RE: Desi Sex Kahani रंगीली पड़ोसन
मैं बैठक में जाकर बैठ गया और अपने लिंग तो ठंडा करने का प्रयत्न करने लगा।
कुछ देर के बाद नेहा रसोई में जा कर दोनों के लिए काली चाय बना कर ले आई।
हम दोनों चाय पी रहे थे तब नेहा ने यह कह कर मुझे चौंका दिया- रवि, उस दिन तो तुमने मुझे पूर्ण नग्न देख ही लिया था तो आज फिर क्यों छुप कर देख रहे थे? अगर अधिक मन कर ही रहा था तो मुझे कह देते मैं एक बार फिर से तुम्हे नग्न हो कर अपना सब कुछ दिखा देती!
मैं कुछ क्षण तो चुप रहा और फिर उससे कहा- मैंने तो यह छुपा छिपी का खेल तुमसे ही सीखा है! उस दिन जब मैं मूत्र विसर्जन कर रहा था तब तुमने भी तो मुझे छुप कर देखा था!
तुम भी अगर मुझे कह देती तो मैं भी नग्न होकर तुम्हें अपना सब कुछ दिखा देता!
मेरी बात सुन कर नेहा झेंप गई और बोली- तुम्हे कैसे पता कि मैं तुम्हें देख रही थी?
मैंने उत्तर दिया- मैंने तुम्हारी छवि दिवार पर लगे आईने में देख ली थी इसीलिए तो मैं थोड़ा घूम गया था ताकि तुम्हे मेरे लिंग के पूर्ण दर्शन अच्छी तरह से हो जाएँ।
मेरा उत्तर सुन कर उसका चहरा शर्म से लाल हो गया और उसने अपनी आँखे नीची कर ली तथा अपने को सामान्य करने के लिए वहाँ से अपने कमरे में जाने लगी।
तब मैं भी उठ कर खड़ा हुआ और उसे ‘बाई’ कहता हुआ अपने घर आ गया।
घर पहुँचा तो भईया और भाभी आ चुके थे इसलिए मैं उनके साथ बातें करने में व्यस्त हो गया और इसी में रात हो गई।
खाना खाने के बाद रात साढ़े नौ बजे मैं अपने बिस्तर में सोने के लिए लेटा हुआ था जब मेरे मोबाइल पर नेहा का फोन आया- रवि, एक बहुत ज़रूरी काम है! तुम इसी समय मेरे घर आ जाओ।
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