RE: Sex Porn Story पंजाबी मालकिन और नौकर
जब मैं ऊपर गया तो बीजी सड़क पर देख रही थी......सिर्फ़ सामने की तरफ से ही छत की दीवार छोटी थी....बाकी तीनो तरफ से दीवारे काफ़ी ऊँची थी.....मैंने सोचा पहले गली मे जाते हुए लोगो को गुब्बारे मारे जाए
मैं : चलो बीजी.... ए रही गुब्बारों दी बाल्टी...ए मैं कल रात ही तैय्यार कर लित्ति सी
बीजी : पर इन गुब्बाराँ दा की करांगे..
मैं : की करांगे..!!...गली विच जांदे हुए लोगां ते मारेंगे.....
बीजी : कोई देख लेगा ते समझ लेगा कि तू ते मैं होली खेल रहे ए...
मैं : अडोस पडोस दे लोग ते टोली विच गये ए...मैं देखा सी...टोली वापस 2 घन्टे से पहले नही
आएगी........ज़्यादा गल है ते तुस्सी गुब्बारा मार के छुप जाना
बीजी मान गयी......बीजी ने हाथ मे गुब्बारे
लिए और मारने लगी.....
बीजी : धर्मा...जो आदमी साईकिल ते आ रहा ए..मैं ए गुब्बारा उस्ते सिर ते मारान्गी....
मैं : रहन दो बीजी..त्वाड्डे निशाने इन्ने अच्छे नही ए...
बीजी ने मारा और ओ गुब्बारा उस आदमी ते सिर ते ही पड़ा........अस्सी दोनो छुप गये.....बीजी
ज़ोर ने हसने लगी..
बीजी : देखा धरम.....मेरे निशाने ते तेनू हून वी शक ए ?......
मैं : अरे बीजी...आप नू ते काफ़ी प्रैक्टिस लगदी ए............हूँ मैं उस आती हुई औरत दे
सिर ते मारांगा
मैंने मारा और गुब्बारा उसके सिर पे
लगा............हम फिर से छुप गये और हँसने लगे..
बीजी : धरम लगदा ए तू वी काफ़ी प्रैक्टिस किति ए...
मैं : ओ देखो इक औरत और जा रही है.....ए ले मेरा गुब्बारा..
मैंने गुब्बारा उस औरत के मम्मो पे मारा था और वो वही लगा............हम दोनो छुप
गये.....बीजी थोड़ा थोड़ा हसने लगी फिर मुस्कुराने लगी...
बीजी : पुतर.....तू ग़लत जगह मार दित्ता है....
मैं : नही बीजी....उसको तो पता वी नही चला होगा.........कितने बड़े थे उस दे....
फिर एक आदमी आ रहा था...थोड़ा बूढा था....
बीजी : हुन मेरी वारी.....
बीजी ने उस बूढ़े को मारा तो उसके पेट पे लगा....................हम फिर छुप गये..........बीजी की हँसी नही रुक रही थी.......
मैं : ओह बीजी........थोडा ऊपर रह गया.........इस वार निशाना चूक गया त्वाड्डा........तुस्सी मारना ते पेट से थोड़ा
निच्चे सी
बीजी : धत.....मेरा इरादा उधर मारना नही सी..........मैं तेरी तरह नही जो ग़लत जगह मारू....
अब गली मे दो औरते जा रही थी..
मैं : हुन दस्सो....किस औरत दे माराँ....लेफ्ट दे की राईट दे
बीजी : लेफ्ट दे..
मैं : उस दे किस ते माराँ......लेफ्ट ते कि राईट ते..
बीजी : लेफ्ट ते.....नही नही............की मतलब.......
मैंने लेफ्ट वाली औरत दे लेफ्ट मम्मे ते मारा......................उस ते ही लगा......हम फिर छुप गये...........बीजी शरारती
मुस्कुराहट से हसने लगी...........
बीजी : तेनू ते मारने वास्ते इक ही जगह पसंद आई है.......
हुन बीजी सड़क ते देख रही सी की अगला वार कौन होगा........मे थोड़ा पीछे गया और बोला
मैं : बीजी.....औरा नू ते बहुत मार लित्ता, हुन अस्सी वी ते थोड़ा रंग लगा ले......इत्थे आ जाओ
बीजी थोड़ा पास आई और बोली
बीजी : नही नही....मैंनु डर लगदा ए.....मैं ज़्यादा रंग नही लगान्दि....
मैं : बीजी.....हूँ बहाने ना बनाओ.....इत्थे आओ..
बीजी : ना.......मैं नही आंदी.....
मैं : ते मैं ही आ जान्दा आं...
बीजी मुझसे दूर भागने लगी...........हँस रही थी
बीजी : मैं तेरे हाथ ना आवान्गी........
मैं बीजी को पकड्ने के लिए भागा...........बीजी कभी इधर होती...कभी उधर........मैंने हाथ मे गुलाल
ले रखा था.........
मैं : बीजी.......आआ.......हा हा.....बचोगे नही तुस्सी........
बीजी : ही.....दूर रे मुन्डया........
बीजी भाग रही थी...मैं उनके पीछे भाग रहा था रंग लगाने के लिए............वे
हसती जा रही थी.......कुछ देर बाद मैंने उन्हे पकड़ ही लिया और उनके गालो पे गुलाल
लगाने लगा............वे मुझे से फिर से भागे ना इसलिए मैंने एक हाथ से उन्हे कमर से
पकड़ लिया...
मैं : हाहा....ये...पकड़ लिया ना
बीजी.........ओह हूऊऊ......होली है.
मैं बीजी के गालो पे गुलाल मल रहा
था.......बीजी छुड़ाने की कोशिश कर रही थी...
बीजी : म्म्म्मीमम.......बस बस.....ज़्यादा मत लगा.......
|