RE: Sex Kahani ह्ज्बेंड ने रण्डी बना दिया
तभी उसने रौबीली और मर्दाना आवाज में बोला- साली.. मेरे पैर नहीं लण्ड पकड़ जिससे तुझे और मुझे सुकून मिलेगा।
यह कहते हुए वह मुझे उठाकर बिस्तर पर पटक कर मेरे ऊपर चढ़कर मुझे अपने गिरफ्त में लेते हुए बोला- थोड़ा सा मेरा साथ दो और मुझसे चुदाकर चली जा.. मुझको भी जल्दी है.. घिस नहीं जाएगी तेरी बुर.. मेरा लण्ड जाने से..
मैं बोली- मैं तो आपको जानती भी नहीं और मैं आपके साथ क्यूँ करूँ यह सब?
वो बोला- तो नहीं मैं करूँगा तुम्हारे साथ तेरी चुदाई..
वो कपड़ों के ऊपर से ही मेरी चूचियाँ दबा रहा था, मेरे होंठों को दाँतों से काट रहा था।
तभी मेरा हाथ उसकी कमर की तरफ गया, मैं चौंक उठी.. वो तो ऊपर से नीचे तक पूरा नंगा था।
मैं बोली- छी:.. तुम बहुत गंदे हो।
वह बोला- तुम तो अच्छी हो..
और वो मेरा हाथ पकड़ कर अपने बाबूराव पर ले गया और लण्ड मेरे हाथ में पकड़ा दिया। मैं फिर चौंक उठी.. यह तो बहुत बड़ा मोटा और हब्शी किस्म का बाबूराव था।
मेरा तो मन डोल गया.. मैंने उसे कस कर पकड़ लिया और शरीर को ढीला छोड़ कर चुदने के लिए समर्पित कर दिया।
वो मुझे चूमते हुए मेरा लहँगा ऊपर कर के चूत पर हाथ लगा कर बोला- आहा.. साली.. तू तो पहले से ही पैन्टी उतार कर तैयार है।
मैं बोली- मैंने तो यूं ही पैन्टी नहीं पहनी.. पर तुम तो पहले से बिना कपड़ों के तैयार बैठे हो।
बोला- तेरे से ज्यादा जल्दी मेरे को है.. प्यार-व्यार बाद में फिर कभी.. अभी डायरेक्ट चुदाई होगी।
यह कहते हुए उसने बाबूराव मेरी चूत पर लगाया।
तभी मैं बोली- एक बार अपना लण्ड तो चुसा दे.. फिर चोदना।
वह कुछ नहीं बोला, पता नहीं क्यूँ.. मैं सारी हदें पार करके एक अजनबी से चुदवाने के लिए तड़पने लगी, किसी गर्म और चुदासी कुतिया जैसी मेरी हालत हो रही थी।
तभी उसने मेरी चूत की फाँकें अलग कर दीं।
जैसे ही उसने अपने लण्ड का सुपाड़ा मेरी चूत पर लगाया.. तो मैंने कमर उठा कर सुपाड़ा अन्दर लेना चाहा। कमर उठने के साथ ही उसने एक झटके में ही तमाम लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया।
एक पल के लिए तो मुझे लगा कि दर्द के मारे मेरी जान ही निकल जाएगी। मैं चिल्लाने लगी, ‘ओहहहऽऽऽ हायऽऽऽ अहऽऽऽऽऽ मर गई.. मैं तो आज नहीं बचूँगी.. आज तो ये हरामी मुझे मार ही डालेगा.. हायऽऽऽ प्लीज़ ज़रा धीरे-धीरे तो डालना। साले यह तेरा लण्ड है कि गधे का.. हरामी…
मेरे मुँह से गाली निकलने लगीं।
मेरी गाली साथ ही वह एक झटके से लण्ड बाहर खींचता और वापस मेरी चूत में घुसा देता।
‘हायऽऽऽ प्लीज़ ज़रा धीरे-धीरे तो चोद ना।’
पर वह अपनी धुन में चुदाई करते जा रहा था.. जैसे उसे कुछ सुनाई ही ना दे रहा हो और मैं भी बस चुदना चाहती थी।
जल्दी से जल्दी मैं भी अपनी मंजिल पाना चाहती थी क्यूँकि उसकी चुदाई की जल्दबाजी देख कर लग रहा था जैसे वो कभी भी मेरी चूत को अपने पानी से भर सकता है।
तभी उसने मेरी चूचियों को हाथ में ले लिया और अब वो मेरे निप्पलों को मसलते और चूसते हुए ‘गचागच..’ लण्ड चूत में पेलता जा रहा था।
मैं उसकी चुदाई में इतनी मस्ती में हो गई कि खुद पर काबू नहीं रख सकी और अपने जिस्म की गर्मी निकालने के लिए कमर उठा-उठा कर चुदवाने लगी।
‘हाय आहहसीई.. आह.. गई.. मेरे राजा आआहह.. सीसीई.. आह.. अब मेरा निकलने वाला है.. आहहह.. आसीसीईईई.. आह.. मेरा तो पानी छूट गया.. ऊऊहहहऽऽऽ मेरे आआहह.. सीसीईईई.. ररसऱर..’
उसे एहसास हुआ कि मेरा माल खल्लास हो रहा है… मैं झड़ रही हूँ।
फिर क्या उसने भी चोदने की रफ्तार तेज़ कर दी और चिल्लाते हुए बोला- साली कुतिया.. ले.. अब तो तेरा दिल भर गया ना.. ले.. अब.. मैं भी अपना पानी छोड़ता हूँ आहाहा.. ओहहऽ सीसीई हायऽऽऽ मेरी रानी.. आहह सीय मज़ा आ गया।
फिर उसने मेरी चूत में अपना गाढ़ा माल छोड़ दिया।
उसने मेरी चूत को अपने गरम वीर्य से भर दिया और निढाल होकर मेरे बदन पर पसर गया।
करीब 5 मिनट तक वो सांड की तरह ऐसे ही मेरी चूत और बदन पर लदा रहा.. फिर उतर कर बोला- अब तुम जा सकती हो.. और चुदना हो तो रुक सकती हो.. क्यूँकि तुम्हारा बदन और चूत बहुत मस्त है.. एक बार में मन नहीं भरा मेरी चुदक्कड़ रानी..
मैं बोली- नहीं.. मैं नहीं रुक सकती.. क्यूँकि मेरे ह्ज्बेंड मुझे खोज रहे होंगे..
मैं बहाना करके अपना लहँगा सही करके वैसे ही चुदी हुई बुर लेकर जाने को हुई.. तो एक बार मैंने फिर उससे पूछा- क्या मैं जान सकती हूँ.. मेरी बुर चोदने वाला और इस दमदार लण्ड का मालिक कौन है?
वह बोला- मैं बुर पेलता हूँ और तुम्हारे जैसी औरतों को खुश करता हूँ.. मुझे देख कर और मेरा नाम जान कर क्या करोगी?
मैं बोली- अगर मेरा फिर तुमसे चुदने का मन हुआ तो मेरी इच्छा कैसे पूरी होगी?
वह बोला- जान तुम दिल से याद करना.. मैं तुम्हें चोद दूँगा.. जैसे मैंने कुछ देर पहले अभी चोदा है।
‘पर मैं तो तुमको दिल से चाहूँगी कैसे.. तुम्हें तो मैं जानती भी नहीं हूँ.. फिर तुम कैसे मेरी चूत से लण्ड लड़ाते हुए मेरी बुर का बाजा बजा डोगे?’
वह बोला- पर तुम चूत चुदाने ही जा रही थी न.. और चूत चुदाने के लिए उतावली थी.. इसलिए मैंने चोद दिया। और अब तुम निकल लो.. नहीं कोई भी मेरे रूम में आ सकता है।
उसने दरवाजा खोल कर बाहर देख कर मुझे रूम से निकाल कर रूम बंद कर लिया। पर मेरे लिए हजारों सवाल छोड़ गया.. यह कौन था और कैसे जान रहा था कि मैं चुदने जा रही थी।
यह मेरे साथ हो क्या रहा है.. ऐसे तो मैं बदनाम हो जाऊँगी.. कहीं वह लड़का और यह आदमी दोनों आपस में मिले तो नहीं हैं। मुझे पता लगाना है.. यही सोचते हुए मैंने अपने फोन पर आए हुए कॉल को रिडायल कर दिया.. यह देखने के लिए कॉल करने वाला था?
‘हैलो कौन..?’
उधर से गाली भरी आवाज सुनाई दी- साली छिनाल.. कहाँ चूत मरा रही थी। मैं कब से वेट कर रहा हूँ कुतिया.. जल्दी आ.. मैं फोर्थ फ्लोर पर हूँ।
‘अभी आई..’ कह कर मैं तुरन्त लिफ्ट की तरफ गई। शुक्र था लिफ्ट फस्ट फ्लोर पर ही थी। मैं सीधे फोर्थ फ्लोर पर पहुँची.. पर वहाँ वह दिखाई नहीं दिया।
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