RE: Antarvasnasex रूम सर्विस
ऋतु की तो दुनिया ही उजड़ गयी थी… एक हफ्ते पहले वो कितनी खुश थी. अच्छी नौकरी, करण का प्यार, रहने के लिए बढ़िया फ्लॅट, गाड़ी, अच्छे कपड़े, ज्यूयलरी.. सब कुछ था उसके पास… और बस एक झटके में करण उससे दूर हो गया, उसकी नौकरी चली गयी और बाकी चीज़ों का मोह ख़तम हो गया. वो एक हफ्ते से अपने कमरे में पड़ी हुई थी. ना कहीं बाहर गयी ना किसी से मिली ना ही फोन उठा रही थी. गम के सागर में उसकी जीवन की नैया डावाँ डोल हो रही थी.
ऋतु की पुरानी सहेली पूजा को कहीं से पता चला की ऋतु की नौकरी छूट गयी हैं और वो बहुत डिप्रेस्ड हैं. वो एक दिन ऋतु को मिलने आई. दरवाज़ा खटखटाया. ऋतु ने जब दरवाज़ा खोला तो पूजा को देखते ही फूट फूट के रोने लगी और उसके गले लग गयी. दोनो अंदर गये और ऋतु ने पूजा के सामने अपना दिल खोल दिया और सब कुछ बता दिया.. पूजा ने ऋतु को होसला दिलाया और उससे समझदारी से काम लेने का मशवरा दिया.
पूजा के जाने के बाद ऋतु ने खूब सोचा और उसे यह एहसास हुआ की वो अपनी ज़िंदगी एक सेट्बॅक की वजह से बर्बाद नही कर सकती. उसने अगले दिन ही पेपर्स में जॉब के लिए खोज चालू कर दी. रिसेशन की वजह से वैसे ही नौकरियाँ कम थी और जो मिल भी रही थी वो सॅलरी बहुत कम दे रही थी. ऋतु को अब इस ऐशो आराम की ज़िंदगी की आदत पड़ गयी थी. उसकी कार का एमी 10000 रुपये था हर महीने. ऋतु को जल्दी ही कोई जॉब लेनी थी. फ्लॅट का किराया कार का एमी और भी कई खर्चे थे जो.
अंत में ऋतु को एक जॉब मिल गयी. प्रेस्टीज होटेल में हाउस्कीपर की. सॅलरी उसकी उमीद से बहुत कम थी लेकिन ऋतु को कुछ ना कुछ तो चाहिए था. उसके पास थोड़ी बहुत सेविंग थी लेकिन वो काफ़ी नही थी. नौकरी होने से उसका मन भी लगा रहता. ऋतु किसी भी काम को छोटा बड़ा नही समझती थी इसलिए हाउस्कीपर की जॉब लेने में उसे कोई झिझक नही थी.
हाउस्कीपर की जॉब बहुत ही डिमॅंडिंग थी. रोज़ करीब 16 रूम्स की देख रेख का ज़िम्मा ऋतु पे थे. ऋतु पूरे मन से अपना काम करती थी. उसकी मेहनत सबकी नज़र में आ रही थी. उसकी सूपरवाइज़र कुमुद नाम की एक 35 साल की औरत थी. डाइवोर्स और कोई बच्चा नही. कुमुद देखने में बहुत ही खूबसूरत थी और 35 साल की होने के बावजूद उसने अपने आप को इस कदर मेनटेन किया था की कोई उसे देख के 30-32 की ही समझता. बोल चाल के लिहाज से भी कुमुद बहुत सोफिस्टीकेटेड औरत थी. ऋतु का काम कुमुद को बहुत पसंद आया.
ऋतु प्रोबेशन पे दो महीने से काम कर रही थी. आज उसकी सूपरवाइज़र कुमुद मेडम ने उसे किसी काम से बुलाया था. ऋतु ने धीरे से कुमुद मेडम के ऑफीस का दरवाज़ा खटखटाया.
कुमुद -“कम इन”.
ऋतु – “गुड मॉर्निंग मेडम. आपने मुझे बुलाया.”
कुमुद -“हेलो ऋतु.. प्लीज़ हॅव ए सीट”.
ऋतु – “थॅंक यू मेडम”
कुमुद -“ऋतु आज तुम्हे इस होटेल में दो महीने हो गये हैं प्रोबेशन पे. तुम्हारे काम से मैं बहुत खुश हूँ. यू आर ए गुड वर्कर, स्मार्ट आंड ब्यूटिफुल. आंड हमारे प्रोफेशन में यह सभी क्वालिटीज बहुत मायने रखती हैं. दिस ईज़ व्हाट दा गेस्ट्स लाइक.”.
ऋतु यह सुनके स्माइल करने लगी.. उसे बहुत खुशी हुई यह जानके की उसकी सूपरवाइज़र कुमुद उसके काम से खुश हैं. यह नौकरी ऋतु के लिए बहुत ज़रूरी थी. रिसेशन की वजह से ऋतु अपनी पिछली जॉब से हाथ धो बैठी थी.
ऋतु – “थॅंक यू मेडम… आइ एंजाय वर्किंग हियर आंड आपसे मुझे बहुत सीखने को मिला हैं इन दो महीनो में.”
कुमुद ने एक पेपर उसकी तरफ सरका दिया.-“ऋतु… यह तुम्हारा नया एंप्लाय्मेंट कांट्रॅक्ट हैं. इसको साइन करके तुम प्रेस्टीज होटेल की एंप्लायी बन जाओगी. ”.
प्रेस्टीज होटेल वाज़ वन ऑफ दा बेस्ट फाइव स्टार होटेल्स इन टाउन. इट वाज़ सिचुयेटेड अट ए प्राइम लोकेशन नियर दा इंटरनॅशनल एरपोर्ट आंड ऐज ए रिज़ल्ट ए लॉट ऑफ डिप्लोमॅट्स, पॉलिटिशियन्स, फॉरिनर्स आंड बिज़्नेस्मेन स्टेड देअर. ए जॉब अट प्रेस्टीज वुड मीन ए स्टेडी सोर्स ऑफ इनकम. ऋतु वाज़ हॅपी. फाइनली शी हॅड बिन एबल टू इंप्रेस हर सूपरवाइज़र आंड वाज़ नाउ बीयिंग अपायंटेड बाइ दा होटेल इन ए पर्मनेंट पोज़िशन.
कुमुद -“ऋतु आइ लाइक यू वेरी मच. यू आर आंबिशियस. आइ सी दा फाइयर इन यू. इन फॅक्ट यू रिमाइंड मी ऑफ युवरसेल्फ. आइ आम स्योर यू हॅव ए ग्रेट फ्यूचर इन अवर लाइन”. शी विंक्ड.
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