RE: Porn Hindi Kahani मेरा चुदाई का सफ़र
नहाने के बाद सब लड़कियाँ वापस कॉटेज में आ गई और अपने अपने कमरों में चली गई।
दोपहर के खाने के बाद कुछ लड़कियाँ सोने के लिए अपने कमरों में चली गई और बैठक में सिर्फ मैं कम्मो और 2 डांसर बची थी, उनमें ज़ूबी और एक और बहुत ही खूबसूरत लड़की थी जो हमारे साथ बैठक में बैठी थी।
मैंने कम्मो से पूछा- ये दोनों डांसर कौन कौन हैं?
कम्मो उन दोनों के पास गई और उनको बुला कर अपने पास ले आई और पास बिठा कर पूछने लगी- आप दोनों कौन हैं और यहाँ अकेली चुपचाप क्यों बैठी हैं? आप दोनों की तबियत तो ठीक है ना?
दोनों थोड़ी देर सोचती रही फिर बोली- मैं ज़ूबी हूँ और यह है कृतिका, हम रूम नंबर 4 में रहती हैं।
कम्मो ने पूछा- तुम दोनों इतना चुप चुप क्यों हो?
दोनों कम्मो को कमरे के एक कोने में ले गई और कुछ खुसर फुसर करने लगी और फिर कम्मो उनको कुछ समझाने लगी और इसके बाद वो उनको लेकर बाहर चली गई।
थोड़ी देर बाद वो लौटी और बोली- उन दोनों को कोई औरतों वाली प्रॉब्लम है, मैंने उनको दवाई दे दी और आराम करने को कहा है, वो अपने कमरे में चली गई हैं।
मैं बोला- अब क्या करें कम्मो डार्लिंग? चलो हम भी सो जाते हैं किसी कमरे में?
कम्मो बोली- मैं सोच रही थी कि इन काम वालियों को खुश कर देते हैं, आज दिन भर ख़ास तौर से वो काला हीरा बहुत ही फुदक रही है आपसे चुदाने के लिए?
मैं बोला- चलो ठीक है यह सुझाव भी, लेकिन कम्मो डार्लिंग सोचना यह भी है कि फ़िल्मी टोली को कैसे बिजी रखें? क्यूंकि तकरीबन सब लड़कियाँ मुझ से चुद चुकी है और इन सबकी चूतें इस वक़्त पूरी तरह से तसल्ली में हैं। वैसे पता करो कोई लड़की रह तो नहीं गई?
कम्मो बोली- छोटे मालिक रह भी गई है तो उस लड़की को आगे आना चाहिए ना अगर उसको आपसे चुदाने की इच्छा है तो? मैं सोचती हूँ क्यों न हम इन लड़कियों के साथ मिलकर आज रात एक छोटा सा सुंदरता प्रतियोगिता का प्रोग्राम रख लेते हैं जिसमें दोनों मैडमों को जज बना देते हैं।
मैं बोला- वाह कम्मो जान, क्या आईडिया है! साथ में लड़कियों का स्ट्रिप टीज़ का प्रोग्राम भी रख देंगे जिससे सबको बड़ा मज़ा आयेगा ख़ास तौर से मैडमों को और मुझ को। क्यूँ कैसा है यह आईडिया?
कम्मो बोली- वाह छोटे मालिक, क्या दिमाग चलता है आपका चुदाई के बारे में।
मैं बोला- तुम काला हीरा और दुल्हन को पेश करो ऊपर वाले कमरे में और बाद में इन लड़कियों की जो मुखिया है, उसको पकड़ो और उससे बात करो सौन्दर्य प्रतियोगिता के बारे में।
मैं उठ कर ऊपर वाले कमरे में चला गया जहाँ एक पलंग बिछा था और जिस पर एक गद्देदार बिस्तर भी लगा था।
थोड़ी देर में काला हीरा उर्फ़ देवकी भी आ गई ठुमकती ठुमकती और उसके आते ही मैंने उसको जकड़ लिया अपनी बाहों में और उसके सांवले चेहरे को चुम्मियों से भर दिया क्यूंकि मैं भी घोड़ों का चोदन देख कर एकदम हॉटम हॉट हो रहा था।
देवकी भी बहुत दिनों से प्यासी थी मेरे लंड की तो उसने सीधे अपना हाथ मेरे लंड पर डाल दिया और उसको खड़ा देख कर हैरान रह गई और बोली- वाह छोटे मालिक, आपका तो मेरे आने से पहले खड़ा है?
अब मैंने देवकी के ब्लाउज पर हाथ डाला और उसके मोटे सुडौल मम्मों को मसलने लगा।
देवकी ने ही खुद अपने ब्लाउज को उतार फेंका और और फिर अपनी धोती को भी उतार दिया और मैं उसकी काली बालों से भरी चूत पर मोहित हो गया।
देवकी की चूत की खासियत यह थी कि वो आम चूतों से ज़्यादा ऊपर पेट की तरफ थी और खूब उभरी हुई!
अगर बाल हटा कर देखा जाता तो वो गोल मोल चूत थी और मस्त दिख रही थी।
मैं उसको लेकर बिस्तर की तरफ चला गया और उसको सीधा लिटा कर अपने कपड़े उतारने लगा लेकिन देवकी एकदम से खड़ी हो गई और आगे बढ़ कर मेरे कपड़े उतारने लगी।
जब बैठ कर मेरा अंडरवियर उतारने लगी तो लंड ने उछल कर उसके मुंह पर हल्के से थप्पड़ मारा।
देवकी बड़े ज़ोर से हंस पड़ी और बोली- ससुरा बहुत ही शैतनवा हुई गवा रे, हम का प्यार से चपत मारत है साला।
अब मैंने देवकी को लिटा कर उसकी जांघों में बैठ कर अपना मुंह उस की चूत पर टिका दिया और उसकी चूत को और उसके अंदर छिपे भग को चूसने और चाटने लगा।
देवकी के साथ ऐसे पहले किसी मर्द नहीं किया था तो वो अपने मज़े को बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और मेरे बाल पकड़ कर मेरे सर को हटाने की कोशिश कर रही थी।
लेकिन मैंने भी उसके चूतड़ों के नीचे हाथ रख कर उसकी चूत को और ऊपर उठा दिया और लपालप उसकी चूत को चूसने लगा।
थोड़े देर में ही देवकी की चूत खुद ही मेरे सर को अपने साथ में फंसा कर जांघों को ज़ोर से दबाने लगी और साथ ही एक कंपकपी के साथ वो स्खलित हो गई और फिर मेरे मुख ऊपर उठा कर बार बार चूमने लगी।
अब मैं देवकी की चूत में अपना लंड धीरे धीरे डालने लगा और साथ ही डालने से पहले उसको एक हल्का रगड़ा चूत के ऊपर भी लगाता रहा ताकि वो फिर से गर्म हो जाए।
जब मेरा लंड उसकी एकदम गीली चूत के अंदर चला गया तो मैं उसके मुम्मों को चूसने लगा और उसकी गोल काली निप्प्लों को मुंह में ले कर गोल गोल घुमाने लगा।
देवकी अब पूरे कामुकता के जोबन पर थी और ज़ोर ज़ोर से नीचे से मेरे धक्कों का पूरा जवाब दे रही थी।
अब मैंने उसकी टांगों को हवा में लहरा कर उसकी ज़ोरदार चुदाई शुरू कर दी और जब वो जल्दी ही फिर स्खलित हो गई तो मैंने उस को साइड में लिटा कर पीछे से धक्कम पेल शुरू कर दी।
इस तरह मैं कई पोज़ बदल बदल कर उसको चोद रहा था और जब वो 3-4 बार छूट गई तो कहने लगी- बस अब और नहीं छोटे मालिक, अब हमका छोड़ देयो ना!
तभी कम्मो आई और कहने लगी- दुल्हन तो आज आई नहीं, देवकी से ही काम चला लो छोटे मालिक।
मैं देवकी के ऊपर से उठा और हम दोनों ने कपड़े पहन लिए और देवकी को 10 रुपये का इनाम देकर नीचे भेज दिया।
देवकी के जाने के बाद कम्मो बोली- मेरी सब लड़कियों से बात हुई है, वो सब सुंदरता प्रतियोगिता के लिए तैयार हैं और साथ में कपड़े उतारने की स्ट्रिप टीज़ के लिए भी तैयार हैं, पूछ रही थी जीतने वाली को इनाम क्या मिलेगा?
मैं बोला- तुम बोलो क्या इनाम दिया जाए?
कम्मो बोली- 100 रूपए का इनाम काफी है.
मैं बोला- हाँ, यह रकम काफी है इस छोटी प्रतियोगिता के लिए… तो फिर आओ दोनों मैडमों से भी बात कर लेते हैं। हाँ पर आज उनके खाने में कुछ ख़ास मुर्गे का कोरमा और मटन चाप बनवा लेना और साथ में गाजर का हलवा बनवा लेना। क्यों ठीक है ना?
कम्मो बोली- इस सारे खाने का खर्चा तो फ़िल्मी कम्पनी ही उठाएगी ना तो बनने दो यह सब कुछ!
हम अभी बातें कर ही रहे थे कि जूही दुल्हन सीढ़ियाँ चढ़ कर के ऊपर आ गई और हम दोनों को नमस्कार करके एक तरफ खड़ी हो गई।
तब कम्मो ने उससे पूछा- जूही आज जल्दी कैसे चली गई थी तुम अभी तो सिर्फ दोपहर के खाने का काम ही निपटा है और शाम की चाय और रात के खाने का काम अभी करना है ना?
जूही बोली- वो दीदी, मेरी सास की तबियत कुछ ठीक नहीं थी, उसको देखने घर चली गई थी। बोलो क्या काम है?
कम्मो बोली- कुछ दिन पहले तू छोटे मालिक को याद कर रही थी ना तो मैंने इसलिए बुलाया था कि कोई ख़ास काम था क्या?
जूही थोड़ी शरमाई और अपना मुंह नीचे कर के बोली- वो छोटे मालिक ने जो मुझ पर किरपा की थी ना तो मैं बहुत दिनों से उनको शुक्रिया देना चाहती थी।
मैं बोला- इसमें शुक्रिया किस बात का, वो छोटा सा काम था, मैंने कर दिया। अब सुनाओ पति ठीक से अपना काम कर रहा है ना?
जूही फिर उदास होते हुए बोली- कहाँ छोटे मालिक, वो कोशिश तो करता है लेकिन बहुत जल्दी ही झड़ जाता है। मैं क्या करूँ, समझ नहीं आता? उसके साथ वो मज़ा नहीं आता जो आपने मुझको उस दिन दिया था। एक बार और कर दो, मुझको वही आनन्द दे दो छोटे मालिक।
यह कह कर वो हाथ जोड़ने लगी और मैंने उठ कर उसके हाथ पकड़ लिए और कम्मो की तरफ देखा तो उस ने आँख का इशारा कर दिया, मैंने कहा- अरे जूही दुल्हन, इसमें हाथ जोड़ने की क्या बात है, मैं तो खुद तुमको याद कर रहा था। अगर तुम्हारी बहुत इच्छा है तो आ जाओ मैं तुमको जितना तुम चाहो तुम्हारे साथ चुदाई का खेल खेल सकता हूँ।
कम्मो ने उठ कर जूही दुल्हन को मेरी बाँहों में डाल दिया और मुझसे कहा- छोटे मालिक, आज आप जूही दुल्हन को अच्छी तरह से चोद डालो ताकि इसके मन की इच्छा कुछ दिनों के लिए पूरी हो जाए। और मैं चलती हूँ दोनों मैडमों को फ़ोन पर सब कुछ बताने के लिए! ठीक है ना छोटे मालिक?
मैंने कहा- ठीक है, यह काम ज़रूरी ना होता तो मैं भी तुम्हारे साथ चलता।
कम्मो के जाने के बाद मैंने जूही को अपनी गोद में बिठा लिया और उसको बेतहाशा चूमने लगा। जूही भी मेरे प्यार का जवाब चुम्मियों से देने लगी और कुछ देर बाद मैंने उसके कपड़े उतार दिए और उसके सुडौल मम्मों को चूसना शुरू कर दिया और उसके काले चूचुकों को मुंह में लेकर उनको चूसने का आनंद लेने लगा।
उसकी चूत पर हाथ लगाया तो वो पूरी गीली हो चुकी थी।
मैं जूही को हाथों में लेकर उठा और अपने खड़े लंड का निशाना जूही की चूत पर मारा और धीरे से अपने लंड को जूही की चूत में घुसेड़ने लगा।
मैंने जूही को अपने दोनों हाथों को उसकी गांड के नीचे रख कर उठाया हुआ था जिससे लंड को उसकी चूत में बड़ी आसानी से डाला जा सके और लंड अंदर जा कर जूही की चूत के साथ हिलमिल गया और बड़े जोश से उसको चोदने लगा।
मैंने भी जूही के मुंह को अपने होटों को चिपका कर उसको एक बहुत गहरी चुम्मी दी और उसके चूतड़ों को खुद ही आगे पीछे करके आराम से चोदने लगा।
जूही दुल्हन की दोनों बाहें मेरे गले में थी, वो जैसे हो जोश में आती थी मुझको अपनी बाहों की ताकत से अपने साथ चिपका लेती थी और दिल भर की चुंबन दे देती थी।
जूही 2-3 छूट चुकी थी लेकिन अभी भी उस का मन नहीं भरा था तो मैं उसको बिस्तर में लिटा कर उसकी जांघों के बीच बैठ कर उस की ज़ोरदार चुदाई करने लगा और मेरे बहुत ही तेज़ धक्कों के कारण वो मस्त हुई चुद रही थी और कह रही थी- फाड़ दो… फाड़ दो इस साली को… ओह ओह मैं मर गई रे!
पांच मिन्ट की तेज़ चुदाई से वो बहुत अधिक कांपती हुई ज़ोर से झड़ गई और मुझको खींच के अपने से चिपका लिया।
मैं उसके ऊपर से हट गया और वो आँखें बंद कर के पड़ी रही बगैर हिले डुले कुछ देर के लिए!
फिर वो उठी और जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए और मुझको एक कामुक चुंबन देकर चली गई।
उसके जाते ही कम्मो आ गई और बोली- मेरी मैडमो से बात हो गई है, सुंदरता प्रतियोगिता का प्रस्ताव सुन कर बड़ी खुश हो गई हैं और वो शाम को दोनों यहाँ आ जाएंगी। कह रही थी कि वो कुछ खास पीने का भी प्रबंध कर लेंगी।
कुछ समय बाद धीरे धीरे डांसर लड़कियाँ बैठक में आने लगी और काफी अधिक उत्सुक लग रही थी, होने वाली सुंदरता प्रतियोगिता से काफी उत्साहित थी।
सब आपस में अपने प्रतियोगिता में पहनने लायक कपड़ों के बारे में बहस कर रही थी।
हेमा बोली- सुंदरता प्रतियोगिता तो ठीक है लेकिन यह स्ट्रिप टीज़ तो ठीक नहीं लग रहा है।
जूली बोली- स्ट्रिप टीज़ में तो सिर्फ कपड़े ही उतारने हैं और वो भी सब औरतों के सामने और अगर कोई मर्द हुआ भी तो वो अपना सोमू राजा ही होगा ना जिसके सामने हम सब कई बार नंगी हो चुकी हैं वो उस से सब करवाते हुए जिसकी इच्छा हम सबको थी। क्यों ठीक है ना? अब बोलो क्या स्ट्रिप टीज़ में कोई प्रॉब्लम है?
सबने ज़ोर से कहा- नहीं, कोई प्रॉब्लम नहीं है, होने दो स्ट्रिप टीज़ को!
सब लड़कियाँ मेरे इर्द गिर्द जमा हो गई और तब आबिदा बोली- इस प्रतियोगिता के मुख्य जज तो सोमू जी को होना चाहिए क्यूंकि उन्होंने हम सबको अच्छी तरह से देखा और परखा है, हमारे एक एक अंग से पूरी तरह से वाकिफ हैं और उसका आनंद ले चुके हैं।
नंदा बोली- वो तो सब ठीक है, हमको स्ट्रिप टीज़ करने में कोई ऐतराज़ नहीं है लेकिन इस स्ट्रिप टीज़ के विजेता लड़कियों को सोमू की तरफ से एक ख़ास इनाम दिया जाना चाहिए। क्यों सोमू राजा?
मैं बोला- मैं भला किसी को क्या इनाम दे सकता हूँ?
आबिदा बोली- तुम्हरे पास इतनी कीमती चीज़ है जिसकी हर लड़की को ज़रूरत है और चाहत है, बोलो दोगे क्या?
मैं बोला- अच्छा तो तुम लंडम की बात कर रही हो? वो तो हर वक्त हाज़िर है आबिदा जानम, एक बार नहीं जितनी बार कहोगी, वो तुम्हारी चूत की सेवा करने के लिए तैयार है।
तब हेमा बोली- अगर लड़कियों को और सोमू को ऐतराज़ ना हो तो प्रतियोगिता के बाद सब लड़कियों की सोमू के साथ ज़ोरदार चुदाई सेशन हो जाए? क्यों सोमू, तैयार हो चुदाई सेशन के लिए? और क्या तुम सब लड़कियों को चोद सकोगे एक के बाद एक को?
कम्मो जो सब बातें बड़े ध्यान से सुन रही थी, बोली- तुम 12 लड़कियों को एक साथ चोदना शायद सोमू के लिए मुश्किल हो सकता है लेकिन अगर आप 4-4 के ग्रुप में आएँ तो यह काम वो कर सकता है।
हेमा बोली- वही तो… मज़ा तो तब है जब 12 लड़कियाँ एक साथ नंगी मलंगी सोमू के चारों तरफ फैली हों और वो किसी के मुम्मे चूसे, किसी की चूत में ऊँगली करे और किसी की चूत में लंड डाल रहा हो और एक चोद कर दूसरी पर चढ़ रहा हो और बिल्कुल ऑर्गी जैसा समा बना हो। उफ्फ्फ मज़ा ही जाए अगर ऐसा हो सकता हो तो!
कम्मो बोली- ऐसा हो सकता है अगर बाकी लड़कियाँ एक दूसरी के साथ लेस्बो सेक्स में लगी हों और सोमू लाइन से और कायदे से हर लड़की को काम सुख प्रदान कर सकता है… पर क्या दोनों मैडमों को यह हरकत नागवार नहीं लगेगी क्या?
हेमा बोली- मैडमों को बताएगा कौन? हम सब तो एक जुट हैं, क्यों फ्रेंड्स?
सब ज़ोर से बोली- यस, हममें से कोई भी नहीं बताएगा किसी को, हम सब कसम खाती हैं।
कम्मो बोली- ठीक है, इस खेल का प्लान मैं बनाऊँगी, या आप में से भी कोई मेरे साथ शामिल होना चाहती है?
आबिदा और हेमा दोनों ने हाथ खड़े कर दिए और कम्मो ने दोनों को मिला कर प्लान बनाने का काम शुरू कर दिया।
सब लड़कियाँ रात में होने वाले ब्यूटी कांटेस्ट के लिए अपने कपड़ों का चुनाव करने में लगी हुई थी और मैं बेकार में ही वहाँ बैठा हुआ था।
जब मैं उठने लगा तो जूली मेरे पास आ गई और मैंने उससे पूछा कि अगर वो कुछ नहीं कर रही तो ज़रा लॉन में घूम लेते हैं?तो वो झट मान गई।
हम दोनों हाथ पकड़े हुए लॉन में आ गये।
जूली ने एक लाल फ्रॉक पहना हुआ था जो उसके घुटनों तक ही आ रहा था और वो हवा में खूब लहलहा रहा था। एक दो बार तो वो हवा के तेज़ झोंके के कारण एकदम ऊपर उठ गया और मैंने उसकी वाइट पैंटी के दर्शन कर लिए।
जूली छुपी आँखों से यह सब देख रही थी और मुझको हल्के से अपनी कोहनी मारते हुए बोली- तुम्हारी चोरी पकड़ी गई सोमू जी!
मैंने मुस्कराते हुए कहा- कौन सी चोरी जूली जानम?
वो भी मुस्करा रही थी और मेरे हाथ को अपनी कमर में लपेट कर बोली- वही तुम कुछ देखने की कोशिश कर रहे हो मेरे फ्रॉक के नीचे क्या है?
मैं बोला- वहाँ क्या होगा जो मैंने अभी तक नहीं देखा तुम्हारा? मैं तो सब कुछ देख चुका हूँ तुम्हारा लेकिन इस तरह चोरी से देखने का कुछ और ही मज़ा होता है।
जूली बोली- वही तो!
अब लॉन में कुछ कुछ अँधेरा बढ़ रहा था तो एक पेड़ के नीचे जब हम दोनों पहुंचे तो मैंने जूली को पकड़ कर आलिंगन में बाँध लिया और उसके लबों पर एक गर्म चुम्मी जड़ दी।
वो भी जैसे इसी मौके का इंतज़ार कर रही थी, उसने भी झट से मेरे लौड़े को पकड़ लिया और पैंट के बाहर से ही सहलाने लगी।
मैंने भी एक हाथ उसकी पैंटी के ऊपर रख दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा।
एक दूसरे को चूमते चाटते हम एक बिल्कुल अँधेरी जगह में पहुँच गए और फिर मैंने जूली के कान में कहा- मर्ज़ी है क्या?
जूली ने एक किस करते हुए कहा- है तो सही अगर तुम्हारी भी मर्ज़ी है तो?
मैंने जूली को एक घने पेड़ के तने को पकड़ कर खड़ा कर दिया और फिर उसकी पैंटी को नीचे खिसका कर अपने खड़े लंड को पैंट से निकाला और कुछ देर उसकी चूत के ऊपर उसको रगड़ कर धीरे से मैंने उसकी चूत में डाल दिया।
चूत और लंड के मिलन के बाद हम दोनों एकदम से शांत खड़े रहे बिना हिले डुले एक दूसरे से जुड़े हुए!
फिर धीरे से जूली ने अपने चूतड़ों को थोड़ा आगे की तरह किया और फिर पुनः उसको पीछे मेरे लंड से चिपका दिया और इस एक्शन को उसने 4-5 बार रिपीट किया लेकिन मैं बिना हिले डुले शांत खड़ा रहा।
धीरे धीरे से जूली की चूत पनियाती गई और मैंने अपने अंदर बाहर के धक्के शुरू कर दिए और अब जूली के मुंह से आनन्द के सीत्कार की आवाज़ें आने लगी और अब वो भी अपनी कमर को हिला हिला कर मेरे लंड को पूरा का पूरा अंदर लेने लगी और साथ में अस्फुट आवाज़ करने लगी जिससे मैं समझ गया कि जूली अपनी मंज़िल के निकट पहुँच रही है।
मैंने धुआंधार चुदाई शुरू की तो जूली जल्दी से स्खलित हो गई और मेरे लंड के साथ पूरी तरह से चिपट गई।
फिर हम दोनों अपने कपड़े ठीक कर के कॉटेज वापस चल पड़े।
जूली ने अपना सर मेरे कंधे पर रखा हुआ था और वो चुदाई की खुमारी में धीरे धीरे चलती हुई मेरे साथ कॉटेज पहुँच गई।
तभी उसकी रूम मेट सैंडी आ गई और बोली- चलो जूली, तैयार हो जाओ, मैडमों के आने टाइम हो गया है।
थोड़ी देर में दोनों मैडम आ गई, आते ही दोनों ने मुझ को गले लगाया और अपने वक्ष मेरी छाती से रगड़े और अपने हाथों से मेरे लंड को टच करती हुई अपनी सीटों की तरफ गई।
मधु मैडम तो सेंटर सीट पर थी रूबी मैडम और मैं दोनों इनकी बगल पर थे। दोनों ने बड़ी प्यारी बनारसी सिल्क की साड़ी और ब्लाउज पहन रखे थे और बहुत ही खूबसूरत लग रही थी।
मैं उनके पास गया और धीरे से बोला- माशाल्लाह… आप दोनों तो हुस्न का मुजस्मा लग रही हैं और किसी फिल्म की हीरोइन से किसी तरह भी कम नहीं हो।
रूबी मैडम ने उठ कर मुझको लबों पर एक चुम्मी दी और एक कसी जफ्फी मार दी और मेरे चूतड़ों पर हाथ फेरा।
तभी कम्मो कमरे में दाखिल हुई और मैडमों को सारा प्लान बताया।
मधु मैडम ने कहा- सिर्फ हम दो जजों से काम नहीं चलेगा एक और जना जज होना चाहिये ना? सोमू को हमारे साथ जज बना दो और वैसे भी वो इन सबको चख और परख चुका है ना! क्यों रूबी?
रूबी बोली- आप ठीक कह रही हैं मैडम, सोमू मास्टर को हमारे साथ जज बना दो! क्यों सोमू, जज बनोगे ना?
मैं बोला- जैसा आप कहो मैं तो आपके इशारों का ग़ुलाम हूँ!
मधु मैडम हंस दी और बोली- यार, सोमू तुम ग्रेट हो।
मैं बोला- आपकी ज़र्रा नवाज़ी है वरना बंदा किस काम का है!
मधु मैडम बोली- ज़हे नसीब सोमू, तुम्हारे जैसा अगर मेरा पति हो तो लाइफ बन जाए!
मैं बोला- क्या अभी पति नहीं है क्या?
मधु मैडम बोली- पति तो है लेकिन साला किसी काम का नहीं, हर वक्त पिये रहता है और रात को खर्राटे भरता है।
मैं चुप रहा।
बैठक को साफ़ कर दिया गया था और बीच का हिस्सा खाली कर दिया गया था और बैठक के आखिर में तीन जजों की कुर्सियाँ लगी हुई थी और सामने एक छोटा सा टेबल रख दिया था जिस पर पानी का जग और कुछ गिलास रखे हुए थे।
थोड़ी देर में कार्यक्रम शुरू हुआ।
प्रोग्राम के मुताबिक हेमा हर एक लड़की का नाम एक लिस्ट से पढ़ रही थी जिसकी कार्बन कापी हम तीनो के पास भी थी और उसके आगे मार्क्स लिखने का भी कॉलम बना हुआ था।
एक एक कर के सब लड़कियाँ बैठक में बने खुले स्थान पर आ रही थी और मॉडल्स की तरह आगे पीछे होकर अपने हुस्न का जलवा दिखा रही थी और कुछ क्षणों में वापस जा रही थी।
और हम जज उनकी सुंदरता के मुताबिक़ नंबर प्रदान कर रहे थे।
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