RE: Hindi Sex Story ठाकुर की हवेली
पीचली रात ही ठाकुर ने दो हिरण मारे थी इसलिए आज हवेली मैं उनका ही माँस पक रहा था. अपने हाथों से मारे हुए शिकार का माँस खाने का अलग ही मज़ा है. ठाकुर भी शराब के साथ उसी माँस का मज़ा ले रहा था. दो साल पहले ही ठाकुर ने अपनी बेटी की उमर की एक लड़की से शादी की थी.
रजनी एक ग़रीब घर की लड़की थी लेकिन इंटर तक पढ़ी थी. ठाकुर ने बहोत सारे जेवर अपार वस्त्रा यहाँ तक की हर खुशी दी थी रजनी को लेकिन जो एक जवान लड़की को अपने पति से चाहिए वो ठाकुर उसे देने मे असमर्थ था.
जहाँ चाह वहाँ राह और रजनी ने मालती के रूवप मे अपना रास्ता खोज लिया था. पर जब से मालती ने रणबीर के बारे मे बताया था तब से ठकुराइन ऐसा उपाय खोजने मे लगी थी की रणबीर हवेली मे रहने
लगे.
हिरण के माँस मे काम शक्ति बढ़ाने की ताक़त होती है और रजनी भी इससे बच नही सकी थी.
उधर ठाकुर भी आज पूरा मस्त था और रात मे साज धज कर अपनी नौजवान बीवी के कमरे मे पहुँचा. रोज की तरह ही ठाकुर ठकुराइन विशाल पलंग पर बैठ गये.
ठाकुर ने रजनी का सिर अपनी छाती पर टीका लिया और उसे अपने शिकार और अपनी बहादुरी की कहानियाँ सुनाने लगा, कैसे उसने हिरण आ पीछा किया और कैसे उसने उन्हे मार गिराया. बातों ही बातों मे शेर के शिकार वाली भी बात चल पड़ी और ठाकुर ने बताया की उस दिन कैसे रणबीर नाम के एक लौडे ने उसकी जान बचाई.
रणबीर का नाम सुनते ही रजनी के कान खड़े हो गये. वो झट से ठाकुर को अपना अससीम प्यार जताते हुए उसकी गोद मे बैठ गयी.ठाकुर का चेहरा अपने हाथ मे लेते हुए उसके गालों का एक चूँबन लेते हुए बोली,
"आप तो आजकल ज़्यादा तर शिकार पर ही रहते है और इतनी बड़ी हवेली मे रात को अकेले मुझे डर लगने लग जाता है. अभी पीछले महीने ही शेरा डाकू ने पास के गाओं से दो औरतों को उठा लिया था. अगले महीने तो मधुलिका भी छुट्टियों मे यहाँ आ जाएगी. आपको हमारी कुछ चिंता फिकर भी है की नही?
"शेरा डाकू की क्या मज़ाल की वो हमारी हवेली की तरफ आँख उठा कर भी देखे." ठाकुर ने रजनी की बड़ी बड़ी चुचयों को अपने हाथों मे ले चूमते हुए कहा.
तभी रजनी ठाकुर की गिरफ़्त से निकली और टेबल पर पड़ी एक दवा की शीशी से थोड़ी दवा ठाकुर को पीने के लिए दे दी. ठाकुर एक घूँट मे सारी दवा पी गया.
तभी रजनी फिर ठाकुर की गोद मे बैठ गयी और अपनी गंद ठाकुर के लंड पर रगड़ने लगी. उसे लगा की ठाकुर के लंड मे कुछ जान आ रही है. पर वो जानती थी की ठाकुर का लंड ज़्यादा देर तक टिकने वाला नही था.
"वैद्य जी की दवा बहोत ही असर दार है." रजनी ने ठाकुर का मुँह चूमते हुए कहा.
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