RE: Sex Kahaniya अंजाना रास्ता
अंजाना रास्ता --8
गतान्क से आगे................
"एयेए.हह …मा…काटो मत " भाभी दर्द से कराहती बोली.
मैं कुछ नही बोल रहा था बस मन मे सिर्फ़ एक ही बात चल रही थी कि आज पहली
बार एक औरत का जिस्म मिला है जितना फ़ायदा हो सके उठा लू. तभी मेरे कानो
मे किसी के सीढ़ियो से उतरने की आवाज़ पड़ी.
"भाभी.?"
ये आवाज़ अंजलि दीदी की थी वो नीचे आ गयी थी . आवाज़ सुनते ही भाभी बहुत
परेशान हो गयी और बोली .."
एयेए..अनुज..छोड़ दे अब तो…देख ले दोनो पकड़े गये तो बहुत बदनामी होगी"
पर मे तो जोश मैं पागल था भाभी की नरम नरम चूतादो की गर्माहट से मेरे लंड
मे मस्ती फैली हुई थी और मेरा पानी बस निकलने ही वाला था..
"देख अंजलि बाथरूम की तरफ़ ही आ रही है..आहह..इशह…..मान जा..अनुज" भाभी
डरते हुए बाथरूम के दरवाजे मे बनी एक छोटी सी दरार से बाहर झाँकते हुए
बोली.
डर तो मुझे भी लग रहा था पर रेखा भाभी की उभरी हुई नरम गांद पर लंड
रगड़ने मे जो मज़ा मिल रहा था उसने मेरा डर ख़तम कर दिया था..और मैं और
ज़ोर से धक्के मारने लगा.मैं अब जल्दी से जल्दी लंड का पानी निकालना
चाहता था.
"भाभी क्या आप बाथरूम मे है" अंजलि दीदी अब बाथरूम के दरवाजे के ठीक बाहर आ चुकी थी
" छोड़ दे ..मुझे ..कुत्ते..आ…इश्ह्ह..अंजलि बाहर खड़ी है..आहह…."भाभी
बोली और उन्होने अपने चूतड़ थोड़े और पीछे किए .मेरे फूले हुए लंड के लिए
इतना काफ़ी था और लंड ने पानी की बोछर शुरू कर दी..मैं रेखा भाभी से कस
कर चिपक गया …लंड रुक रुक कर पानी छोड़ रहा था ..ऐसा शानदार ऑर्गॅज़म
मुझे आज तक नही हुआ था.. तकरीबन 5 मिनट तक मे पीछे से भाभी के बदन से
चिपका रहा भाभी भी समझ चुकी थी कि मैने क्या किया है सो वो भी चुप
रही..अंजलि दीदी बाहर खड़ी है..क्या उनको पता है कि मैं भाभी के साथ अंदर
बाथरूम मे हू ?ये सोच सोच कर मेरा लंड लगातार पानी छोड़ रहा था..मुझे कुछ
होश नही था मेरे लंड से आज तक इतना पानी कभी नही निकला था और अब तो मेरी
टाँगे भी थक चुकी थी ..मैं अपनी पूरी बॉडी मे थकान महसूस कर सकता था.
"भाभी जल्दी बाहर आ जाओ मुझे भी वॉशरूम जाना है..और ये अनुज पता नही कहा
चला गया है" दीदी ड्रॉयिंग रूम की तरफ जाती हुई बोली.
कुछ देर बाद मैं भाभी की बदन से अलग हुआ .मैने देखा की मेरे वीर्य से
उनकी सारी सलवार पीछे से भीग चुकी है..उनकी सलवार देख कर लगता था कि मानो
किसी ने उन पर बाल्टी भर के पानी डाल दिया हो…अपनी सलवार की ये हालत देख
भाभी भी हैरान थी…पर अब वो क्या कर सकती थी ….उनके चेहरे पर जहा पहले
मुझे देख कर शरारत वाली मुस्कान आती थी वाहा अब एक डर फैला हुआ था..एक पल
के लिए उन्होने मुझे देखा और फिर फटाफट अपने दुपट्टे को उठा बाहर चली
गयी.
आज पूरा एक हफ़्ता हो गया था रेखा भाभी और मेरे बीच हुई उस घटना को. उस
दिन के बाद एक दो बार ही भाभी हमारे घर आई थी. शरम का जो परदा मेरे और
भाभी के बीच था वो अब ख़तम सा ही हो गया था उस घटना के बाद . शर्म तो
ख़तम हो गयी थी पर हिम्मत नही आ पाई थी मुझ मे कि मैं कुछ कर सकू.अब मैं
क्या करू मेरा स्वाभाव ही कुछ ऐसा था . हर रात या जब भी मैं घर पर अकेला
होता तो मुझे भाभी के साथ बिताए वो हवस भरे पल याद आ जाते थे. दीदी कुछ
दिनो के लिए बुआ जी के यहा गयी हुई थी क्योंकि बुआ जी की तबीयत खराब थी .
अब घर पर मैं चाचा और चाची ही थे. रूम मे अकेला होने की वजह से मैं काफ़ी
बोल्ड भी हो गया था और कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म लगा उसमे चुदवाती लड़की को
देख देख कर खूब मूठ मारता था. पर दोस्तो जैसा अक्सर होता है अगर कोई चीज़
लगातार देखी गयी और करी गयी तो उससे मन हट जाता है और ऐसा मेरे साथ भी
हुआ . मुझे अब भी भाभी का वो गरम और नरम बदन याद आता था…काश एक बार वो
मुझे मिल जाय तो इस बार तो बस उनको चोदे बिना नही छोड़ूँगा.. मैं रात को
बॅड पर लेटा हुआ अपना खड़ा लंड सहलाता सहलाता सोच रहा था. दोस्तो अगर कोई
काम दिल से किया जाए तो वो ज़रूर होता है और अगले दिन भगवान ने मेरी सुन
ली . हुआ ये था कि दोपहर को जब मैं स्कूल से आया तो चाची ने मुझे एक साडी
दी और बोली कि वो साडी मैं रेखा भाभी को दे आऊ. " मुझे एक मौका और मिला
है …हे भगवान इस बार काम बनवा देना " मैं मन मन मे बोला और भाभी के घर की
तरफ चल पड़ा. " घर पर अगर रेखा भाभी अकेली हुई तो मैं उनके साथ क्या क्या
करूँगा ये सब सोच सोच कर मेरा लंड पागल होता जा रहा था..जैसे जैसे मे
रेखा भाभी के घर के पास आता जा रहा था वैसे वैसे मेरे लोड्े मे हरकत
बढ़ती जा रही थी. तकरीबन 10 मिनट मे मैं रेखा भाभी के घर की दरवाजे पर
पहोच गया था. दोस्तो इससे पहले कि आगे क्या हुआ आ मैं आपको रेखा भाभी के
घर के मेंबर्स के बारे मे बता दू…रेखा भाभी और उनके पति के अलावा उस घर
पर भाभी की सास और उनकी ननंद (सिस्टर इन लॉ) सोनाली रहती थी. सोनाली
मुझसे 2 साल बड़ी थी और वो बी.कॉम 2न्ड एअर मे पढ़ती थी. रंग तो उसका
ज़्यादा सॉफ नही था ( पर सावला भी ना था ) पर बंदन गजब का था . सोनाली की
हिगत लगभग 5'3" के आस पास थी पर जो चीज़ सबसे ज़्यादा आकर्षक थी वो थी
उसके 36 इंच के बूब्स . मैने भी कई बार उसकी बूब्स को सोच सोच कर मूठ
मारा था. खैर मे अब स्टोरी पर वापिस आता हू. मैने उनके घर का दरवाजा खाट
खटाया. मुझे इस बात का पूरा यकीन था कि रेखा भाभी ही दरवाजा खोलेगी मेरे
दिल ये सोच सोच कर धड़ाक रहा था .कुछ देर बाद दरवाजा खुला . " अरे अनुज
बेटा कैसे आना हुआ..आओ अंदर आओ" दरवाजा भाभी की सास ने खोला था. मेरा तो
दिल पर च्छुरी चल गयी थी .
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