RE: Desi Sex Kahani रंगीली पड़ोसन
मैंने खिड़की के पास खड़े होकर उस स्त्री से कहा- देखिये, आपके घर के अंदर आने के सभी रास्ते बंद हैं! आपकी सहायता के लिए मुझे सिर्फ एक ही रास्ता दिखाई दे रहा है जहाँ से आपके बाथरूम में आने का प्रयास किया जा सकता है।
तब उस स्त्री ने कहा- तो आप उस रास्ते से क्यों नहीं सहायता करते?
मैंने उत्तर दिया- उसके लिए पहले आपको मेरी सहायता करनी पड़ेगी।
उस स्त्री ने कहा- मुझसे कैसी सहायता चाहिए आपको।
मैं बोला- बाथरूम की खिड़की के ऊपर के भाग में जो तिरछे शीशे लगे है वह सिर्फ अंदर से ही निकाले जा सकते है! अगर आप किसी तरह उन शीशों को निकाल देवें तो मैं उस 18″ X 18″ के झरोखे में से ही अन्दर आकर दरवाज़े को खोलने का प्रयास कर सकता हूँ।
उस स्त्री ने कहा- ठीक है मैं उन शीशों को निकालने का प्रयत्न करती हूँ।
उसके बाद वह स्त्री एक बाल्टी को उल्टा रख कर उस पर खड़ी हो कर वह शीशे निकालने लगी और अगले दस मिनट में उसने वे छह शीशे निकाल दिए और वहाँ से बाथरूम के अन्दर जाने का रास्ता बना दिया!
तब मैंने अपने घर से एक स्टूल ला कर उस खिड़की के नीचे रखा और उस पर चढ़ गया!
वहाँ से मैंने दरवाज़ा खोलने वाले संभावित उपकरणों का डिब्बा खिड़की के अन्दर उस स्त्री को पकड़ाने के लिए जैसे ही अंदर झाँका तो वहाँ का नज़ारा देख कर दंग रह गया!
मेरे हाथों से उपकरणों का डिब्बा और खिड़की दोनों ही छूटते छूटते बचे!
बाथरूम के अन्दर वही सुन्दरी थी जिसे मैंने दो दिन पहले बालकनी से कपड़े उतार कर ले जाते देखा था वह उस समय बाथरूम में बिलकुल नग्न खड़ी थी!
उसके हाथ में एक छोटा सा तौलिया था जिससे वह अपने जघन-स्थल पर रख कर अपनी योनि को छुपा रही थी और दूसरी हाथ एवं बाजू को उसने अपनी दोनों स्तनों के आगे रख कर उन्हें छुपाने की असफल कोशिश कर रही थी!
मैंने अपने सिर को खिड़की से बाहर ही रखते हुए उपकरणों के डिब्बे वाला हाथ अंदर डालते हुए उस स्त्री को डिब्बा पकड़ने को कहा।
जब उसने सिर्फ मेरा हाथ ही देखा तो खिड़की के पास आकर उस डिब्बे को दोनों हाथों से पकड़ लिया और नीचे रखने को झुकी!
उस समय मैंने अपना सिर खिड़की के अन्दर किया और उसकी नग्न जवानी के पूरी तरह दर्शन किये!
उसके दोनों स्तन बहुत ही गोरे थे तथा एकदम गोल गेंदों की तरह काफी कसे हुए, सख्त और ऊपर को उठे हुए लग रहे थे और उन दोनों पर काले रंग की बड़ी बड़ी चुचूक थी!
उन चुचूकों के चारों ओर लगभग डेढ़ इंच का काला घेरा था जो बहुत ही मनमोहक लग रहा था।
उसकी योनि किसी पाव-रोटी की तरह फूली हुई दिख रही थी और उसके ऊपर बहुत ही कम तथा छोटे छोटे काले रंग के बाल थे।
उसके शरीर को जब देखा तो ऐसा लगता था कि उसके शरीर पर एक नहीं चार चार नज़र-बट्टू लगे हुए थे!
एक उसके बाएँ गाल पर, दो उसकी छातियों पर और एक उसके जघन-स्थल पर लगाया गया हो!
|