RE: Sex Kahaniya अंजाना रास्ता
अंजाना रास्ता --7
गतान्क से आगे................
घोड़ी बन-ना अंजलि दीदी को रोमांचित भी कर रहा था और आगे भाभी क्या करने
वाली है उसको सोच सोच कर उनकी लटकती चुचिया सख़्त हो गयी थी और निपल्स
खड़े होने लगे थे…रेखा भाभी मन ही मन खुश हो रही थी कि वो दीदी को
सिड्यूस करने मे कामयाब हो रही है. अंजलि दीदी घोड़ी बनी अपनी चूत को
रेखा भाभी के मुट्ठी मे दबा होने से दीदी के मूह से कराह निकल
गयी''अहह….इस्सह"
"तुझे बटाऊ वो मुझे कैसे चोदता है ". रेखा भाभी भी मस्ती मे आ गयी थी.
दीदी ने कोई जवाब नही दिया और देती भी कैसे उन पर तो सेक्स की खुमारी
छाने लगी थी.तब रेखा भाभी खड़ी हुई और उन्होने अंजलि दीदी को घोड़ी(फीमेल
हॉर्स ) बना दिया . अब रेखा भाभी दीदी के साथ क्या करेंगी ये सब सोचते
सोचते मैं अपने फूल कर सख़्त होते लंड को ज़ोर ज़ोर से हिलाने
लगा..दोस्तो मैं जो मस्ती फील कर रहा था उस वक्त मे आपको शब्दो मे बता
नही सकता…. बहुत ही ज़्यादा सेक्सी लग रही थी. उनके उभरे हुए कूल्हे मेरे
खड़े लंड को पागल कर रहे थे. मेरा मन कर रहा था कि अभी अंदर जाकर उनकी
गांद मे लंड डाल कर उनकी सेक्सी गांद मार लू. अब रूम का सीन्न कुछ ऐसा था
कि दीदी झुकी हुई घोड़ी बनी खड़ी थी बॅड पर और रेखा भाभी दीदी की सेक्सी
बॉडी को निहारती निहारती अपने हाथ को अपनी सलवार के उपर से अपनी चूत पर
रख उसको सहला रही थी..मुझे भाभी को ये सब करते देख यकीन हो गया था कि
दीदी का बदन अदमिओ को ही नही बल्कि औरतो को भी उत्तेजित करता है.
"इतनी सेक्सी है तू …ना जाने अब तक तू चूदी क्यो नही….क्या तेरा कोई बॉय
फ्रेंड नही है.." भाभी अपनी चूत को थोड़ा ज़ोर से दबाते हुए बोली
"नही ..भाभी.." दीदी बंद दरवाजे की तरफ देखते हुए बोली..मानो कि ये पक्का
करना चाहती हो कि वाहा कोई उन्हे देख तो नही रहा है. पर उनको क्या पता था
कि कोई और नही बल्कि उनका छोटा भाई ही उनके ये कारनामे देख देख कर मूठ
मार रहा है.
"ज़…ज़ल्दी..बताओ भाभी…जावेद कैसे करता है.." दीदी घोड़ी बने बने ही पीछे
मूड कर देखती हुई बोली.
"बड़ी बेचैन हो रही है…रानी..सच मे अगर मैं कोई मर्द होती तो तुझे आज जम
कर चोदती" भाभी दीदी की तरफ बढ़ती हुई बोली.
फिर वो दीदी के पास बेड पर चढ़ कर घुटनो के बल खड़ी हुई और दीदी की कमर
को सहलाते हुए बोली. " जावेद मुझे घोड़ी बना कर ऐसे मेरी कमर सहलाता है…"
"फिर ऐसे वो मेरे चूतड़ को दबाता है" भाभी अब दीदी के उभरे हुए चुतदो को
दबाने लगी..
दीदी की तो मज़े मे आँखे बंद हो गयी उनके चूतड़ अपने आप ही आगे पीछे
हिलने लगे.. "आअहह..इसस्शह..भाभी….फिर क्या करता है वो…" दीदी अपने बदन
मे करेंट महसूस करते हुए बोली.
फिर रेखा भाभी दीदी के ठीक पीछे आ गयी .
"फिर वो इसको अपने हाथो से सहला सहला कर मसलता है " भाभी दीदी की चूत को
पाजामा के उपर से सहलाते हुए बोली..
रेखा भाभी अब कभी कभी अंजलि दीदी की चूत को अपने मुथि मे भर कर कस कर दबा
भी देती थी..
"और फिर वो पता है क्या करता है.." रेखा भाभी दीदी को तड़पाती बोली
"हाई…रेखा भाभी अब बोलो भी…." दीदी बदहवासी मे अपने झुके बदन को हिलाती बोली.
इसके के साथ भाभी ने पीछी से दीदी के मस्ती मे थिराक्ते चुतदो को उनके
कपड़ो के उपर से ही चाटना शुरू कर दिया और अपने हाथो से वो अपनी चूत को
अपने सलवार के उप्पर से ही सहलाने लेगिइ.
"आहह…भब…भाभी…इष्ह" भाभी की ज़बान अपने चूतड़ की दरारो पर महसूस करते ही
दीदी के होठ खुल गये और एक तेज सिसकारी उनके खुले मूह से निकल गयी.
दोस्तो जितना ये नया अनुभव अंजलि दीदी के लिए अनोखा था उसी तारह मेरे लिए
भी. एक औरत एक लड़की की चूत चाट रही थी हलाकी वो सिर्फ़ कपड़ो के उपर से
ही चाट रही थी फिर भी..मेरे लिए ये नज़ारा बहुत अनोखा था. दोनो हसिनाओ को
सेक्स की ये अनोखी मस्ती चढ़ चुकी थी..और फिर अचानक मैने देखा कि रेखा
भाभी अब दीदी को कमर से पकड़ कर खड़ी हुई और फिर अपने अगले हिस्से ( यानी
अपनी चूत को ) अंजलि दीदी की गांद पर रगड़ने लगी..
"फिर जावेद मेरे साथ ऐसे करता है.." और भाभी अपनी चूत को जोरो से दीदी की
गांद पर रगड़ने लगी'
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