RE: Parivaar Mai Chudai घर का दूध
मेरे कहने पर मंजू बाई ने बाकी का दूध पी
डाला. मैने पुचछा की दो दिन मे इतना कैसे दूध जमा हो गया तो बोली
"बाबूजी, तुमसे चुदवा चुदवा कर गीता ऐसी खिल गयी है कि अब डबल दूध बनता
है उसकी छाति मे. फिर आप और मैं बार बार इसकी चूंचियाँ दबाते है उससे भी
दूध और ज़्यादा बनता है. मैं सोच रही थी की इतने दूध का क्या करें? अगर
आप को ऐतराज ना हो, तो मैं भी पी लिया करूँगी. मुझे बहुत मिठा लगा अपनी
बिटिया का दूध. अब ये दूधारू गाय अपन दोनो के लायक दूध देगी" और इसके बाद
सच मे हमे "घर का दूध" मिलने लगा. इतना दूध गीता देती है कि मैं और मंजू
पेट भर के पीते है और चाय मे भी डालते है. हमारी चुदाई मे भी माँ बेटी के
आपसी प्यार से एक मिठास आ गयी है. अब मैं कितना भी थका हू, मेरा लंड खड़ा
करने को इतना ही काफ़ी है की माँ बेटी की आपस की चुदाई देख लूँ. वो अब
मेरी फरमाइश पर आपस मे तरह तरह के कामकराम करके दिखाती है. --- समाप्त
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