RE: Hindi Sex Story ठाकुर की हवेली
फिर दोपहर मे दोनो ने साथ साथ खाना खाया. भानु हवेली जाने के लिए तय्यार था उसने रणबीर से पूछा भी की उसे भी चलना है क्या, तो रणबीर को लगा की वो उसे साथ ले जाने मे ज़्यादा इंट्रेस्टेड नही है. ये रणबीर के लिए अछी बात थी, उसने सिर भारी होने का बहाना कर दिया.
कहने को भानु कह कर गया की वो हवेली जा रहा है लेकिन रणबीर जनता था की भानु और रघु किसी एकांत जगह पर जा आपस मे मस्ती करेंगे.
मौका देख रणबीर ने सूमी से कह दिया था की वो शाम को खेत पर जा रहा है और मौका देख वो भी वहीं चली आए.
शाम हुई तो रणबीर नदी घूमने के बहाने घर से निकल पड़ा.
वो सीधा खेत पर पहुँच उस जगह आ गया जहाँ किसी का भी आना जाना नही था. खेत के कोने मे एक झोपड़ा बना हुआ था और अंदर एक चारपाई भी पड़ी थी जिसपर रुई का गद्दा पड़ा हुआ था. रणबीर वहीं झोपडे के बाहर बैठ कर सूमी का इंतेज़ार करने लगा. धीरे धीरे अंधेरा बढ़ने लगा था. कुछ देर बाद उसे एक छाया खेत की और आते दीखाई पड़ी. रणबीर उस छाया को देखता रहा और जब वो काफ़ी नज़दीक आई तो उसने पहचान लिया की वो सूमी ही थी. रणबीर उसका हाथ पकड़ उसे झोपडे मे ले गया.
"में तो समझा था की तुम आओगी ही नही," रणबीर सूमी को वहीं चारपाई पर बिठाते हुए बोला.
चारपाई के ठीक पीछे एक खिड़की बनी हुई थी जिसमे से ढलती शाम का हल्का हल्का प्रकाश झोपड़ी मे आ रहा था.
"रणबीर मुझे लगता है की मालती चाची जैसे मुझ पर नज़र रख रही हो... उनकी नज़र से छपते छुपाते आई हूँ... ज़्यादा देर नही रुक सकूँगी." सूमी ने कहा.
"भाभी ये क्या अभी अभी तो आई हो ठीक से बैठी भी नही और अभी से जाने की बात कर रही हो...." रणबीर ने सूमी को बाहों मे भरते हुए कहा.
"अपने इस देवर की बात रखने के लिए आना पड़ा." सूमी ने भी रणबीर के गले मे बाहें डाल दी.
"तो भाभी सारी रात रहोगी ना." इतना कहकर रणबीर ने अपने होठ सूमी के होठों पर रख उन्हे चूसने लगा. सूमी की बाहों का बंधन उसके इर्द गिर्द और कस गया.
अब तो घर पर ही दो बातें करने का मौका मिलता रहेगा." सूमी ने अपनी तनी हुई चुचियाँ को रणबीर के छाती पर रगड़ते हुए कहा.
"घर पर कहाँ बात करने का मौका मिलेगा भाभी, एक तो घर पर आपके वो होंगे और जब होंगे तो उनके साथ मुझे भी तो हवेली जाना होगा, " रणबीर ने सूमी के ब्लाउस के हुक खोलते हुए कहा.
"उसकी तो बात मत करो... उसे घर मे कौन दीखाई पड़ता है. उसे तो बस रघु और दो चार उस जैसे है सिर्फ़ वही दीखाई पड़ते है." सूमी ने घृणा से कहा.
रणबीर सूमी का ब्लाउस उतार चुका था. फिर उसने ब्रा के उपर से ही सूमी के कठोर चुचियों जो किसी कम्सीन लड़की जैसी कठोर थी मसल दिया.
फिर उसने अंजान बनते हुए कहा, "कौन रघु भाभी?"
अब रणबीर ने सूमी की ब्रा भी उतार दी और नीचे झुक कर एक चुचि को अपने मुँह मे ले चूसने लगा.
सूमी सिसकारी लेने लगी और उसका सिर अपनी चूची पर दबाते हुए बोली, "छोड़ो इन सब बातों का... तुम्हारा चुचि चूसना कितना अक्च्छा लग रहा है.... जिक्से लिए में बरसों से तड़प रही हूँ वो सुख तो वो कभी दे ना सका.
अब सूमी ने अपना हाथ रणबीर की पॅंट के उपर से उसके लंड पर रख दिया जो किसी लोहे की सलाख की तरह सख़्त हो गया था.
"भाभी भानु तो तकदीर वाला है की उसे तुम जैसी बीवी मिली."
रणबीर उसकी चुचियों को मसल्ते और चूस्ते हुए बोला.
सूमी अब रणबीर की पॅंट के बटन खोलने लग गयी थी...
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