Desi Chudai बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई
दोस्तो एक कहानी और शुरू कर रहा हूँ . वैसे तो कहानी इतनी अच्छी भी नही है पर टाइम पास है मुझे लगा जब तक कोई ढंग की कहानी नही मिल जाती तब तक टाइम पास ही कर लिया जाए यही सोच कर ये कहानी पोस्ट करना शुरू कर रहा हूँ . मेरी पिच्छली कहानी पर आपके रिप्लाई बहुत कम मिले थे . अगर इस कहानी का भी ये ही हाल रहा तो फिर मुझे यहाँ से राम राम करनी पड़ेगी . अब आप सोनम की ज़ुबानी कहानी आनंद लीजिए
हेलो, मैं हूँ सोनम शर्मा.आइ आम टेल्लिंग उ वन ऑफ माइ इन्सिडेंट्स...सो बताना कैसा लगा.
हमारा अब एग्ज़ॅम्स का टाइम है.मैने तो पूरा साल पढ़ाई नहीं की.और अब मुझे डर लग रहा है कि पास कैसे हूँगी.लेकिन मुझे ख़याल आया कि मैं अपने टीचर से क्यूँ ना कह कर देखूं.उसकी ड्यूटी भी है हमारी क्लास में और उनकी काफ़ी चलती है . वो पहले भी नकल करवा चुके हैं.वो हमे ट्यूशन भी पढ़ा ते हैं.वैसे तो मैने ज़्यादा उनसे ट्यूशन क्लासस नहीं ली है ..लेकिन अब पेपर पास होने की वजह से मैं रेग्युलर्ली जाने लगी.मैं रोज़ यही सोचती कि अपनी सिफारिश डाल दूं उन्हे.लेकिन मेरा दिल डरता कि कहीं वो बुरा ना मान जाएँ और मेरा रोल नंबर ना कॅन्सल करवा दें. एक दिन मेरा सबर टूट गया.मैने पूरा मन बनाया कि आज तो मैं जाकर कहूँगी है .मैने उस दिन सेक्सी ड्रेस पहनी.मैने वाइट टॉप और ब्लू जीन्स पहन के ट्यूशन गयी ताकि सिर मेरे शरीर पर रहम खा कर मेरी मदद करें और मैने जब सब बच्चे ट्यूशन से चले गये तो मैने उनसे पूछा कि……….
मे—-सर आप से इक बात करनी है
सर—-हंजी बेटा बताओ
मे—— सर आप बुरा तो नहीं मानोगे ना.
सर–बेटा बच्चों का बुरा नहीं मानते
मे—सर मैं आपसे यह कहना चाहती हूँ कि आपको पता है कि मैं पढ़ाई में थोड़ी कमज़ोर हूँ और मैं शायद पास भी ना हो पाऊँ…..इसलिए….
सर—हां बोलो बेटा क्याअ.
मे– सर आप मेरी कुछ मदद कर दोगे
सर—-बेटा मैने नोट्स पूरे तयार करवा दिए हैं ना
मे——-सर वो नहीं आप….मुझे नकल करवा देंगे ना मुझे डर लगने लगा…
सर-यह तुम क्या कह रही हो………नहीं मैं ऐसा नहीं करूँगा..
मे——सर प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़………ये मेरे फ्यूचर का स्वाल है सर.प्लीज़
सर-नहीं यह ग़लत है ……..नो प्लीज़
मैने सोचा ऐसे बात नहीं बनेगी तो मैने कहा
मे—-सर आप जो मर्ज़ी मुझसे करवा लीजिए….मैं सब करने को तयार हूँ……प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ पर आप मुझे पास करवा दीजिए. प्लीज़ सर मैं जान भुज कर सर के पैरो में गिरी थी और उनकी पेंट को पकड़ा हुआ था ताकि मेरा नरम हाथ उनकी बॉडी को महसूस हो
मे—-सर प्लज़्ज़्ज़्ज़.आप जो काम कहेंगे मैं करूँगी.
सर- सोच लो…..
मे-सर जो मर्ज़ी……….प्लीज़
सर—बुरा तो नहीं मनोगी.
मे—-सर जो मर्ज़ी काम..बॅस मुझे पास करवा दो.
सर—-तुम मुझे खुश कर दो
मैं समझ गयी.
मे—–सर आपका मतलब
सर—-देखो मैं ज़बरदस्ती नहीं करता
मे–ठीक है सर..लेकिन मुझे पास ज़रूर करवा देना
सर–बिल्कुल मेरी बेटी..
सर की पत्नी घर पर नहीं थी
सर-बेटी मेरे पास आओ.
मैं सर के पास चली गयी.
सर–बेटा मुझे खुश करना शुरू करो........
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