RE: Chudai Story अनोखी चुदाई
फिर मेरी बीबी बोली – अब भाभी आप भी तो कोई आप बीती घटना सूनाओ… अगर आप, किसी दूसरे से चुदी हो तो… अलग ही मज़ा आता है, दूसरे की चुदाई के बारे में सुनने में…
भाभी बोली – अब तुझसे शरमाना क्या… सुनाती हूँ… एक घटना, जो की बहुत ही अलग और ना भूलने वाली हुई थी, मेरे साथ… यह घटना हमारे अपने घर में हुई थी, जो की मेरे ऊपर आ कर ख़तम होती है, अब तक… आगे क्या होगा वो तो बाद में, वक्त ही बताएगा… ऐसा हुआ, मेरे साथ जब मैं घर (मायके) छुट्टी पर थी… मैं ज्यादातर अकेले ही, मायके जाती हूँ… पति काम की वजह से, कई बार साथ नहीं आ पाते… हमारे गाँव में काफ़ी खेती बाड़ी है और खेती का बहुत काम रहता है और वो भी ज़्यादातर बारिश के मौसम में तो हम सब घर के सदस्य, खेतों में खेती का और घास काटने का काम करवाते हैं, नौकरों से और खुद भी, कुछ ना कुछ करते रहते है… हमारी ज़मीन, खेत थोड़ी दूरी पर भी है जहाँ पर हम फसल और सब्जियाँ वगेरह पैदा करते हैं… यह सब काम, दूसरे किराए के आदमी करते रहते हैं और मां की सहायता करते हैं… पिता जी रिटाइर्ड थे, आर्मी से… जल्द ही, चल बसे थे… लगभग पाँच साल, घर आने के बाद… हमारे एक नौकर है – “भीमा” जो की खेतों में काम करता है और करवाता है और हमारी मां की मदद करता है… घर के सदस्य की तरह है, वो और बहुत काम भी करता है… 12 साल का था, जब आया था हमारे घर… पिता जी ही लाए थे, उसे अपने साथ की घर का काम काज करता रहेगा… अब तो हट्टा कट्टा बदन और लंबा चौड़ा आदमी हो गया है… लेकिन देखने में, सुंदर लगता है… भीमा, लंबा चौड़ा सा है और कोई 24 साल की उम्र है, उसकी, अच्छा हट्टा कट्टा बदन है उसका अब… हम उसे भीमा इसी कर के भी कहते हैं… भरोसेमंद और ईमानदार है… अब तो समझो, वो घर का सदस्य ही बन गया है… दूसरे मजदूरों से काम लेता रहता है और खुद भी काम में, मस्त रहता है… हर वक़्त मां और घर वालों की सेवा में रहता है… हमारे घर मैं, परिवार के मेंबर अलग अलग अपने अपने घर में रहते हैं, जो के मां बाप ने बनवा दिए हैं… घर, कोई 1 किलो मीटर की दूरी से है… खेत के…
हमारे घर के सदस्य –
नरेश – भाई… 10 साल बड़ा है, मेरे से… गाँव में ही काम करता है, एक सीनियर ऑफीसर है… सीधा सादा आदमी है… बिज़ी रहता हैं, अपने ही काम में… अच्छी तगड़ी डील डोल है, उन की और जिम वगेरह भी करते रहते हैं…
भाभी, निशा – नरेश की वाइफ, लेक्चरर है… बड़ी सुन्दर और गोरी है… बड़े और गोल बूब्स… चौड़ी, मटकती गाण्ड वाली हैं… थोड़ा सीरीयस रहती हैं… अपना घर है, सो अलग से रहती है, अपने हसबैंड के साथ और एक बच्चा है 6 साल का… जो उस ने अपनी मां के पास चोदा है, पढ़ने के लिए…
ऋतु, बहन – 3 साल बड़ी है, मेरे से… बैंक में ऑफीसर है… गोरी, सुन्दर, थोड़ी सी मोटी है… गोल है लेकिन गाण्ड बहुत… लंबे बाल… हमेशा मुस्कुराती रहती है… अब तक बच्चा पैदा नहीं किया, उसने… मस्त रहती हैं…
राकेश – उन का पति… जो की एक कंपनी में डाइरेक्टर हैं… बहुत अच्छी कद काठी है और आकर्षक व्यक्तित्व के मालिक हैं… कोई औरत देख ले तो बस मर मिटे, उन पर… वैसे भी वो “दिल फैंक आदमी” हैं… हंस मुख हैं इसलिए कहीं ना कहीं, टांका लगा ही लातें हैं… ऋतु दीदी को इन की हरकतों का कुछ ना कुछ पता है… लेकिन वो भी मस्त रहतीं हैं… अपने लोगों जैसी ही है… साथ में चुदाई भी कर लें दोनों मिँया बीबी किसी और औरत के साथ, जैसे हमने की तो भी पूरे मज़े ही लेंगें…
एक नौकरानी भी रख ली है ऋतु ने, उस का नाम कुकी है… जो हमारे नौकरों के घर में अलग से रहती है… यह घर, मां के घर के साथ ही है… भीमा और उस की खास बनती है पर दोनों एक दूसरे से अलग रहते हैं… मां की नज़र भी कुकी पर हमेशा रहती है क्यों की वो बेचारी विधवा है…
मां – 46 साल की, बहुत सुंदर, सुडौल औरत हैं… गाँव की हैं, मेहनती शरीर है… सो, 35 की सी लगती हैं… इस उम्र में भी किसी का भी लण्ड खड़ा हो जाई, उन्हें देख कर… अब वो ख़ास कर, घर पर ही रहती हैं… कुकी की देख भाल में ही, रहतीं हैं… नौकरानी, कोई 26 साल की औरत है… जो मां के साथ, कोई 3 साल से है और “विधवा” है… एक दम मस्त बॉदी है, उस की… बहुत सुन्दर है… ग़रीब घर की है… मां के साथ, खुश रहती है… मां का घर, गाँव से थोड़ा सा बाहर है, खेत के थोड़ा पास… बहुत बड़ा है…
पिता की मौत के बाद, भीमा थोड़ा उदास हो गया था और चुप चाप ही रहता था… भीमा को मां ने अलग से छोटा सा एक कमरा और बाथरूम के साइड वाला घर दिया है… उस के आगे पीछे, कोई नहीं है और ना किसी को अब तक उस की जात पात का ही पता है… जब तक पिता जी थे, सब कुछ ठीक सा रहता था और सब उनके हाथ में रहते थे… फिर, मां की हुकुमकारी चलने लगी थी और अब तक चल रही है… सब उन की सुनते हैं… नौकरानी मां का सारा काम और सेवा करती है और मां, उस का ख़याल भी रखती है…
खैर, अब कहानी पर आती हूँ –
उस दिन, शाम का टाइम था…
थोड़ा सा, अंधेरा सा होने लगा था.
बरसात के दिन थे और खेत, थोड़े दूरी पर थे.
मां और भाभी और दूसरे लेबर, चले गये थे.
मैं और भीमा चलने वाले थे, क्यूंकी बडेल आ रही थी की अचानक ज़ोर की बारिश शुरू हो गई और हम दौड़ कर, एक ब्रशक़ (पेड़) के नीचे खड़े हो गये.
मैं लगभग तुरंत ही, सारी भीग गई थी और भीमा भी भीग गया था.
पूरा भीग जाने से, पानी सिर से नीचे पैरों तक जा रहा था.
मैंने उस दिन, सलवार कमीज़ पहन रखी थी.
तभी मुझे, बहुत ज़ोर का पेशाब लगा तो मैंने भीमा को कहा की साइड में चले जाओ…
वो बोला – ठीक है, बीबी जी…
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