RE: Jawan Ladki Chudai कमसिन कलियाँ
कमसिन कलियाँ--24
गतान्क से आगे..........
(सामने से लीना को थामे मंगल पगडंडी से होता हुआ राजेश के पास आकर खड़े हो जाता है) राजेश: …मंगल…इसको छोड़ दे…
मंगल: क्यों…मेरे छुने से यह मैली हो जाएगी या तेरे लायक नहीं रहेगी…इसमें कोई शक नहीं ठाकुर ने एक से एक सुन्दर लड़की पैदा की है और जब जेल जा रहे थे तो उसने अपनी लड़की को मेरे हवाले करते हुए कहा था कि मंगल इनका भरपूर ख्याल रखना…आज तक सुन्दरी को बहुत जतन से संभाल रहा हूँ और उसकी जवानी को बड़े चाव से अपना हिसाब चुकता कर रहा हूँ। पर अब सुन्दरी से ऊब गया हूँ और अब से मै लीना और टीना का बड़े प्यार से ख्याल रखूँगा…
राजेश: तू क्या चाहता है…(अब तक करीना और टीना भी बाहर आ राजेश के साथ खड़ी हो कर सब कुछ देख रही है)…इसको छोड़ दे तुझे जितना रुप्या पैसा चाहिए वह मै तुझे दूँगा…
मंगल: वह तो लूँगा ही…जो तेरे पास है आज से मेरा ही तो है। (लीना के उभरे हुए सीने के उपर अपना हाथ फिराते हुए और कस कर एक स्तन को दबा देता है। डर और पीड़ा से लीना की चीख निकल जाती है। राजेश झपटने की कोशिश करता है तो मंगल दो कदम पीछे हो जाता है और लीना के पीछे से अपने हाथ को बाहर निकाल कर चाकू लहराता है।) ऐसी कोई गलती मत करना कि इसकी जवानी का स्वाद चखे बिना यह तेरे से बहुत दूर चली जाए…
राजेश: तेरी-मेरी दुश्मनी है…इस बच्ची ने तेरा क्या बिगाड़ा है…भगवान के लिए इसको जाने दे मै तेरे आगे हाथ जोड़ता हूँ…(अब तक आभा भी बाहर आ कर खड़ी हो जाती है)
आभा: मंगल तू लीना को छोड़ दे…
मंगल: क्यों…मेरी जान अब तेरे छेद में वो मजा नहीं रहा…राजू बेटा एक बात तुझे बता रहा हूँ…तुम्हारी दुश्मनी के चक्कर में मैनें बहुत मजे लिए है…मेरी मदद के लिए ठाकुर ने सुन्दरी को मेरे हवाले कर दिया…मुहँ-माँगे पैसे दिए और आज इसी दुश्मनी के कारण सुन्दरी ने इस हसीन कली को मेरी झोली में डाल दिया…बता अन्धा क्या चाहे दो आँखें…
राजेश: तेरी उम्र हो गयी है…कम से कम अपना बुढ़ापा तो अच्छे से गुजार ले…जो चाहिए आज माँग ले वरना कल तेरी इतनी भयानक मौत होगी कि तेरी रुह भी काँप जाएगी…
आभा: मंगल बेकार की बात मत कर…तू सारा खेल चौपट कर देगा… इसको छोड़ दे…पिताजी के वकील ने सारा इंतजाम कर लिया है…तू सिर्फ एक की सोच रहा है और पिताजी इस हरामी के चगुंल से दोनों को छुड़ाने की जुगत बनाए हुए है…
मंगल: तूने मेरी सारी ठरक पर पानी फेर दिया…(एक बार फिर से लीना के सीने के उभारों को बेरहमी से मसकते हुए)…पता नहीं इसकी जवानी का स्वाद कब चखने को मिलेगा…
आभा: मिलेगा…आखिर तेरी साली है…और यही क्यों…क्या टीना को भूल गया…जो मजा प्यार से खाने में है वह जोर जबरदस्ती में नहीं…छोड़ दे लीना को
(मंगल बड़े बुझे मन से लीना को अपनी गिरफ्त से आजाद कर देता है। लीना भागते हुए राजेश के सीने से लग जाती है। राजेश प्यार से लीना के सिर पर हाथ फिराते हुए उसे शान्त करने की कोशिश करता है। टीना और करीना भी राजेश के साथ लिपट कर फफक कर रो पड़ती है।)
मंगल: मेरी साली को मेरे लिए सँभाल कर रखना राजू…सुन्दरी इस कमसिन जवानी की सुगंध ने मेरी आग भड़का दी है…चल मेरी रानी अभी तेरे से ही काम चला लेता हूँ…(कहते हुए आभा का हाथ थाम कर सामने बने हुए शमशेर सिंह के कमरे मे ले जाता है)
राजेश: हमें अभी वापिस चलना है…(कहते हुए लीना का हाथ थाम कर कार की ओर बढ़ता है)…यह क्या नया चक्कर चला रहें है मुझे अपने वकील से बात करनी पड़ेगी…
(चारों के चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई है। सब चुपचाप कार में बैठते है और वापिस घर की ओर जाते है। रास्ते में करीना के घर पर कार को रोकते हुए)
राजेश: करीना…आज जो भी सुना है उसका जिक्र किसी से भी नहीं करना… (कहते हुए कार को अपने घर की ओर मोड़ लेता है)
(घर पहुँच कर सीधा अपने कमरे में जा कर किसी से फोन पर बात करता है। टीना और लीना अभी भी बहुत डरी हुई है। शरीर पत्ते की भांति काँप रहा है और चेहरे पर डर के भाव साफ दिखाई पड़ रहे है। फोन पर बात करके राजेश ड्राइंगरूम में आता है जहाँ पर लीना और टीना बैठी हुई है।)
राजेश: बेटा, डरने की कोई बात नहीँ है… अभी थोड़ी देर में वकील साहिब आ रहे है…उनसे बात करके ही पता चल पाएगा… तुम्हारे लिए कुछ खाने के लिए बना दूँ या बाहर से मँगवा लें…
टीना: पापा…अब क्या होगा…
लीना: पापा…क्या हमें उसके पास रहना पड़ेगा…
राजेश: जब तक मै जिन्दा हूँ तो कोई भी ताकत तुम दोनों को मुझसे अलग नहीं कर सकती है…(दरवाजे की घंटी बजती है)…लीना जा कर दरवाजा खोलो…शायद वकील साहिब आये होंगें।
लीना: नहीं पापा…मुझे डर लगता है कि कहीं वह यहाँ पर दुबारा आ जाये…आप खोल कर देखिए…
(राजेश अपनी भयभीत बेटियों के मुख को देख कर बड़ा बेबेस महसूस करता है। दरवाजे को खोलने के लिए खुद जाता है…।)
(राजेश और वकील साहिब ड्राइंगरूम में प्रवेश करते है। दोनों लड़कियों को बैठा देख कर ठिठक कर रुक जाते है।)
राजेश: बेटा आप अपने कमरे मे जाओ…मुझे वकील साहिब से कुछ जरूरी बात करनी है…
वकील: नहीं…मेरे ख्याल में इनका यहाँ होना जरूरी है…अगर राजेश जी आपको कोई आपत्ति न हो तो…
राजेश: ठीक है…पर आप लोग चुपचाप बैठ कर सुनना…हाँ बोलिए वकील साहिब
वकील: कल मेरे आफिस में कोर्ट से नोटिस आया है कि आपने जबरदस्ती ठाकुर शमशेर सिंह की दो नाबलिग लड़कियों को अगवा कर के बंधक बना रखा है…उनकी माँ के मृत्यु के बाद उनकी कस्टडी उनके पिता को मिलनी चाहिए…यानि ठाकुर साहिब को मिलनी चाहिए।
राजेश: यह कैसे हो सकता है…इन दोनों के स्कूल में पिता की जगह मेरा नाम लिखा है…
वकील: ठीक है…परन्तु जो बर्थ सर्टिफिकेट है वहाँ पर ठाकुर साहिब का नाम है…अब तो कोर्ट के हाथ में है कि बताए कि कौन पिता है…
राजेश: अगर लड़कियाँ कहे कि वह मेरे साथ रहना चाहती है…क्या तब भी कोर्ट नहीं मानेगा…
(दोनों लड़कियाँ एक साथ सिर हिला कर हामी भरती है)
वकील: अगर लड़कियाँ बालिग हो तो…वरना असली पिता को कस्टडी दी जाएगी। आप उनके कोई नहीं लगते क्योंकि इनकी माँ के साथ आपने शादी नहीं की थी…वह तो लिव-इन रेलेशन माना जाएगा…
राजेश: आप कोई रास्ता निकालिए…आखिर इनका असली पिता जेल में है तो कोर्ट किसको कस्टडी देगा…
वकील: आपको कस्टडी मिलने के चांसेज बहुत कम है क्योंकि नेक्स्ट रिलेशन मौसी का है…
राजेश: तो क्या किया जा सकता है…मै किसी भी कीमत पर इनकी कस्टडी ठाकुर या आभा को नहीं लेने दूँगा…
टीना: पापा…मै मर जाउँगी पर उनके साथ नहीं जाऊँगी…
राजेश: न बेटा ऐसा नहीँ कहते…मेरे रहते हुए ऐसा कभी भी नहीं होगा…
वकील: जो सच है मैने आपको बता दिया है…
राजेश: वकील साहिब आप कोई रास्ता निकालिए…मै किसी भी हालत में इनकी कस्टडी उनको नहीं दे सकता…
वकील: देखिए कोर्ट तो सबसे पहली सुनवाई पर आपसे कहेगा कि बच्चियों की सुपुर्दगी ठाकुर और उनकी लड़की को दी जाए उसके बाद ही वो आपकी दलील सुनेगा…बहुत सोचने के बाद इसका एक ही हल है कि आप बड़ी लड़की की शादी कर दिजीए और फिर बड़ी लड़की और दामाद छोटी लड़की की जिम्मेदारी ले लें।
राजेश: अब इतनी जल्दी में एक लड़का कहाँ से ले कर आऊँगा।
वकील: कल तक आपके नाम का वारन्ट निकल जाएगा क्योंकि आप पर नाबालिग लड़कियों को जबरदस्ती अगवा करा हुआ है…पहले तो हमें आपको बचाना है…क्योंकि बड़ा गंभीर चार्ज लगाया है…
राजेश: क्या करें अब…
टीना: पापा…मेरे दिमाग में एक आईडिआ आया है…
राजेश: तुम्हें मैने कहा था कि तुम दोनों चुप रहोगी इस लिए अब वकील साहिब को अपना काम करने दो…
वकील: आप इन पेपर्स पर साइन कर दिजिए…ताकि हम आगे की कार्यवाही कर सकें…
(राजेश जल्दी से पेपर्स पर साइन करता है)
वकील: आप भी कुछ सोचिए और मेरी टीम भी सोच रही है…अब मै चलता हूँ।
राजेश: हाँ आप चलिए अगर बेल नहीं हो पाती तो मै इन दोनों को ले कर फरार हो जाउँगा…
वकील: आप मेरे से पूछे बिना ऐसा कोई काम नहीं करना…(कहते हुए बाहर की ओर जाता है।)
लीना: पापा…अब क्या होगा
राजेश: फिकर मत करो…
टीना: पापा प्लीज मेरी बात सुन लीजिए…अगर आप मेरी दीदी से शादी कर लें तो सारी मुश्किल दूर हो जाएगी…
राजेश: कैसे…नहीं यह नहीं हो सकता…
टीना: कल अगर आप को पुलिस पकड़ कर ले गयी तो वह दोनों हमारे को अपने साथ जबरदस्ती ले जाएँगे फिर हम क्या कर सकेंगें…
लीना: टीना तू यह क्या कह रही है…
टीना: दीदी…अगर मै सोलह बरस की होती तो मै पापा के साथ शादी कर लेती…पर क्या करूँ मुझे तीन साल इंतजार करना पड़ेगा… पापा तो वैसे भी हमारे पापा नहीं है…
लीना: क्या मजाक कर रही है…तुझे शर्म नहीं आती ऐसी बातें सोच कर
टीना: दीदी…
राजेश: (बात काटते हुए) लीना…मुझे लगता है कि टीना जो कह रही है उस बात में दम है…मै जरा वकील साहिब से बात कर के ही कुछ निर्णय ले सकूँगा…तुम यह बताओ कि तुम्हें कोई इस बात से एतराज है…
लीना: पापा…मै क्या कहूँ…मुझे पता नहीं बस इतना जानती हूँ कि आपके बिना मै मर जाउँगी पर उनके साथ नहीं जाऊँगी।
राजेश: फिर तो हमें उनसे बचने के लिए कुछ भी करना पड़े हम करेंगें…तुम दोनों मेरे साथ हो न…अगर तुम मेरे साथ मेरी बेटी बन कर नहीं रह सकती तो मेरी पत्नी बन कर तो रह सकती हो…। मै वकील साहिब से बात करने जा रहा हूँ…(कह कर राजेश फोन पर बात करता है)
टीना: दीदी…हम दोनों पापा के साथ शादी कर लेते है…फिर हमें कोई भी अलग नहीं कर सकेगा…
लीना: पता नहीं आगे क्या होगा…पापा नहीं होते तो सोचो हमारा क्या होता…वह कमीना इन्सान तो हर पल हमें बर्बाद करने की ताक में लगा होता…
(राजेश की फोन पर बात खत्म हो गयी है)
राजेश: मेरी बात हो गयी है…लीना तुम्हारी उम्र सोलह बरस और सात महीने है। वकील साहिब का कहना है कि कानूनी तौर से मै तुम्हारे साथ शादी नहीं कर सकता हूँ क्योंकि तुम्हारी उम्र अठारह साल से कम है…पर हम आर्य-समाजी तरीके से एक दूसरे के साथ विवाह कर सकते है और या फिर इस्लाम धर्म को कबूल करके विवाह कर लें… पर जो कुछ भी करना है वह हमें आज करना है क्योंकि उनका कहना है कि कल मुझे शायद पुलिस अरेस्ट करने की कोशिश करेगी… लीना, अब तुम बताओ…क्या करें
लीना: पापा…मै आपके साथ ही रहना चाहती हूँ… कुछ भी करिए
टीना: पापा…आप प्लीज मेरे साथ भी शादी कर लीजिए…
राजेश: बेटा…मै तुम दोनों के बिना नहीं जी सकूँगा। पहले तनवी चली गयी और फिर मुमु, अब ठाकुर तुम्हें मुझसे अलग करना चाह रहा है…मुझे समझ नहीं आ रहा कि वह मुझसे इतनी नफरत क्यों करता है कि वह अपने ही खून को उस लम्पट मगंल के हवाले करने में भी नहीं हिचक रहा है…
लीना: पापा…यह सब भूल जाइए और सोचिए कि आगे क्या करना है…
राजेश: टीना तुम मुमु की अलमारी से जरा लाल रंग की कोई साड़ी ले आओ और लीना को दुल्हन की तरह सजा दो…लीना…तुम जल्दी से तैयार हो जाओ…मै आर्य समाज मन्दिर में पंडित का इन्तज़ाम करता हूँ…
टीना: चलो दीदी…मै आपके विवाह के लिए आपको तैयार करने में आपकी मदद करती हूँ।
लीना: चलो…
(राजेश बाहर की ओर रुख करता है। टीना और लीना बेडरूम की ओर जाती है)
लीना: टीना…मुझे डर लग रहा है
टीना: किस बात का…।
लीना: पता नहीं फिर भी अन्दर से डर लग रहा है…
टीना: अपनी सुहाग रात का डर लग रहा है तो आप चिन्ता मत करो आपकी सुहाग की सेज पर आज मै सो जाउँगी…(खिलखिला कर हँस पड़ती है)
लीना: (शर्मा कर) हट बेशर्म…
(टीना अलमारी से एक चटक लाल रंग की साड़ी निकालती है। लीना अलमारी की सेफ को खोल कर मुमु के जेवरों का बाक्स निकालती है। टीना अपनी बहन को बड़े चाव से सजाती है। लीना साड़ी और जेवर पहन कर अपने आप को आईने में निहारती है।)
टीना: दीदी…आज तुम्हें देख कर पापा की छुट्टी हो जाएगी…सच
लीना: चल हट…
(दोनों बहनें अब राजेश का बेसब्री से इंतजार करती है। दरवाजे की घंटी बजती है…टीना दौड़ कर दरवाजा खोलती है। राजेश घर में प्रवेश करता है।)
राजेश: लीना तैयार हो गयी…
टीना: (मुस्कुराते हुए) आप खुद ही देख लो।
राजेश: कहाँ पर है…(बेडरूम से लीना बाहर निकलती हुई देख कर राजेश एक पल के लिए साँस लेना भूल जाता है)
टीना: क्यों क्या हुआ पापा…
राजेश: जोर का झटका जोर से ही लगा…लीना बेटा तुम बड़ी… हो गयी हो। चलो जल्दी…
(दोनों लड़कियों को अपने साथ लेकर कार से सीधा मन्दिर पहुँचता है। एलन और डौली गेट पर खड़े उनकी राह देख रहें है। लीना को देखते ही डौली दोनों लड़कियों को अपने साथ ले जाती है। राजेश सीधा विवाह वेदी पर जा कर बैठ जाता है और कुछ एक पलों के बाद डौली अपने साथ लीना को लेकर आती है और राजेश के साथ वेदी पर बिठा देती है। पंडितजी अपना कार्य शुरू करते है…)
राजेश: पंडितजी…आप हमारे विवाह का सर्टिफिकेट दे दीजिए…
पंडित: (सर्टिफिकेट राजेश के हाथ में थमाते हुए) आपका विवाह सम्पन्न हुआ…आज से आप पति और पत्नी है…
राजेश: धन्यवाद…
एलन और डौली: कोन्ग्रेच्युलेशन्स…लीना
टीना: (लीना के गले लग कर) दीदी…आज से आप मेरी मम्मी बन गयी…मुबारक हो।
लीना: पापा…सौरी…आपको आज से क्या कहूँगी
राजेश: तुम पापा ही कहो…अब जल्दी से घर चलो मुझे यह सर्टिफिकेट वकील साहिब के पास पहुँचाना है। एलन और डौली थैंक्स…टीना अपनी दीदी को ले कर कार मे जा कर बैठो…मै मन्दिर और पंडितजी का हिसाब करके आता हूँ।
(इतना कह कर राजेश मन्दिर में वापिस चला गया। एलन और डौली के साथ टीना और लीना कार की ओर बढ़ गयी। राजेश भी सारा काम निपटा कर कार मे आ कर बैठ गया। तीनों कार से घर पहुँचते है। आज के दिन की गहमागहमी से सब लोग थक चुके है। कुछ न समझते हुए एकाएक लीना फफक कर रो पड़ती है और राजेश से लिपट जाती है। राजेश उसे अपनी बाँहों मे भर कर चुप कराता है। टीना भी अपने आप को रोक नहीं पाती और दोनों से लिपट जाती है।)
क्रमशः
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