RE: Desi Sex Kahani रंगीली पड़ोसन
मेरी इस क्रिया से नेहा की उत्तेजना और भी प्रबल हो उठी थी और वह चीखने लगी- रवि, क्यों मुझे रहे हो? खुद तो मज़े ले रहे हो और मुझे तरसा रहे हो! मैं अब और सहन नहीं कर सकती! तुम्हें मेरी कसम है अब जल्दी से अपने अग्निशमन उपकरण का प्रयोग करके मेरी योनि में लगी आग को बुझाओ।
मैंने हँसते हुए बोला- लो मेरी सरकार, जैसी तुम्हारी आज्ञा।
और फिर मैंने अपने लिंग के मुंड को उसकी योनि के द्वार पर टिका कर एक हल्का धक्का दिया और मुंड को उसकी योनि के अंदर धकेल दिया।
इतना होते ही नेहा फिर चिल्ला उठी- यह अंदर क्या डाला है तुमने? मैंने तो लिंग डालने को कहा था और तुमने जैसे कोई लट्ठ डाल दिया है?
मैंने कहा- नेहा रानी, मैंने तो वही डाला है जो तुमने कहा था! अगर तुम्हें विशवास नहीं है लो अपना हाथ लगा कर खुद देख लो।
मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लिंग पर रख दिया तो उसने लिंग को दबाते हुए कहा- यह तो अभी पूरा बाहर ही है! तुमने अभी तक अंदर क्या डाला है?
मैंने नेहा से कहा- अभी बताता हूँ कि मैंने तुम्हारी योनि में अभी तक क्या डाला है, और अब क्या डालने जा रहा हूँ यह भी तुम्हें जल्द ही पता चल जाएगा।
इतना कह कर मैंने एक थोड़ा जोर से धक्का लगाया और अपना आधे से ज्यादा लिंग उसकी योनि में घुसा दिया!
नेहा ने पूरा दम लगा कर चीख मारी- उईई… माँ, मर गई माँ! हाय… हाय… माँ, इस रवि के बच्चे ने तो मेरे अंदर पता नहीं यह क्या डाल दिया है! यह तो मुझे मार ही डालेगा।
नेहा की चिल्लाहट सुन कर मैं रुक गया और इससे पहले उसकी आवाज़ पूरी बिल्डिंग में गूँजती मैंने उसके मुँह पर अपना हाथ रख दिया और उसे पूछा- नेहा, इतना शोर क्यों मचा रही हो? क्या पहली बार सम्भोग कर रही हो?
कुछ देर बाद जब नेहा ने चिल्लाना बंद किया तब आँखों में आए आंसुओं को पोंछते हुए, रोती आवाज़ में बोली- नहीं, मैं तो अपने पति के साथ रोज़ सम्भोग करती हूँ लेकिन उन्होंने कभी इतना दर्द नहीं दिया जितना तुम ज़ालिम ने दिया है! मुझे पति के साथ जीवन का पहला सम्भोग करते हुए भी इतना दर्द नहीं हुआ था जब मेरी योनि की झिल्ली फटी थी! तुमने जितना दर्द और तकलीफ मुझे दी है शायद बच्चा पैदा होते समय भी इतनी नहीं होती होगी।
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