RE: Desi Chudai बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई
फिर मैने थोड़ा सा भी समय ना गँवाते हुए सर को बाहों मे जकड लिया. सर अब भी टकटकी नज़रो से रूम के अंदर बेड पर लेटी अपनी पत्नी को देख रहे थे. मैं अपने घुटनो पर आ गई और अपने नरम हाथों से उनके लंड को पेंट के उपर से धीरे धीरे सहलाया. सर का नरम लंड मेरे कोमल हाथों के स्पर्श से कडक मुद्रा मे आने लगा............ मैं होले होले उनके लंड को हाथों मे पकड़े सहला रही थी और सर उसका परम आनंद प्राप्त कर रहे थे. साथ ही साथ उनकी आँखें अपनी बीवी पर थी. फिर मैने मौके को संभाला और उनकी पेंट की ज़िप धीरे से नीचे की और अपना नरम हाथ उसके भीतर डाल दिया. जिससे मेरी उंगलिओ सर के नरम लंड के टोपे से छुई. अहह.........सर ने हल्की सी साँस ली और मेरी चूत मे पानी की हल्की हरकत होने लगी.
मैने फिर बड़े ही आराम से अपने हाथ से सर के लंड को बाहर निकाला जो एकदम कडक और खड़ा था. लंड पे कोई भी बाल नही था और एक दम चिकना था. मैने हाथों मे पकड़ा और सर की तरफ देखा......सर ने मुझे देखते हुए कहा" पसंद आया बेटा"?
मे- सर कब का आ चुका है पसंद. और फिर मैने अच्छे से पूरे लंड को सहलाया और सर के बॉल्स को हल्का सा खीचा. सर तो बस मज़े मे थे और अपनी आँखें अपनी बीवी पर टिकाए हुए थे. आख़िरकार जब कंट्रोल नही हुआ तो मैने सर का लंड अपने मुँह मे ले लिया.
सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स........मेरे गालो को अंदर से चीरता हुआ मुँह के अंदर तक चला गया सर का लंड. जैसे जैसे अंदर गया मेरी कम्सीन थूक से गीला होता गया . मैने फिर अपना काम चालू किया और सर को पूरी तमीज़ के साथ ब्लोव्जोब देने लगी. मूह आगे पीछे आगे पीछे करके पूरा लंड लेते हुए चूसने लगी . सर मज़े मे हिलने लगे और अपनी आँखो से बीवी को देख रहे थे.......... मैने भी थोड़ी पोज़िशन चेंज की और सर की वाइफ की ओर देखकर चुप्पे मारने लगी. सर की वाइफ को देखते हुए सर के लंड को चूसने का अनुभव बयान करना नामुमकिन है. मेरी चूत तो तार-तार गीली हो चुकी थी........... मैने पूरी मज़े के साथ लगभग 10 मिनट तक लंड चूसा. फिर मैं खड़ी हो गई और सर को गले लगा लिया. सर ने कहा "सोनम अब रहा नही जाता......बीवी की तरफ देख कर तेरी चूत मे पानी छोड़ना है, आजा सोनम बेटा...."मैने भी हँस कर हां मे सिर हिलाया और घूम गई जिससे मेरी पीठ सर की तरफ हो गई और मैने हाथ सामने दीवार से लगा लिए. सर मेरे पीछे आ गये,....अब हम दोनो सर की बीवी को देखकर चुदाई का मज़ा ले सकते थे.............
सर ने मेरी पीठ से लेकर गान्ड पर हाथ फेरा और बिना पैंटी के नंगे शरीर को जम के सहलाया. फिर सर ने मेरी टाइट पाजामी धीरे धीरे से नीचे कर दी जो मेरे घुटनों तक कर दिया जिससे मेरी हसीन गोरी गान्ड और मोटे चमकते थाइस नंगे हो गये . सर ने एक बार फिर उनको मज़े से छुआ और मसला.......हइईई मर गई.......मुझे तो मज़ा आ रहा था. फिर सर ने मेरी चूत को चेक किया जो पानी का समुंदर बन चुकी थी. सर ने कहा" बेटा तू तो पहले से ही तैयार खड़ी है....." सर ने ज़्यादा टाइम वेस्ट ना करते हुए अपना खड़ा तगड़ा लंड सीधा मेरी चूत केछेद मे घुसा दिया........अहह.......आनंद ही आनंद से मेरा शरीर भर गया........फिर सर मुझे पूरे मज़े से चोदने लगे...........मेरे मम्मों को हाथो से पकड़ लिया और कस्स कस्स के धक्के मारने लगे जिससे पूरा लंड अंदर रगड़ खा कर चूत को मज़े देने लगा....
मैं मज़े ले ले कर अपनी चूत सर को देने लगी और साथ ही साथ सर की बीवी को देख रही थी जिससे चुदाई का मज़ा दुगना हो रहा था. मैने मन मे सोचा" साली जो लंड तू लेती है रोज़ आज वोही लंड मेरी चूत की ठुकाई कर रहा है......और साली को पता भी नही है."......अहह..........अहह सर मारूऊओ......ज़ोर से मेरी चुत्त्त्त्त्त्त्त मारूऊऊऊओ. मैं बिल्कुल हल्की आवाज़ मे सर को कह रही थी. सर भी अपनी बीवी की तरफ देखकर चोद रहे थे मुझे,.....इस सीन ने वो चुदाईईईई दमदार बना डाली और सर ने बहुत देर तक मुझे कुछ परवाह ना करते हुए चोदा.......सर ने मेरी एक टाँग उठाकर भी चोदा......और साथ साथ ब्रा के अंदर हाथ डालकर मम्मों का मज़ा भी लिया....फिर जब सर का निकालने लगा तो मुझे कस के पकड़ लिया......और कहा.........सोनम........लेयययययययययी......मेरा माल. लेययययययययययययययययी अंदर............अहह.............अहह..........अहह............ सर का गरम माल पिचकारी की तरह मेरी चूत मे निकला.......सर ने सारे का सारा माल मेरी चूत मे खाली किया और मेरे उपर गिर गये.......मैने हल्के से कहा "सर पास या फैल?" सर ने हल्की सी स्माइल से कहा" फर्स्ट डिविषन बेटा".
मेरा पानी अभी निकला नही था लेकिन मुझे यह खुशी हुई कि सर को मज़ा आ गया और शूकर है उनकी बीवी भी नही उठी. हम दोनो ने कपड़े ठीक किए और मैने रुमाल से सर का माल चूत से सॉफ किया और बाहर कमरे मे चुप चाप बैठ गयी. सर ने मुझे और भी क्वेस्चन्स करवाने की कोशिश की लेकिन मेरे दिमाग़ मे कुछ नही गया. मैने कहा सर मुझे ऐसे समझ मे नही आएगा........आप एग्ज़ॅम मे ही बता देना प्लीज़. सर ने कह"ओके बेटा..." मैने कहा सर अब मैं जाउ तो सर ने रुकने का इशारा किया लेकिन तभी उनकी बीवी बाहर आ गई और किचन मे चली गई. मैं फिर सर को बाइ कह कर घर की तरफ चल परही. घर जाते समय सोच रही थी कि मेरी मारक्शीट स्कूल वाले सब्जेक्ट्स मे तो पता नही कैसी आएगी लेकिन चुदाई......ब्लोवजोब, अनल सेक्स मे तो 100/100 ही होगी.
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