RE: Chudai Kahani सपनों के रंग मस्ती संग
वो बोली – क्या हुआ … ?? बैठ क्यूँ गया … ??
मैंने कहा – अब क्या करना है, मुझे नहीं पता …
उसने बोला – जैसे मैंने तेरा लण्ड चूसा है, ऐसे तू भी मेरी चूत को चाट अपनी जीभ से …
मैंने उसको तुरंत बोला – नहीं, मैं नहीं चाटूंगा … मुझे अच्छा नहीं लगता … यहाँ से तुम, पेशाब करती हो…
उसने मुझसे बोला – वाह रे, नबाब … अपना तो सारा पानी, मुझे पेप्सी की तरह पीला दिया और मेरी चूत गंदी लग रही है … भोसड़ी के, ना जाने कितने लड़के मरते हैं मेरी चूत चाटने को … चूत चाटना तो दूर, मेरी “मूत” भी खुशी खुशी पी लें … चल चाट ना … अच्छा लगेगा तुझे … चल ट्राइ तो कर … अगर अच्छा ना लगे तो मत करियो … ठीक है …
मैंने कहा – ठीक है …
मैं फिर उसकी पैरों के बीच में लेटा और अपना चेहरा, उसकी चूत तक लाया और चाटने लगा ..
मुझे बहुत अजीब सा टेस्ट लग रहा था ..
बिल्कुल अच्छा नहीं लगा और बहुत अजीब सी महक आ रही थी ..
मेरा मन तो बहुत हुआ हटने का पर फिर मैंने उसकी सिसकारियाँ सुनीं और महसूस किया की वो कितना ज़्यादा एंजाय कर रही है ..
मेरे मन में आया की उसने मुझे भी संतुष्ट किया है तो मुझे इसको ऐसे नहीं छोड़ना चाहिए .. इसीलिए, मैंने उसकी चूत को चाटना जारी रखा ..
उसकी चूत का सारा पानी मेरे लिप्स पर, गालों पर और नाक पर लग गया था ..
धीरे धीरे करके, मुझे भी मज़ा आने लगा उसकी चूत को चाटने में ..
अब बस मेरा मन हो रहा था की मैं अपना लण्ड उसकी चूत में डाल दूं ..
थोड़ी देर, मैं उसकी चूत ऐसे ही चाटता रहा और फिर उसने मुझे बोला कि मैं अपनी उंगलियाँ उसकी चूत में डाल कर, अंदर बाहर करूँ ..
उसने मुझे बोला – मैं अपनी उंगली को उसकी चूत में डाल कर अंदर बाहर, ऊपर नीचे करूँ ..
अब उसकी चूत, बहुत ज़्यादा गीली हो चुकी थी ..
मैंने उसको बोला – चूत के अंदर उंगली को नहीं, लण्ड को डालते हैं ..
वो बोली – मुझे मालूम है पर अभी मुझे लगता है, हम दोनों इसके लिए तैयार नहीं हैं .. इसीलिए, अभी हमें ऐसे ही एक दूसरे को संतुष्ट करना है ..
यह सुन कर, मुझे थोड़ा बुरा लगा पर फिर भी पता नहीं क्यूँ मैं कुछ प्रतिक्रिया नहीं कर पा रहा था ..
मेरा बहुत मन हो रहा था की मैं अपना लण्ड उसकी चूत में डालूं ..
वो भी समझ गई तो उसने मुझे बोला – देख, तू अभी लण्ड अंदर डालने के लिए, छोटा है .. तरीके से अंदर जाएगा भी नहीं और मुझे भी खून निकलेगा तो दिक्कत हो जाएगी …
जब उसने “खून” का नाम लिया तो मैं डर गया ..
उसके बाद, मैं सामान्य हो गया और उसकी चूत में अपनी उंगली डाल के अंदर बाहर, ऊपर नीचे करने लगा ..
उसकी चूत इतनी गीली हो रही थी की मेरी उंगली टच करते ही, अपने आप अंदर घुस गई ..
फिर थोड़ी देर, मैंने उसे ऐसे ही उंगली से चोदा और मेरा लण्ड बेचारा अपने आप ही बैठे बैठे सो गया ..
थोड़ी देर बाद, उसने बोला की उसका पानी निकल गया और वो खुश हो गई है ..
उसके बाद, फिर हम दोनों ने कपड़े पहन लिए ..
उस टाइम, लगभग 11 बज रहे थे ..
वो कपड़े पहनने के बाद, उसी रूम में पढ़ने बैठ गई और मैं लिविंग रूम में आकर टीवी देखने लगा ..
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