kamukta kahani अय्याशी का अंजाम
06-27-2018, 12:02 PM,
#37
RE: kamukta kahani अय्याशी का अंजाम
जय वहाँ से चला गया और रश्मि सपने के बारे में सोचने लगी कि कैसे इसे हक़ीकत का रूप दिया जाए। जय के जाने के बाद रश्मि बाथरूम में गई.. अपने आप को साफ किया और आकर वापस सो गई।
उधर रंगीला वहाँ से साजन और उसके दोस्तों के पास गया। शायद आगे के लिए कोई प्लानिंग करनी होगी.. तो आओ देखते हैं वहाँ क्या खिचड़ी पक रही है।
साजन- अरे आओ भाई.. हम अभी आपके बारे में ही बात कर रहे थे।
आनंद- भाई आपने तो इस खेल को बहुत उलझा दिया है.. कैसे-कैसे आइडिया लगा रहे हो आप?
रंगीला- दोस्तो, जिस खेल से किसी की जिंदगी बदल जाए.. वो कोई छोटा-मोटा खेल नहीं होता.. समझे.. इसलिए ये सब आइडिया लगाना पड़ता है। आज तुम्हें एक राज़ की बात बताता हूँ.. गौर से सुनो..
साजन- बताओ भाई बताओ.. आपकी कहानी में राज़ बहुत होते हैं.. वैसे लग रहा है कि आगे मज़ा बहुत आने वाला है..
रंगीला- सही कहा.. जैसे-जैसे राज़ खुलेंगे.. मज़ा बढ़ता जाएगा। देखो ताश की गड्डी में 4 इक्के होते हैं.. जिसके पास 3 इक्के आ जाते हैं उसको कोई हरा नहीं सकता.. सही है ना?
सुंदर- सोलह आने सच है भाई..
रंगीला- गुड.. अब सुनो इस खेल में तुम तीनों 3 इक्के हो.. और चौथा इक्का मैं हूँ.. यानि इस खेल के खिलाड़ी के पास चारों इक्के मौजूद हैं.. सामने वाला लाख सर पटक कर मर जाए.. वो किसी हाल में जीत ही नहीं सकता.. समझे ये है मेरा राज़..
साजन- भाई बुरा ना मानना.. मगर अपुन के सर के ऊपर से निकल गया.. हम 3 इक्के.. ये समझ आ गया.. मगर आप चौथे इक्के हो.. ये खोपड़ी में नहीं घुसा.. आप तो खिलाड़ी हो.. हाँ कोमल को चौथा इक्का कहते.. तो बात भेजे में फिट हो जाती..
रंगीला- अबे साले.. ऐसे तो बड़ा तेज बनता है.. कोमल और रश्मि तो इस खेल के कॉइन हैं जिन पर दांव लगाया जा रहा है.. अब देख विजय और जय समझते हैं कि मैं उनके साथ हूँ.. मगर असल में यह खेल मैं उनके खिलाफ खेल रहा हूँ.. तो हुआ ना चौथा इक्का..
साजन- हाँ भाई.. एकदम सही है.. अब बात समझ आ गई है।
रंगीला- अब सुनो.. शाम को रश्मि क्लब में आएगी.. तुम किसी तरह सनडे पार्टी के लिए उसको मना लेना.. या ऐसा समझो उसके दिमाग़ में ये बात डाल देना ताकि वो पार्टी में आने के लिए जय के पीछे पड़ जाए.. उसके बाद मुझे क्या करना है.. मैं देख लूँगा। यह खेल तो बाद में होगा.. उसके पहले ही मैं रश्मि को नंगा कर दूँगा हा हा हा हा..
साजन- हाँ भाई.. एकदम सही है.. अब बात समझ आ गई है।
रंगीला- अब सुनो.. शाम को रश्मि क्लब में आएगी.. तुम किसी तरह सनडे पार्टी के लिए उसको मना लेना.. या ऐसा समझो उसके दिमाग़ में ये बात डाल देना ताकि वो पार्टी में आने के लिए जय के पीछे पड़ जाए.. उसके बाद मुझे क्या करना है.. मैं देख लूँगा। ये खेल तो बाद में होगा.. उसके पहले ही मैं रश्मि को नंगा कर दूँगा हा हा हा हा..
वो सभी काफ़ी देर तक वहीं बैठे हुए बातें करते रहे।
दोस्तो, शाम तक ऐसा कुछ नहीं हुआ जो बताऊँ.. वहाँ रानी के साथ भी कुछ खास नहीं हुआ.. तो चलो सीधे आप शाम का सीन देख लो।
रश्मि सुकून की नींद लेकर उठी.. अब उसका माइंड फ्रेश था.. वो नहा कर रेडी हो गई थी। आज उसने एक बहुत ही सेक्सी ब्राउन मैक्सी पहनी थी.. जो स्लीवलैस थी और पीछे कमर लगभग पूरी खुली हुई थी.. देखने वाला बस देखता रह जाए..
रश्मि विजय के कमरे में गई.. वो अभी बाथरूम जा ही रहा था कि रश्मि को देख कर वो रुक गया।
विजय- अरे आओ आओ गुड्डी.. क्या बात है.. बहुत अच्छी लग रही हो तुम!
रश्मि- थैंक्स भाई.. मगर मैंने क्या कहा था.. नो गुड्डी अब आप मुझे रश्मि कहोगे ओके..
विजय- ओके मेरी प्यारी बहना.. अब से रश्मि कहूँगा ओके.. वैसे तुम रेडी होकर कहाँ जा रही हो?
रश्मि- वो जय भाई ने कहा था शाम को हमारे साथ क्लब चलना.. तो बस इसी लिए रेडी हुई हूँ।
विजय- ओह्ह.. अच्छा मगर रश्मि सॉरी बुरा मत मानना.. ये ड्रेस कुछ ठीक नहीं है.. वहाँ ज़्यादातर लड़के होते हैं प्लीज़ अगर हो सके तो ये ड्रेस चेंज कर लो।
रश्मि- अरे क्या भाई.. इतना अच्छा तो है.. आजकल यही सब चलता है..
विजय- पता है रश्मि.. मैंने कब कहा ये बुरा है.. अब अपने भाई की बात नहीं मानोगी क्या.. जाओ चेंज कर लो ना प्लीज़ मेरे लिए..
रश्मि- ओके भाई अभी करती हूँ.. तब तक आप भी रेडी हो जाओ।
रश्मि वहाँ से वापस अपने कमरे में चली गई और बड़बड़ाने लगी।
रश्मि- उहह कितना अच्छा ड्रेस था.. मगर विजय भाई भी ना बस कोई लड़का मुझे घूरेगा.. ये सोच कर चेंज करने को बोल दिया.. अजीब सी उलझन है एक भाई मुझे ब्रा-पैन्टी में देख चुका है और दूसरा थोड़ा सा भी ओपन नहीं देख सकता।
रश्मि ऐसे ही बड़बड़ाती हुई चेंज करने लगी। अब उसने फुल स्लीव का ब्लू टॉप जो एक जैकेट टाइप था.. यानि गले पर 3 बटन थे और ब्लैक लॉन्ग स्कर्ट पहना था.. वो बहुत प्यारी लग रही थी।
उधर विजय भी रेडी हो गया था मगर जय अभी तक आया ही नहीं था.. तो विजय ने उसको फ़ोन लगाया.. तो जय ने कहा वो 5 मिनट में आ रहा है तुम दोनों रेडी हो जाओ।
विजय ने उसको बता दिया वो लोग रेडी हैं तुम जल्दी आ जाओ। उसके बाद विजय नीचे चला गया.. उसके पीछे-पीछे रश्मि भी आ गई।
विजय- वाउ अब लग रही हो ना किसी परी के जैसे.. आओ यहाँ बैठ जाओ जय बस आता ही होगा..
रश्मि- ओह्ह.. थैंक्स भाई, ये भाई कब का गया है.. मुझे तो कहा था जल्दी रेडी हो जाना.. मगर खुद देर कर रहा है।
विजय- अरे आ जाएगा.. तब तक हम यहाँ बैठकर बातें करते है ना..
काका- बिटिया आपको कुछ चाहिए क्या.. बताओ तो ला दूँ?
रश्मि- हाँ काका.. रात को हम बाहर खाकर आएँगे.. आप मॉम को बता देना.. और अभी हम दोनों के लिए जूस बना दो.. ठीक है ना भाई?
विजय- हाँ ठीक है.. पी लेंगे.. वैसे भी तुम कहो और मैं ना कह दूँ.. यह कभी हो सकता है क्या?
काका ने जल्दी ही दोनों के लिए जूस तैयार कर दिया। तभी जय भी वहाँ आ गया और ‘बस 5 मिनट में आया..’ कहकर अपने कमरे में चला गया।
रश्मि और विजय वैसे ही बैठे बातें करते रहे.. कुछ देर बाद जय भी आ गया और वो तीनों क्लब के लिए एक साथ घर से निकल गए।
कुछ देर बाद वो वहाँ पहुँच गए और जय ने वहाँ अपने कुछ खास दोस्तों से रश्मि को मिलवाया.. जिनमें साजन और उसके दोस्त भी थे।
शुरू के 20 मिनट तो बस ऐसे ही मिलना मिलाना चलता रहा। उसके बाद रंगीला ने साजन को इशारा किया कि आगे के प्लान को अंजाम दे।
वैसे आपको याद तो होगा ही.. रंगीला ने विजय और जय को कोई आइडिया बताया था.. वो अब अंजाम में आ रहा है। आप खुद देख कर समझ जाओगे।
साजन- अरे यार यहाँ ऐसे कब तक खड़े रहोगे.. चलो कुछ खेल खेलते हैं.. वैसे रश्मि तुमको क्या पसन्द है बताओ?
रश्मि- अरे यहाँ तो बहुत से खेल हैं कुछ भी खेल लो.. मुझे क्या पूछना वैसे आप हमेशा क्या खेलते हो.. आज भी वही खेल लो..
विजय- अरे रश्मि तुम कौन सा रोज यहाँ आती हो। आज तुम्हारी पसन्द का खेल खेलेंगे.. वैसे तो हम सब कार्ड खेल खेलते हैं।
रश्मि- ओह्ह.. रियली.. वैसे आप को पता है ना.. मुझे भी ये खेल पसन्द है..
साजन- ओहो.. तब तो कोई प्राब्लम ही नहीं है.. चलो सब मिलकर खेलेंगे..
रंगीला- हाँ रश्मि.. आज तुम हमारी टीम में हो.. बड़ा मज़ा आएगा..
साजन- हैलो रंगीला भाई ये टीम क्या है.. सब अलग-अलग खेलेंगे.. वो सामने देखो बड़ी टेबल पर.. चलो सब अपना-अपना खेल खेलो.. ओके..
जय- हाँ यही सही रहेगा.. आज तो सब को कंगल बना कर ही जाएँगे हम..
खेल शुरू हो गया.. सब हँसी-ख़ुशी खेल खेलने लगे.. मगर रश्मि को फिर वही बेचैनी शुरू हो गई.. उसका जिस्म जलने लगा।
जय सबसे अच्छा खेल रहा था.. सब उसके सामने फीके पड़ रहे थे। एक-दो राउंड रश्मि ने भी जीते.. मगर उसका मन अब खेल में नहीं था। उसको ये फुल स्लीव के कपड़े चुभने लगे थे, वो इधर-उधर देखने लगी थी।

रंगीला समझ गया कि गोली अपना काम कर रही है.. उसने साजन को इशारा कर दिया कि आगे क्या करना है।
साजन- यार जय तुम तो जीतते ही जा रहे हो.. लगता है आज सारा माल तुम लेके जाओगे..
जय- मैंने कहा था ना.. मुझसे पंगा मत लेना… अब देख तू मेरा कमाल.. आगे-आगे क्या होता है..
साजन- अच्छा इतना ही भरोसा है खुद पर.. तो तुम्हारे फार्म वाले खेल के लिए रश्मि को साथ ले आ.. तब मानूँगा तुझे पक्का खिलाड़ी..
विजय- ये बकवास कर रहे हो तुम साजन.. वो हमारे बीच की बात है। उसमें मेरी बहन को बीच में क्यों ला रहे हो तुम??
रश्मि- कैसा खेल भाई.. मुझे बताओ.. मैं तैयार हूँ। आप पर मुझे पूरा भरोसा है।
जय- नहीं रश्मि.. तुम्हें कुछ नहीं पता.. तुम चुप रहो, वो हम लड़कों का खेल है।
रश्मि- नहीं भाई कुछ तो बात है.. ये साजन ने मेरा नाम क्यों लिया?
रंगीला- अरे रश्मि.. वो वहाँ हर बार हम लड़की लेके जाते हैं.. मतलब पार्ट्नर बना के.. इस बार कुछ चेंज है तो ये पागल साजन ने तुम्हारा नाम ले लिया।
रश्मि- तो इसमें गलत क्या है.. मैं भी तो एक लड़की हूँ.. नहीं भाई आप इसका चैलेन्ज एक्सेप्ट कर लो।
विजय- रश्मि.. नहीं तुम वहाँ नहीं जा सकती.. समझो बात को..
साजन- अरे क्या विजय.. तुम बीच में क्यों बोल रहे हो.. जय को बोलने दो ना.. वैसे तो ये बहुत कहता रहता है। जय खन्ना ने जो एक बार कह दिया.. वो कह दिया..
रश्मि- हैलो प्लीज़.. आप बुरा मत मानना.. मगर ये सच है मेरा भाई कोई ऐसा-वैसा नहीं है.. आज मैं कहती हूँ हम फार्म पर खेल खेलने जाएँगे। यह रश्मि खन्ना की ज़ुबान है.. जो मेरे भाई से कम नहीं है।
रश्मि की इस बात पर सबके चेहरों पर हल्की सी मुस्कान आ गई थी उनका प्लान कामयाब हो गया था। मगर ये आधा प्लान था.. बाकी का आधा अब जय को पूरा करना है। मगर यहाँ नहीं वो बाद में इसे अंजाम देगा।
जय- रश्मि तुमने जल्दबाज़ी कर दी.. पहले मुझसे तो पूछती..
रश्मि- नहीं भाई.. यह हमारी इज़्ज़त का सवाल था.. अब जो होगा देखा जाएगा.. आप बस ‘हाँ’ कह दो।
जय- ओके ठीक है.. अबकी बार रश्मि वहाँ जाएगी.. तुम भी अपनी बहन को ले आना समझे?
साजन- ठीक है यार.. अब जो होगा देखा जाएगा.. इसी बात पर हो जाए एक राउंड और..
खेल फिर से शुरू हो गया। अब रश्मि की बेचैनी भी बढ़ती जा रही थी.. रंगीला ने इस बात को नोट कर लिया और साजन को वहाँ से जाने का इशारा कर दिया। यह उनके दूसरे प्लान का हिस्सा है.. जो सुबह उन्होंने बनाया था।
साजन ने बाथरूम का बहाना बनाया और वहाँ से निकल गया.. बाकी सब खेलते रहे।
कुछ देर बाद रश्मि खड़ी हो गई।
रश्मि वहाँ से उठ कर बाहर खुली हवा में आ गई और मौके का फायदा उठा कर साजन भी उसके पीछे बाहर आ गया।
विजय- अरे क्या हुआ रश्मि.. बैठो मज़ा आ रहा है।
रश्मि- नहीं भाई आप लोग खेलो.. मुझे थोड़ी घबराहट हो रही है.. मैं खुली हवा में जाती हूँ।
जय- अरे क्या हुआ.. अगर तबीयत ठीक नहीं है तो घर चलें हम?
रश्मि- अरे नहीं नहीं.. ऐसा कुछ नहीं.. बस थोड़ी खुली हवा में जाऊँगी तो ठीक हो जाऊँगी.. आप खेलो में अभी वापस आ जाऊँगी।
Reply


Messages In This Thread
RE: kamukta kahani अय्याशी का अंजाम - by sexstories - 06-27-2018, 12:02 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,572,020 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 552,428 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,263,341 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 955,300 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,694,253 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,114,991 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,010,234 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,254,281 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,101,806 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 291,700 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)