RE: Desi Sex Kahani रंगीली पड़ोसन
मैंने उससे पूछा- नेहा, क्या बात है जो इस समय इतनी रात को मुझे अपने घर बुला रही हो? अगर भईया भाभी ने पूछा तो मैं उन्हें क्या जवाब दूंगा कोई कारण तो बताओ।
नेहा ने उत्तर दिया- तुम्हें उन्हें बताने की कोई ज़रुरत नहीं है! तुम बस अभी बालकनी के रास्ते से मेरे घर आ जाओ! मैं बालकनी का दरवाज़ा खोल देती हूँ तुम बस उसे धकेल कर अंदर आ जाना।
मेरे बार बार पूछने पर भी नेहा ने कोई कारण नहीं बताया।
मैं कुछ देर सोचने के बाद बिस्तर से उठ कर भईया और भाभी को देखने व उनसे बात करने गया।
वे दोनों सो चुके थे क्योंकि उनके कमरे का दरवाज़ा बंद था और कमरे में रोशनी भी नहीं थी।
मैं अपने कमरे में आकर दरवाज़ा अन्दर से अच्छी तरह से बंद कर के अँधेरे में बालकनी लांघ कर नेहा के घर पहुँचा।
जैसे ही मैंने नेहा के कमरे का दरवाज़े खटखटाया तो अन्दर से उसकी आवाज़ आई- दरवाज़ा खुला है! अंदर आ जाओ और दरवाज़े की चिटकनी लगाते आना।
मैं दरवाज़े को धकेल कर अंदर चला गया और फिर उसे बंद कर उसमे चिटकनी लगा दी!
अंदर उस कमरे में अँधेरा था लेकिन नेहा के बैडरूम में से रोशनी आ रही थी!
मेरे पूछने पर की वह कहाँ है नेहा बोली- मैं अपने कमरे में हूँ तुम यहीं आ जाओ।
नेहा के कहने पर जब मैं उसके कमरे के अन्दर पहुँचा तो देखा कि वह बैड पर लेटी हुई थी, उसने एक टांग सीधी रखी हुई थी दूसरी टांग खड़ी कर रखी थी।
उसकी खड़ी टांग के कारण उसकी नाइटी भी ऊँची उठ गई थी और मुझे उसकी दोनों जाँघों के बीच का हिस्सा साफ़ दिख रहा था।
वह कभी कभी खड़ी टांग को हिला कर चौड़ी कर देती थी जिससे मुझे उसके जघन-स्थल के बाल भी दिख जाते थे।
यह नज़ारा देख कर मेरा लिंग तन गया और मेरे पजामे के आगे का भाग उभर गया था।
मैं उस उभार को दबाने की चेष्टा कर रहा था जब नेहा बोली- रवि, मेरे पति तो चेन्नई गए हुए है और उन्हें आज रात को ही वापिस आना था। थोड़ी देर पहले उनका फोन आया कि उनका काम आज समाप्त नहीं हुआ इसलिए वह नहीं आ रहे! शादी के बाद रात के समय मैं पहली बार घर पर अकेली हूँ और बहुत डर लग रहा था इसलिए तुम्हें फोन करके बुला लिया है! क्या तुम आज रात मेरे साथ सो सकते हो?
नेहा की बात सुन कर मैं कुछ असमंजस में पड़ गया और सोच में पड़ गया की वह वास्तव में क्या चाहती है!
इसलिए मैंने उसे कहा– तुम यह क्या कह रही हो? मैं पूरी रात तुम्हारे साथ यहाँ बैठने को तैयार हूँ ताकि तुम्हें डर नहीं लगे लेकिन मुझे नहीं लगता की मेरा तुम्हारे साथ सोना ठीक होगा।
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