RE: Incest Sex Kahani घर के रसीले आम
एक दिन हरिया अपने कमरे मे बैठा हुआ था और तभी उसके घर के आँगन मे उसके चाचा जो कि 38 की उमर के होंगे लूँगी पहने हुए आए और उसकी मम्मी कमला से आँगन मे खड़े होकर बाते करने लगे, कमला उस समय पानी भर कर आई थी उसने साडी को उपर उठा कर अपनी नाभि के नीचे दबा रखा था उसका उठा हुआ पेट और गहरी नाभि बिल्कुल नंगी
नज़र आ रही थी और उसके मोटी-मोटी चुचियाँ भी ब्लौज के उपर के दो बटन खुले होने की वजह से नज़र आ रही थी,
हरिया चुपचाप कमरे के अंदर से अपनी मा की उठी हुई कातिल जवानी को देख रहा था और उसकी नज़र चाचा की ओर गई तो उसका चाचा चोर नज़रो से उसकी मम्मी कमला का कभी उठा हुआ पेट और गहरी नाभि और कभी उसके मोटी-मोटी चुचियाँ को बड़ी हसरत भरी नज़रो से निहार रहा था और कमला बिल्कुल लापरवाह होकर हस्ती हुई अपने देवेर से बाते कर रही थी, उसके जाने के बाद हरिया का मन बदल गया और वह सोचने लगा साले सब मेरी मम्मी को चोदने की नज़र से देखते है तो मे क्यो ना देखु, वैसे भी मेरी मम्मी उस समय खड़ी-खड़ी ऐसी लग रही थी जैसे खड़े-खड़े ही उसकी फूली हुई चूत मे अपना लंड पेल दू, बस तभी से हरिया अब रोज ही अपनी मम्मी की गदराई जवानी का रास्पान करने से नही चुकता था.
कमला झाड़ू मार कर जैसे ही सीधी होती है उसे घर के बाहर के दरवाजे से चंदा अंदर आते हुए नज़र आती है, चंदा 40 साल की औरत थी जो कि कमला के खेतो मे कम करती थी,
कमला- आजा चंदा आजा, सच पूंछ तो मे तेरी ही राह देख रही थी, आज मेरे पैरो मे खास कर इन घुटनो मे बड़ा दर्द महसूस हो रहा है, उठने बैठने मे बड़ा दर्द होता है, अच्छा है तू आ गई चल ज़रा मेरे पैरो की मालिश तो कर दे, वैसे भी कितने दिनो से तूने मालिश नही की है,
कमला की बात सुन कर हरिया मन ही मन चहक उठता है और धीरे से दरवाजा अंदर से हल्का सा लगा कर उसकी दरार मे अपनी आँखे लगा देता है, वह अक्सर कमरे के अंदर घुस कर दरवाजे की दरार से अपनी मम्मी की मालिश होते हुए देखता रहता था,
चंदा- मुस्कुराते हुए, अरे मालकिन तुम तो कहती ही नही हो नही तो मे रोज ही तुम्हरी मालिश कर दिया करू,
कमला- जा पहले बाहर का दरवाजा बंद कर दे मे यही आँगन मे चटाई बिछा देती हू,
चंदा बाहर का दरवाजा लगा कर आ जाती है और कमला एक चटाई बिछा कर दीवार से अपनी पीठ टीका कर बैठा जाती है और अपने दोनो पैरो को घुटने से मोड़ कर बैठ जाती है, उसका मुँह सीधे हरिया के 20 मीटर दूर के दरवाजे की ओर रहता है
और चंदा उसकी दूसरी तरफ कमला का पेर पकड़ कर बैठ जाती है,
चंदा तेल कटोरी मे लेकर कमला की साडी को उसकी जाँघो तक चढ़ा देती है और फिर कमला की लंबी-लंबी गोरी टाँगो पर तेल लगा कर उसकी गोरी-गोरी पिंदलियो पर तेल से मालिश शुरू कर देती है और हरिया जब अपनी मम्मी की गोरी-गोरी नंगी पिंदलियो को देखता है तो उसका लंड उसकी लूँगी मे तन कर खड़ा हो जाता है और वह अपनी मम्मी की रसीली जवानी कोदरवाजे की दरार मे अपनी आँखे लगाए देखने लगता है,
चंदा धीरे-धीरे कमला की साडी को उसकी जाँघो तक चढ़ा देती है और उसकी मोटी-मोटी गदराई गोरी जाँघो मे तेल लगा कर उन्हे खूब कर कर दबोचती है और कमला के मुँह से आ की एक गहरी सिसकारी निकल जाती है,
चंदा-अपने दोनो हाथो से कमला की गदराई मोटी जाँघो को दबोचते हुए, मुस्कुरा कर, क्या बात है मालकिन तुम्हारी उमर जितनी बढ़ती जा रही है तुम्हारी जंघे उतनी ही मोटी होती जा रही है, तुम्हारी इन मखमली जाँघो को अगर कोई 70 साल का बुढ्ढा भी देख ले तो उसका लोला खड़ा हुए बिना नही रहेगा,
कमला-सीसियते हुए, चुप कर बेशरम तू भी तो बूढ़ी होने चली है पर इस उमर मे भी लंड-लंड कहते तेरा मुँह नही थकता है,
चंदा- हस्ते हुए, सच कह रही हू मालकिन इस उमर मे लंड से चुदवाने मे जो मज़ा आता है वह तो भरी जवानी मे भी नही आता था,
और फिर तुम्हारा शरीर तो इतना भारी भरकम है और उपर से इतनी मोटी-मोटी जंघे और तरबूज से फैले हुए भारी चूतड़ देख-देख कर तो सारा गाँव पागल रहता है,
कमला- अपनी दोनो जाँघो को फैला कर हल्के से मुस्कुराती हुई, क्या बकती रहती है चंदा तू
चंदा-अपने हाथो को कमला की जाँघो की जड़ो तक फेरते हुए, नही मालकिन मे सच कह रही हू मैने तो 15-15 साल के लड़को को भी तुम्हारे भारी-भारी चुतडो को घूरते हुए देखा है, जैसे वह लड़के तुम्हारे चुतडो को खा जाना चाहते हो, तभी चंदा अपने हाथ से कमला की जाँघो की जड़ो मे फूली हुई चूत को एक दम से सहलाते हुए उसकी फूली चूत को अपने हाथो मे भरकर दबोच लेती है,
चंदा- हाय मालकिन तुम्हारी चूत कितनी फूली हुई है, मलिक तो तुम्हे रोज खूब कस-कस कर चोदते होंगे,
कमला- आह करके सीसियते हुए, ये क्या कर रही है चंदा, आह थोड़ा धीरे कर, आह
चंदा-मुस्कुराते हुए उसकी चूत को सहलाते हुए, सच बताओ मालकिन, मालिक तुम्हे रोज चोदते है ना
कमला- अरे मेरा ऐसा नसीब कहाँ है चंदा, और तू तो ऐसे पुंछ रही है जैसे तू जानती ही ना हो, तेरे मालिक 1 महीने मे कभी एक बार चढ़ते है और उसमे भी 2 मिनिट मे पानी छोड़ कर सो जाते है,
चंदा- सच मालकिन तुम्हे तो किसी मोटी जवान लंड से चुदवाने पर ही शांति मिल पाएगी, तुम्हे जब तक खूब कस कर ना ठोका जाए तुम्हे मज़ा ही नही आता होगा
कमला- तू राज से खूब अपनी चूत मरवाती होगी, तेरा जिस्म भी तो अच्छा गदराया हुआ है, राज तो खूब कस-कस कर चोदता होगा तुझे
चंदा- हाँ मालकिन चोदते तो अच्छा है लेकिन उनकी शराब पीने की आदात की वजह से हमेशा अच्छी चुदाई नही होती है,
शराब पीकर वह जल्दी झाड़ जाते है, मे तो बहुत तड़पने लगी हू मालकिन पर क्या करू यह चूत की आग होती ही ऐसी है कि फिर कोई भी मोटा लंड मिल जाए,
कमला- चल अब बस कर, मुझे नहा कर खाना भी बनाना है वैसे भी बहुत देर हो चुकी है, कल आकर और मालिश कर देना,
चंदा खड़ी होकर यह कह कर चली जाती है की वह खेतो की ओर जा रही है, कमला खड़ी होकर वही अपनी साडी और ब्लौज खोल देती है और हरिया अपनी मम्मी को केवल पेटिकोट मे देख कर पागल हो जाता है और अपने मोटे लंड को खूब कस-कस कर मसल्ने लगता है, वह समझ गया था कि अब उसकी मम्मी वही आँगन मे बने कच्चे बाथरूम मे जाकर नहाने वाली कमला बाहर का दरवाजा लगाना भूल जाती है और उसी बाथरूम जो कि पत्थर और इंटो से बना था मे घुस कर अपने हाथ पाँव रगड़ने लगती है हरिया दबे पाँव बाथरूम के पास आकर एक सुराग से अपनी आँखे लगा देता है और चुपचाप अपनीमम्मी की गदराई नंगी जवानी को देखने लगता है, कमला हाथ पाँव रगड़ने के बाद वही खड़ी हो जाती है और उसके भारी-भारी फैले हुए चूतड़ उसके बेटे के मुँह की ओर हो जाते है और कमला अपना पेटिकोट उतार कर पूरी नंगी हो जाती है,
हरिया अपनी मम्मी की गोरी-गोरी मोटी और गदराई गान्ड को देख कर पागल हो जाता है और अपने मोटे 9 इंच लंबे लंड को बाहर निकाल कर खूब कस-कस कर अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को देखते हुए मसल्ने लगता है, कमला जैसे ही आगे को झुकती है उसकी मोटी गान्ड का बड़ा सा छेद और उसकी खूब मोटी-मोटी फांको वाली फूली हुई चूत और उसकी चूत की गुलाबी दरार उसके बेटे की आँखो के सामने आ जाती है और हरिया का अपनी मम्मी की ऐसी फूली और गुलाबी फटी हुई चूत और गान्ड का भूरा और बड़ा सा छेद देख कर लंड झटके मारने लगता है और उसके लंड की मोटाई और लंबाई कुछ ज़्यादा ही बढ़ जाती है,
क्रमशः......................
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