RE: College Girl Chudai मिनी की कातिल अदाएं
अब आगे की कहानी मैं सुनाता हूँ!
खाना खाकर मैंने सुनीता को फ्रिज से आइसक्रीम निकालने को कहा।
वो उठी, मैं भी पीछे पीछे चला गया, मैंने उसको पीछे से गले लगाकर पूछा कि उसे बुरा तो नहीं लग रहा, और क्या वो और भी आगे बढ़ने को तैयार है?
तो उसने पलट कर मुझे चूम कर कहा कि मेरे साथ वो हर चीज के लिए और किसी भी लिमिट तक तैयार है बस इन सबसे मेरे और उसके संबंधों पर फर्क नहीं आना चाहिए।
मैंने उससे पूछा- पूजा और रोहित कैसे लगे?
तो वो हंसकर बोली- पूजा बहुत जिंदादिल और अच्छी है और रोहित को उसने चखा कहाँ है तो उसे क्या मालूम कि वो कैसा है।
मैंने कहा- चल बाहर… अभी चखा दूँ।
तो सुनीता बोली- अभी तो आइसक्रीम ले आऊँ, फिर देख लेंगे! जरूरी तो नहीं कि आज ही सारा कार्यक्रम हो जाये!
वो चार कपों में डालकर आइसक्रीम ले आई, हमने आइसक्रीम खानी शुरू की तो रोहित ने फिर एक नई खुराफात हमसे बिना पूछे कर दी, उसने पूजा को लिटाकर उसकी फ्रॉक ऊपर करके उसकी चूत में अपना आइसक्रीम का कप पलट दिया और उसे जीभ से चाटने लगा।
पूजा ने सुनीता जो आँख फाड़कर ये नजारा देख रही थी, को अपने पास बुलाया और उसे अपने मुँह के ऊपर बिठाया और उसकी चूत चूसने लगी।
अब अकेला मैं क्या करता, मैंने भी ताव में आकर अपने लंड पर आइसक्रीम लगा ली और लंड दे दिया सुनीता के मुँह के अंदर…
यह देख कर पूजा बोली- जय, मुझे भी चूसना है!
मैंने सुनीता की ओर देखा, सुनीता ने मेरे लंड को मुँह से निकाल कर उस पर और आइसक्रीम लगा कर मुझे अपनी जगह बिठा दिया और पूजा मेरे लंड चूसने लगी।
रोहित पूजा की चूत चूस रहा था और पूजा मेरे लंड चूस रही थी।
मैंने सुनीता से कहा- रोहित का लंड खाली है उसे तू चूस…
सुनीता को झिझक हो रही थी, रोहित ने उसका हाथ अपने लोअर में कर दिया।
फिर तो सुनीता ने उसका लोअर नीचे किया और उसका लंड अपने मुँह के अंदर ले लिया।
क्या नजारा था… हर ओर चुसाई और चुदाई का आलम!
जैसे ही एक मिनट को रोहित ने अपना मुँह पूजा की चूत से हटाया और सुनीता से चुसवाने में अच्छी पोजीशन करी, मैंने फटाक से अपना लंड पूजा के मुँह से हटाकर उसकी चूत में घुसा दिया।
पूजा ने भी अपनी टांगें मेरे कंधों पर रख ली। हम जोरदार चुदाई में लग गए।
यह देखकर सुनीता ने भी रोहित का लंड मुँह से निकाल दिया और लेट गई इस इन्तजार में कि रोहित उसकी चूत फाड़ दे!
रोहित ने उसकी दोनों टांगों को दोनों हाथों से फैलाया और अपना औज़ार सुनीता की चूत में डाल दिया।
सुनीता ने जिन्दगी में पहली बार किसी दूसरे का लंड खाया था, भले ही इसका इंतज़ार वो कबसे कर रही थी।
सुनीता और पूजा ने एक दूसरे के हाथ पकड़ लिए थे और मैं और रोहित एक दूसरे की बीवियों की चूत बजा रहे थे।
मैंने कहा- रोहित चलो इनकी गांड भी खोल दें!
मगर सुनीता इसके लिए तैयार नहीं हुई, बोली- फिर कभी!
रात काफी हो चुकी थी, पूजा रोहित अपने घर चले गए।
हमने कपड़े नहीं पहने थे, हम ऐसे ही सो गए।
अगले इतवार को पूजा ने वाटर पार्क का प्रोग्राम बनाया। मेरी छुट्टी तो मंगलवार को होती थी मगर पूजा के बार बार कहने पर मैं दोपहर दो बजे बाद चलने को तैयार हुआ।
वाटर पार्क में स्विमिंग कोस्टयूम तो वहीं से लेने थे, अपने टॉवल लेकर सुनीता पूजा के साथ आ गई। मैं और रोहित सीधे वहीं पहुँचे।
पूजा और सुनीता ने बिकनी स्टाइल का कोस्टयूम लिया और मैंने और रोहित ने बरमूडा!
हम लोग एक साथ खूब मस्ती करने लगे। यह तय हो गया था कि पूजा मेरे साथ रहेगी और सुनीता रोहित के साथ!
एक बंद वाली स्लाइड में मैं और पूजा ऊपर से नीचे फिसल कर आये, अंदर मैंने पूजा के मम्मे जोरे से दबाये।
पूजा चीखी पर इतनी शोर में उसकी चीख कहाँ सुनाई देती।
नीचे सुनीता आते ही बोली- रोहित तो बहुत बदमाश है! ऊपर से नीचे आते में इसने मेरे मम्मे दबा दबा कर परेशान कर दिया।
हम लोग स्विमिंग पूल में भी इन दोनों की चूत में उंगली करते रहे।
वहाँ खड़े गार्ड ने एक बार देख भी लिया और सीटी बजाई।
मैंने बाहर आकर उससे कहा कि चुपचाप जो हो रहा है होने दे और कल मेरी दुकान पर आकर 500 रुपये ले जाये।
वो मुस्कुरा कर बोला- ठीक है, पर और लोगों न देखें, इस बात का भी ध्यान रखें!
शाम को घर आने पर प्रोग्राम बना कि रात को खाना छत पर खायेंगे।
हम लोग अपना अपना खाना लेकर 9 बजे छत पर पहुँच गए। छत पर ज्यादा रोशनी नहीं थी। पूजा और सुनीता ने तय कर लिया था कि वो दोनों गाऊन में आएँगी, मैंने लुंगी और शर्ट पहनी थी, रोहित भी लुंगी और टीशर्ट पहने था।
हम लोग नीचे चटाई बिछाकर बैठ गए, अब हमें दूसरी छतों से भी कोई देख नहीं सकता था।
पूजा ने हाथ आगे बढ़ाकर मेरी और रोहित की लुंगी की गाँठ खोल दी।
हमारी लुंगी आगे से खुलकर हमारे औजार दिखाने लगी।
इसके बाद पूजा ने सुनीता के गाऊन की बेल्ट खींच दी।
मैं यह देख कर दंग रह गया कि सुनीता ने नीचे कुछ भी नहीं पहना था। अब सुनीता ने पूजा का भी गाऊन खोल दिया, हम चारों अपने नंगे बदन को दिखा रहे थे।
यह देखकर और पूजा और सुनीता की बदमाशी समझ कर हम हंस पड़े।
रोहित ने सुनीता को अपनी ओर खींच लिया, सुनीता पेट के बल लेट कर रोहित का लंड चूसने लगी।
मैं पूजा के पीछे बैठकर उसके मम्मी दबाते हुए उसकी जीभ अपनी जीभ से चूसने लगा।
तभी सुनीता ने अपनी उंगली पूजा की चूत में कर दी और पूजा ने भी अपने पैर का अंगूठा सुनीता की चूत में कर दिया..
कोई देख न ले इसलिए हम लोग खड़े नहीं हो सकते थे।
बहुत देर तक हम ऐसे ही करते रहे।
रोहित तो सुनीता के मुँह में झड़ गया पर सुनीता, पूजा और मेरी प्यास अधूरी रही।
मैंने सुनीता से कहा- चलो नीचे चलते हैं।
तो पूजा बोली- मेरा क्या होगा?
पर मजबूरी थी इससे ज्यादा यहाँ कुछ हो भी नहीं सकता था।
मैंने रोहित को एक आईडिया दिया कि दो दिन के लिए जिम कार्बेट पार्क चलते हैं, वहाँ मैं पूजा के साथ रहूँगा और तुम सुनीता के साथ… दो दिन सिर्फ चुदाई… बस खाने के लिए ही बहार निकलेंगे।
मेरा आईडिया सबको पसंद आया। यह जिम्मेदारी मुझे दी गई कि मैं काम के हिसाब से छुट्टी की डेट निकाल लूँ और रोहित से कन्फर्म करके रिजर्वेशन करा लूँ।
|