RE: Hot Sex Kahani अनु की मस्ती मेरे साथ
मैं सोफे पर बैठा हुआ था.
हम दोनो ने ही कपड़े पहनने की कोई जल्दी नही की थी. वो खाना टेबल
पर रख कर मेरी गोद मे बैठ गयी. हम दोनो एक दूसरे को खाना
खिलाए. खाते हुए हमारे नग्न बदन एक दूसरे से रगड़ खा रहे थे.
जिससे हम वापस गर्म होने लगे. खाना ख़त्म होते होते मेरा लिंग वापस
हरकत मे आ गया.
"एम्म्म.....फिर तन गया है मेरा जानू." अनु ने कहा हम दोनो हाथ मुँह
धो कर वापस उसी कमरे मे आए. वो झूठे बर्तन समेटने के लिए झुकी
हुई थी. अब मैं अपने आप को नही रोक सका और उसके नितंब से चिपक
गया. मेरा लिंग अपने चिर परिचित जगह घुसता चला गया. वो मेरी
हरकत पर खिल खिला उठी.
"ओफफो... मुझे फ्री तो हो जाने दो." मगर मैने उसे छ्चोड़ा नही. उसने
टेबल पर अपने हाथ रख दिए सहारे के लिए. मैं पीछे से उसकी
चूत मे धक्के मार रहा था. हर धक्के से हिलते बर्तनो की आवाज़ कानो
मे खटक रही थी. इसलिए कुच्छ देर बाद मैने उसे उठाया और सोफे
पर हाथ रख कर झुकाया. वापस पीछे से उसकी योनि मे धक्के मारने
लगा. हम दोनो पसीने से एकद्ूम लथपथ हो रहे थे. पंखे की हवा
उसे सूखा पाने मे असमर्थ थी. काफ़ी देर तक यूँ ही चोदने के बाद हम
दोनो ने एक साथ स्खलन किया.
वहीं सोफे पर एक दूसरे के पसीने से गीले बदन को आगोश मे लेकर
हम एक होने की कोशिश करने लगे.
दोस्तो अनु के साथ मेरिदोस्ती रिश्ते मे बदल गई आज हम बहुत खुश हैं
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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
आपका दोस्त
राज शर्मा
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