RE: Sex Porn Story पंजाबी मालकिन और नौकर
बीजी: आग्गो (आगे से) नाल मोटे मोटे ते लंबे भे लिया कर....समझा..
मैं: जी बीजी....बीजी तुस्सी इस सूट विच बहुत सुंदर लगडे पाए ओ......इस सूट दा रंग त्वाड्डे
गोरे रंग ते खूब मैंच करादा पेया ए..
बीजी: अच्छा.......
मैं: बीजी तुस्सी बुरा ना मानो ते मेरा दिल चान्दा ए की त्वाड्डी इक पप्पी और ले लाँ..
बीजी: तेरी होली ख़तम नही हुई..
मैं: होली ते ख़तम हो गयी लेकिन तुस्सी ते ओ ही हो....
बीजी: मैं नही.....इक पप्पी ले ली..बस...और नही
मैं: प्लीज़ा बीजी...लेने दो ना.........इक पप्पी नाल त्वाड्डा की चला जाएगा..
बीजी: तू खाना बना..मैं बाहर जा रही आं
ये कह कर बीजी रसोई से बाहर चली गयी..
हमने खाना खाया और सोने चले गये..
अगली सुबह मैं बीजी को बैड टी देने गया तो बीजी सो रही थी
मैं: बीजी....चा रखी ए..
बीजी: आहमम्म्म.....(अंगड़ाई लेते हुए).......ले आया...
मैं चाय रखने के बाद भी बीजी को देखता रहा..
बीजी: पुतर...ऐसे की देख दा पेया ए...
मैं: बीजी..तुस्सी जद सो के उठ दे हो ते इतने सुंदर क्यो लग दे ओ......तुस्सी इतने सुंदर लग्दे ओ
कि त्वाड्डी पप्पी लें दा जी करदा ए..
बीजी: फिर पप्पी...सुबह सुबह...हाल्ली मैं सो के उठी नही कि तू पप्पी मान्ग्दा पेया ए..
मैं: लेन दो ना..
बीजी: ओफफ्फ़..ओ...नही दी ते तू पूरे दिन मान्ग्दा रहेगा...............ले ले..
बीजी लेटी हुई थी...मैं बीजी के पास गया...उनके पलंग (बेड) पर चढा.....और
अपने होठ उनके कानो (ईयर्स) के पास लाया..और धीरे से बोला..
मैं: बीजी......तुस्सी बड़े सोफ्ट सोफ्ट हो....
बीजी: किन्ही वार मैंनु दस्सेगा कि मैं सोफ्ट सोफ्ट आं.....................हुन ले पप्पी
मैं: बीजी......कित्थो दी (कहाँ की) पप्पी लेया..
बीजी: पप्पी ते गालो दी ली जाँदी ए....और कित्थो दी ?
मैं: बीजी गालों दी ते कल ले ली सी......आज कही और की लेन दो..
बीजी: और कित्थो दी लेनी ए..
मैं: अपने गले (नेक) दी लेन दो..
बीजी: गले दी.....
मैं: हां बीजी..
बीजी: चल ले ले...और मेरा पीछा छोड़..
मैंने अपने होठ गीले किए और बीजी के गले को चूमने लगा........
मैंने एक हाथ बीजी के पेट पे रख दिया.....और हल्का हल्का घुमाने लगा..
बीजी: धरम...पुत्तर...आअहह
मैं कुछ देर उनके गले को चूमता रहा...कभी
लेफ्ट से कभी राईट से......और एक हाथ उनके पेट पे घुमाता रहा..
बीजी: बस कर...पुत्तर...मेरी चा ठन्डी हो जाएगी..
मैं अलग हो गया
बीजी: हुन ते ठीक ए....खुश..
मैं: आ हो बीजी........मज़ा आ गया...तुस्सी ते चा पियोगे पर मैं ते शरबत पी लित्ता
ए...त्वाड्डे गले से..
बीजी: धत....हुन तू अपना काम कर..
मैं अपना काम करने लगा...
दोपहर को करीब 1:30 बजे मैं रसोई मे खाना बना रहा था तो बीजी आई...............
बीजी ने आज पहली बार स्लीव-लेस कमीज़ पहनी थी........बीजी की गोरी गोरी बाहे देख कर मेरे
मूह इच पानी आ गया..
बीजी: की बनान्दा पेया ए ?
मैं: पालक पनीर....
मैं: बीजी......तुस्सी सूट दी बावां (स्लीवस) काट दित्ति एन..
बीजी: मैं नही काट-टी....ए सूट स्लीव्ले है..
मैं: बीजी.....ए गल ग़लत है..
बीजी: कौन सी गल ?
मैं: मैं त्वाड्डी गोरी गोरी बावां देखी होन्दी ते
मैं सुबह पप्पी त्वाड्डी बावां दी लेन्दा...तुस्सी हुन मैंनु अपनी बावां दिखांदे पाए हो..
बीजी: क्यो तू पहले मेरी बावां नही देखी....मैं पहले वी ते हाल्फ स्लीवस दी कमीज़
पान्दि सी..
मैं: पर पूरी बावां ते आज ही देखी एँ......मैं
त्वाड्डी पूरी बावां देखी होन्दी ते सुबह पप्पी त्वाड्डी बावां दी लेन्दा...तुस्सी मैंनु धोखा दित्ता ए..
बीजी: ते तू की चाहन्दा ए ?
मैं: त्वाड्डे बावां दी पप्पी..
बीजी: तू खाना ते बना...बाद इच देखांगे
मैं: नही बीजी....अभी लेन दो..
बीजी: हुन...रसोई इच...
मैं: पप्पी लेन वास्ते कोई ख़ास कमरा नही चाहिए..
बीजी: ऑफ..ओ...ले ले..
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