RE: Hindi Sex Chudai ये कैसी जिंदगी
रवि की बाइक देख के मेरी हार्ट बीट बढ़ गयी ..
(मन मे): साला आज क्या होने वाला है .. पता नही ये रोक पाउन्गा या नही .. साला मयंक कही धोखा ना दे दे ऐसा हुआ तो वो दोनो
मुझ पे भारी पड़ जाएँगे और इज़्ज़त का फालूदा बन जाएगा... मयंक से प्लान पूछता हूँ.
मे: अबे यह बता तू उसे ई मीन पहले रवि लेगा सोनम की या तू?
मयंक: रवि ही लेगा दिमाग़ नही है तेरे पास
मे मन मे) बेटा बस तू देख कितना दिमाग़ है (/मन मे)
मे:फिर तू कब लेने वाला था ? अबे तू पूरा प्लान क्यू नही बताता?
मयंक: यार भाई मुझे इस झंझट से बहुत डर लगता है बट रवि के इन्फ्लुयेन्स मे आके इस सब के लिए हामी भरी थी.
मे: भोसड़ी के साले चूत मिल रही है इस लिए हाँ कहा है बहाने बाजी ना कर तू मेरे से .. और सब बता कब क्या कैसे प्लान किया था तुम दोनो ने
मयंक थोडा हिचकिचाते हुए) रवि से पहले मुझे पहुँचना था और वहाँ एक अटॅच्ड बाथरूम है उसमे जाके एक कॅमरा लेके
वीडियो शूट करना था. वहाँ पे एक होल है उसी मे से. फिर जब रवि कर ले तो मुझे जाना है सोनम के पास और उसे ब्लॅकमेल कर के मनाना है.
मे: अबे यह बता कि रवि को कैसे पता सोनम मान जाएगी देखने मे तो ऐसी नही लगती.
मयंक: उससे पूछा था मैने यही उसने कहा नही मानी तो मैं ज़बरदस्ती करूँगा और तू बाथरूम से बाहर आके वीडियो बना लेना
फिर उसको हम लोग रंडी बना के रखेंगे
मे: रंडी.. भोसड़ी वाला उसकी बहन के साथ कोई करता तो उसे कैसा लगता .उसे छोड़ तेरी दिव्या के साथ कोई ऐसा करता तो तू क्या करता?
मयंक(म्सी इन शॉर्ट फ्रॉम नाउ): तू दिव्या की बात क्यू कर रहा है? साले अब बहुत हो रहा है.
मे: आवाज़ कम कर वरना पर्मनेंट्ली मूट कर दूँगा समझा???
म्सी: तू दिव्या की बात मत कर..
मे: लग गयी मिर्ची? साले वो भी किसी की बहेन होगी सोच उसपे क्या गुज़रेगी हरामी साले.
म्सी: ह्म्म्म्मम
मे: फ़ोन मिला रवि को और बोल तू लेट है वेट करे तेरा और पूछ लेना क्या चल रहा है अंदर?
रवि को फ़ोन मिलाता है ..
म्सी: हेलो!
रवि(रवि इन शॉर्ट फ्रॉम नाउ): ********
मे: अबे स्पीकर मोड पे डाल..
म्सी: यार रवि मैं बाहर हू .. सॉरी यार
रवि: अच्छा तू आ जा साली मान नही रही
म्सी: आता हू..
फोन कट.
म्सी: मैं जाता हू अंदर नही तो अगर वो बाहर आ गया तो गड्बड हो सकती है.
मे: अबे जा जल्दी .
म्सी दौड़ दिया और कुछ ही सेकेंड मे फार्म हाउस के अंदर हो लिया मेरा दिमाग़ 180 की स्पीड से चल रहा था कि करू तो क्या?
मैं भी चुपके से फार्म हाउस के मेन डोर की ओर बढ़ा ..
हल्के से गेट को पुश किया तो वो ओपन था.
मैं अंदर गया.. सिंगल फ्लोर था .. सामने दो रूम उसके बाहर कुछ स्पेस था पता नही किस लिए उसके बाद एक डोर था शायद स्टोर रूम बनाया होगा.. थोड़ी आवाज़ सामने के रूम से सुनाई दी तो थोड़ा आगे बढ़ा.. डोर से कान लगा के सुनने लगा तो गुऊ गुऊ गुऊ की आवाज़ आ रही थी..
की होल से देखा तो आँखे खुली रह गयी.. सोनम उपर से पूरी नंगी और उसके मुँह मे कपड़ा घुसा था .
थोड़ा गौर से देखा तो हाथ बँधे थे. और सर से थोड़ा खून निकल रहा था.
(मन मे) साला इतनी जल्दी यह सब कैसे हो गया
मैने नज़र दौड़ानी चाही तो कुछ नही दीखा यह मयंक कहाँ है साला
मैं उस छोटे दरवाज़ी की तरफ बढ़ा .. थोड़ा पुश किया ओपन था ( थॅंक गॉड)
मैने अंदर जाअ के मोबाइल की रोशनी से कुछ ढूँढने लगा बचाव के लिए अगर मयंक ने धोखा दे दिया तो
कहते है ना अक़्ल मंद वो है जो हमेशा एक और योजना सोच के रखता है..
एक लकड़ी का टुकड़ा मिला उसमे जंग लगी कील्स निकली थी.. बहुत ख़तरनाक था अगर ग़लती से किसी को मार देता तो उसका मारना तो तय है.
मै वापस आया दरवाज़ा पुश किया .. वो भी ओपन था.. (थॅंक्स गॉड अगेन)
जैसे ही अंदर दाखिल हुआ सोनम की नज़र मुझ पे पड़ी. उस मासूम से चेहरे की क्या हालत बना दी थी उस रवि ने
मेरा खून तो देखते ही खौल गया ...
नज़र दौड़ाई तो पाया रवि मुझे ही देख रहा है वो रूम के कोने मे नंगा लंड पे कुछ शायद तेल लगा रहा था..
मैं तुरंत आगे बढ़ा और उसका सर पकड़ थोड़ा अपनी ओर खींचा और अपना पाओ बेंड कर के घुटनो से लंड के जस्ट ऊपर मारा..
वो तो पेट पकड़ के बैठ गया ...
रवि: अबे क्या हुआ तुझे? मुझे क्यू मार रहा है?
मैं कुछ नही बोला मगर मेरा गुस्सा अब हद से बाहर हो गया था मेरा मन चाह रहा था कि उसके टट्टो पे ऐसा लात मारू कि ज़िंदगी झंड हो जाए बट कंट्रोल किया..
एक लात सर पे घुमा के दी तो वो ढेर हो गया ...दो चार लात पेट मे और मारी..
मारता गया .. मुझ पे एक जुनून सवार हो गया था .. अगर मयंक ना रोकता उस दिन तो उसे मार ही डालता
म्सी: छोड़ दे इसे .. बस कर मिल गया इसे सबक छोड़ वो मुझे खींच रहा था
और उसने खीच के दूसरी तरफ धक्का दिया..
म्सी: मार डालेगा इसे? ( चीखता हुए?) माना यह ग़लत कर रहा था बट तू कॉन होता है इसकी जान लेने वाला
बस कर इतनी मार खाने के बाद यह अपनी पूरी लाइफ मे किसी लड़की के साथ ऐसा करने से कतराएगा.
मे: थोड़ा शांत होते हुए इसे लेजा .. मेरी आँखों के सामने से
म्सी उसे उठा के बाइक की चाभी मेरी तरफ फेक के बोला
म्सी: इसे घर छोड़ के मेरे घर पे मिल.
मे: कल कॉलेज लेके आ जाउन्गा तेरी बाइक..आज मूड नही है कुछ करने का
म्सी: ओके
और वो चला गया...
मैने एक नज़र सोनम पे डाली उस मासूम की आँखों मे अब सुकून दिख रहा था.. जब उसके बूब्स पर नज़र गई तो मैने इधर उधर देखा बट कोई कपड़ा नज़र नही आया .. मैने उसकी पट्टी खोली वो खड़ी हुई .. जब उसका ध्यान अपने नंगी चूचियों पर गया तो वो पानी पानी हो गई.. अपने हाथ उनपे रख लिए..
मैं अपनी शर्ट निकालने लगा ताकि उसे दूं पहनने के लिए..
तभी
सोनम: क्या कर रहे हो तुम? ( डरी सहमी आवाज़ मे)
मे: (लाओ थोड़ा मज़ाक कर लूँ.. मूड ठीक हो जाएगा) यार तुम्हे देख के बड़ी प्यास लग गई है
सोनम: नही प्लीज़ ऐसा मत करो और रोने लगी और अपने हाथ बूब पे हाथ के मुँह पे रख के ज़मीन पर
जैसे ही गिरने लगी
मैने आगे बढ़ के उसे थाम लिया ......
सोनम: क्या बिगाड़ा है मैने तुम लोगो का
और फफक फफक के रोने लगी..
मे: आइ'म सॉरी मैं तो बस तुम्हारा मूड ठीक करने की कोशिश कर रहा था..
अपनी शर्ट उतार के उसे दी यह लो पहन लो
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