RE: Porn Sex Kahani चंपा रानी की चुदाई
उसने लण्ड चलाने की गति बढ़ाई और थोड़ा लण्ड योनी में घुस गया । रेखा बंद आँखों से मज़ा ले रही था लेकिन
उसका हाथ बड़ी सफाई से कर रहा था । मनु अपने लण्ड पर रेखा की चूत की कोमलता और गीलापन महसूस कर सकता था ।
उसने उसके गालों और होठों को चूमा और अपने चूतड़ों को धक्का दिया जिससे आधा लण्ड चूत के अंदर सरक गया ।
मनु ने रुकावट महसूस की, रेखा ने भी दर्द महसूस किया और वो तुरंत लण्ड को थोड़ा ऊपर खींची ।
लेकिन मनु नियंत्रण नहीं रख सका और चूत के अंदर ही वीर्य छोड़ दिया ।
दोनों ने आराम महसूस किया । उसने उसके टांगों को उसकी कमर पे लपेट लिया,
उसे सहलाया और मज़ा देने के लिए धन्यवाद दिया ।
“तुमने तो मुझे लगभग चोद ही दिया है…” यह कहकर रेखा ने मनु को नीचे धकेल दिया । दोनों ने कपड़े पहने
और रेखा ने मनु को आश्वासन दिया की ससुराल से वापस आने पर वो उसका पूरा लण्ड अपनी चूत के अंदर लेगी ।
कुछ समय के बाद सेठानी कुछ अन्य महिलाओं के साथ लौट आई । उसने नशीली आँखों से मनु को देखा लेकिन
मनु के लण्ड को उसकी बुर में लेने का कोई मौका नहीं था ।
उसने मनु को आँख मारी और उसने सिर हिलाया जैसे कह रहा हो कि उसने उसकी बेटी को नहीं चोदा है ।
उसने उसे आते रहने और जितना हो सके काम में उनकी मदद करने के लिए कहा ।
जो हुआ उससे रेखा खुश थी ।
अगर मनु उसकी चूत के अंदर लण्ड पुरा पेल भी देता, तो निश्चित रूप से वो उसे मना नहीं करती ।
उसने उसके कौमार्य को बरकरार रखते हुए लण्ड का मजा देने के लिये मनु को धन्यवाद दिया ।
मनु बहुत बहुत खुश था । उसने विनोद के प्रति आभार भी व्यक्त किये की चम्पा (अपनी मां) के बारे में उसकी
अश्लील बातोंनेही उसे महिलाओं के साथ चुदाई करने के लिये प्रेरित किया था और पिछले कुछ दिनों में वह दो
कुंवारी और दो परिपक्व महिलाओं के साथ चुदाई का मजा ले चुका था ।
मनु सोच रहा था की उसकी खुद की आंखों के सामने में विनोद द्वारा चोदे जाने के लिए चम्पा को समझाना पडेगा ।
तभी उसे याद आ गया कि चम्पा ने सेठजी से पैसे लेके आने के लिए उससे कहा था । उसने सेठजी के कार्यालय में
प्रवेश किया और अपने पिता वहाँ बैठे देखा । उनके पिता से पूछताछ की कि वह वहां क्या कर रहा है ।
मनु ने उनको बताया कि सेठानीने सेठजी के लिए कुछ संदेश भिजवाया था ।
उसने सेठजी की केबिन में प्रवेश किया और सेठजी की तरफ देखकर मुस्कुराया ।
सेठजीने उसे बैठने के लिये कहा ।
मनु :- “सेठजी, चम्पा आपसे चुदवाने को तैयार हो गयी है ।
उसने रुपये लाने को कहा है । पूरा 50000/- जो आपने कहा था…”
सेठ के चेहरा ख़ुशी से चमक उठा । उन्होंने मनु का हाथ पकड़ा और पूछा, “चंपा ने ऐसा कहा?"
“हाँ, सेठजी.... लेकिन आप उसे चोदेंगे कहाँ पर ? आपके घर में…? सेठानी तैयार नहीं होगी… !”
“अरे नहीं, यही पीछे वाले कमरे में ।"
उस कमरे को दो दरवाजे है । एक दरवाजा इस कार्यालय से और एक दरवाजा पीछे से है ।
मैं और मेरे दोस्त इस कमरे का उपयोग आराम करने के लिए करते है ।
एक चाबी तुम अपने पास रख लो और चंपा को पीछले दरवाजे से अंदर ले आना ।
सेठजीने उनके मुनीमको (चम्पा के पति) आवाज देकर बुलाया और उसे कुछ निर्देश दिये ।
मनु के पिता ने तिजोरी से पैसे निकाल लिए और एक बैग में डालके सेठ को दिये ।
मुनीम के कमरे से बाहर जाने के बाद सेठजीने वो बैग मनु के हाथ में थमा दिया और कहा,
“कल शाम को चंपा को साथ लेकर आना.... मैं वो पीछे वाला कमरा तैयार रक्खुंगा और
किसीको इस बात का पता भी नही चलने दुंगा…!”
“मेरे बाप को इस बारेमे भनक भी नही पडनी चाहीए.... इस बात का भी
आपको खयाल रखना पडेगा…”, मनु ने कहा ।
एक नौकर शरबत के दो गिलास ले आया । अपने बेटे के साथ सेठ इतनी अच्छी तरह पेश आ रहा
है यह देखकर मुनीम को आश्चर्य हुआ ।
वो बेचारा तो इस बात से अनजान था कि कल पीछे के कमरे में उसकी नाक के नीचे उसकी
अपनी बीवी सेठ के लण्ड अपने मुँह में और चूत में लेने वाली है ।
शरबत पिते पिते मनु ने अचानक पूछा, “सेठजी, आपकी बेटी रेखा बहोत प्यारी है,
जब वो ससुराल चली जाएगी …आप बहोत अकेला महसूस करेंगे ।"
“हाँ मनु, मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ..... इकलौती बेटी है वो मेरी !
मुझे पता है... वह भी तुम्हे बहुत ज्यादा पसंद करती है । है ना?"
“हाँ… सेठजी, शादी के बाद वो कही दूर चली जाएगी ये सोच के ही मुझे बहुत दु:ख होता है ।
उसने मेरी जिंदगी खुशियोंसे भर दी थी…..!”
सेठजी को कहां पता था यह जवान लड़का पहले ही उसकी मोटी बिवी और बेटी को चोद चुका है ।
मनु:- “सेठजी, आप चम्पा के पीछे क्यों पडे हैं ? क्या सेठानी आपको अच्छी नही लगती?
मुझे तो वो बहुत प्यारी लगती है."
सेठजी:- “तू बच्चा है, तुझे नहीं मालूम, साली (सेठानी) बिल्कुल थूल थूल हो गयी है ।
उसमें कुछ मजा नहीं है कही भी हाथ लगाओ तो लगता है की माँस के लोथडे (मीट लोफ) को दबा रहा हूँ ।
लेकिन चम्पा को देखते ही पूरे बदन में खुन दौड़ने लगता है... बहुत मजा आएगा साली को दबाने में…”
सेठ पुरा गरमा गया था । मनु ने फिर पूछा, “सेठानी के अलावा और किस किस को चोदा है अब तक ?”
“अरे बेटे, जवानी के दिनों में तो बहुतो को चोदा है, जो औरत घर में आती थी सबको
बहला फुसलाकर या पैसा देकर चोद लेता था…”
“तो फिर चम्पा को क्यों नहीं चोदा । वो भी तो आपके घर में आती जाती थी ।
आज 30 साल की उम्रमें ऐसी मस्त लगती है तो पहले कैसी लगती होगी…?”
“पुछ मत बेटा, उसको देख-देखकर मैंने जितना पानी गिराया है उतना मैंने सेठानी को चोदकर भी नहीं गिराया होगा ।
लेकिन साली चम्पा ने कभी मौका ही नहीं दिया..... अभी तक मैं उसका हाथ
नहीं पकड़ पाया...... लेकिन कल चोदूँगा साली को...
लण्ड चूसा चूसा कर चोदूँगा…”, सेठ वासना के नशे में बडबडाता रहा,
“ बढती उम्र के साथ साथ तुम्हारी मां की जवानी भी खिलती जा रही है…
वो पहले कभी इतनी चुदासी नही दिखी..…जितनी अब दिखती है.”
सेठ बिल्कुल जवान लौन्डो की तरह मस्ता गया था ।
50 साल से ऊपर था और …… साल के लड़के के साथ चुदाई की बात कर रहा था ।
मनु सेठ की बहुओं के बारे में भी गंदी बाते करना चाह रहा था….इसलिए उसने पूछा,
“ सेठजी, अगर आपको मेरी बहन ममता, रेखा और आपकी दोनों बहुओं में से सिर्फ किसी एक
को चोदनेका मौका दिया जाए , तो आप किसको चोदना चाहेंगे ?”
सेठ गहरी सोंच में डूब गया । मनु को लगा की कहीं यह सुनकर शायद सेठ उसपर घुस्सा न हो जाये ।
लेकिन सेठ तो मन ही मन चारों लडकियोंकी तुलना करनेमें मशगुल था ।
थोड़ी देर सोचने के बाद उसने कहा, “ युं तो तुम्हारी बहन उम्र में सबसे छोटी होने की वजह से
चुदाई का बहूत मजा देगी, लेकिन फिर भी मै अपनी छोटी बहु को, लीला को, चोदना पसंद करूँगा ….
वो गजब की सुन्दर और चुस्त शरीर की मालकिन है….इसलिए चंपा के अलावा अगर मै किसी और के
चूत में अपना लंड डालने के लिए बेक़रार हूँ तो वोह है मेरी छोटी बहु….लीला !”
मनु:- “लेकिन मैं तो आपकी बेटी रेखा को चोदना चाहता हूँ….साली बहुत मस्त-मस्त माल है…
क्या आपने कभी अपनी छोटी बहु को नंगा देखा है ?
सेठने इधर उधर देखा और कहा- “देखा तो नहीं है लेकिन देखना चाहता हूँ …”
सेठने मनु की पीठ थपथपाई और फिर से कहा, “मैंने लीला बहू को कपड़े बदलते हुए देखा है और चोरी
चोरी कई बार कुतिया को खाली पेटीकोट और ब्रा में देखा है । क्या टाइट माल है ।
चम्पा को पटाने के बाद उसे ही बोलूँगा की वो मेरी छोटी बहू को मेरा लण्ड खाने के लिए तैयार करे…”
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