते हुए भी चुपचाप अपनी मोटी गान्ड को अपने बेटे के मोटी लंड से सताए हुए पड़ी थी, कुछ देर बाद कमला ने हरिया का हाथ अपने उपर से हटा कर अपना मुँह उसकी ओर कर लिया और जब उसकी नज़र अपने बेटे के मोटे लंड पर पड़ी तो उसका दिल धाक्क करके रह गया, उसे चंदा की बात सच लगी वाकई उसके बेटे का लंड उसके मस्त भोस्डे को चोदने के लायक था,
कमला काफ़ी देर तक अपने बेटे के मोटे लंड को देखती रही और फिर जब उसने देखा कि हरिया गहरी नींद मे है तो उसने वही लेट कर अपने बेटे के लंड को धीरे से पकड़ कर सहलाया और उसकी चूत का दाना कूदने लगा और उसकी चूत से खूब चिपचिपा पानी बहने लगा, कमला को ज़रा भी एहसास नही था कि उसके हाथ का दबाव उसके बेटे के लंड पर बढ़ता जा रहा था और एक वक़्त ऐसा आया कि कमला ने अपने बेटे के लंड को अपने दोनो हाथो मे भर कर खूब कस कर भींच दिया और हरिया एक दम से कसमसा कर दूसरी और करवट ले कर सो गया.
कमला अपनी फूली हुई चूत सहलाती लेटी रही लेकिन उसकी आँखो से नींद कोसो दूर थी, करीब 1 घंटे बाद हरिया उठा तो उसने देखा उसकी मम्मी उसके बगल मे लेटी हुई है अपनी मम्मी के गदराए भारी भरकम चुतडो को अपनी तरफ उठा देख कर हरिया का लंड फिर से सर उठाने लगा था और उसने अपनी मम्मी के मोटी-मोटी चुतडो पर धीरे से हाथ फेरते हुए एक धीमी आवाज़ लगाई लेकिन कमला जागते हुए भी सोती बनी रही,
हरिया ने जब अपनी मम्मी के गदराए चुतडो को धीरे से सहलाया तो उसे ऐसा मज़ा कभी नही आया और वह वही बैठा-बैठा अपनी मम्मी की मोटी गान्ड के उपर अपने हाथ फेरते हुए अपनी मम्मी की मदमस्त उठी गान्ड के गुदज एहसास का मज़ा लेने लगा, जब उसका हाथ अपनी मम्मी की गान्ड की गहरी दरार मे जाता तो उसका मन करता कि अपना पूरा हाथ वह अपनी मम्मी की गान्ड मे भर दे,
उसने धीरे से अपनी मम्मी के मोटे-मोटे चुतडो पर अपना मुँह रख कर हल्के से दबाया तो वह यह सोच कर और भी पागल होने लगा कि जब वह अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को पूरी नंगी करके अपने मुँह को उसकी गान्ड मे भरेगा तब उसे कितना मज़ा आएगा, वह अभी कुछ सोच ही रहा था कि कमला कसमसाने का नाटक करती हुई उठ बैठी और हरिया ने जल्दी से अपना हाथ हटा लिया,
कमला- उठ गया बेटे
हरिया- हाँ मा मे तो कब का जाग चुका था
कमला- अच्छा चल अब घर की ओर चलते है, ये कुछ लकड़ियो का गट्टर पड़ा है इन्हे उठा ले मे वो वाली ले लेती हू और फिर कमला आगे-आगे चलने लगी और हरिया अपनी मम्मी की मटकती मोटी गान्ड को ललचाई नज़रो से देखता हुआ आगे बढ़ने लगा, अपनी मम्मी की जबर्दुस्त उठी हुई मोटी गान्ड और उसके भारी चुतडो की थिरकन ने चलते-चलते ही हरिया का लंड खड़ा कर दिया था,
बीच-बीच मे कमला जब पीछे पलट कर हरिया को देखती तो वह इधर उधर देखने लगता लेकिन जब कमला ने उसकी लूँगी की ओर देखा तो वह दंग रह गई, हरिया का लंड पूरी तरह तना हुआ था, वह समझ गई थी कि उसके बेटे का लंड उसकी खुद की मम्मी के भारी चुतडो को देख-देख कर झटके मार रहा है, वह अपने मन मे सोचने लगी कही हरिया सचमुच मुझे अपने लंड से चोदना तो नही चाहता है, चंदा ठीक ही कह रही थी यह लंड हिलाते हुए आँखे बंद करके मुझे ही नंगी करके चोद रहा होगा, इसका लंड भी कितना मोटा है, सच ऐसे लंड से चुदवाने मे तो मज़ा आ जाता होगा,
बस इतना सब सोचना था कि कमला की चूत भी फूल कर पानी-पानी हो चुकी थी लेकिन अभी तक उसने अपने मन मे अपने बेटे से चुदवाने का ख्याल नही किया था, बस वह यही सब सोचती हुई कब घर पहुच गई उसे पता भी नही चला.
रात को हरिया का बापू खेत पर ही खाट डाल कर सोता था और हरिया उसे वही खाना दे कर आ जाता था, रात को कमला आँगन के चूल्हे मे रोटिया सेक रही थी और आग की गर्मी से वह बहाल थी उपर से बिजली भी काफ़ी देर से गई हुई थी, कमला का साडी का पल्लू उसके जाँघो पर गिरा था और उसके मोटी-मोटी चुचियाँ पूरी तरह से नज़र आ रहे थे और उसकी साडी दोनो घुटनो के उपर तक चढ़ि हुई थी,
क्रमशः......................
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