Chudai Kahani सपनों के रंग मस्ती संग
दोस्तो आपकी खिदमत में पेश है एक और छोटी सी कामुक कहानी . दोस्तो ये कहानी मेरे उन दिनो शुरू होती है जब मैं उम्र में बहुत छोटा था फिर उम्र के साथ साथ जैसे जैसे मुझे समझ आता गया कि सेक्स होता क्या है मैने सेक्स के भरपूर मज़े लिए . तो चलिए मित्रो चलते हैं मेरी उन दिनो की यादों के सफ़र पर.......... यह जून के महीने के दिनों की बात है, जब मैं मुश्किल से 15 साल का था ..
मैं अपनी चाची के घर गया हुआ था, छुट्टियों के दिनों में रहने के लिए .. मेरी चाची का घर, हमारे घर से थोड़ी ही दूर था .. मेरी चाची का घर, एक डबल स्टोरी था ..
मेरी चाची के दो बेटे हैं – अमित और सुमित .. अमित की उम्र, मुझसे लगभग 4 साल बड़ी है और सुमित मुझसे 2 साल बड़ा है ..
ऊपर पहले फ्लोर पर, मेरी चाची का पूरा परिवार रहता था .. नीचे ग्राउंड फ्लोर पर, एक आगे वाला कमरा ऐसे ही खाली रहता था और अंदर के कमरे उन्होंने रेंट पर दिए हुए थे, एक परिवार को ..
उनके किरायेदार के परिवार में पति और पत्नी दोनों काम करते थे और उनकी 3 बेटियाँ थीं .. तीनों की उम्र लगभग 20, 18 और 16 की होगी .. जो उनकी 20 साल की बेटी थी, डॉली और उनकी 18 साल की बेटी थी, ललिता उन दोनों से काफ़ी दोस्ती थी हमारी ..
हम लोग, साथ में खेला करते थे ..
छुट्टियों के दिनों में हम लोग, मेरी चाची के नीचे वाले आगे वाले कमरे में जाके बैठ जाते थे ..
वहाँ पर मेरे भाई, अपने कुछ आस पास के दोस्त को भी बुला लेते थे .. 3–4 लड़के और 3–4 लड़कियाँ ..
सब लोग नीचे रूम में आ जाते थे और वो डॉली और ललिता भी आ जाती थीं .. उसके बाद फिर, वो सब लोग एक दूसरे के कपड़े उतारते थे और फिर एक दूसरे को चुम्मियाँ करते थे .. पूरे नंगे होकर ..
उस टाइम, मैं बहुत छोटा था तो मुझे समझ नहीं आता था की वो क्या कर रहे हैं ..
मैंने अपने भाई सुमित से पूछा – तुम लोग क्या कर रहे हो … ??
तो वो बोला – इसको “चुदाई” बोलते हैं …
फिर, मैंने पूछा – उससे क्या होता है … ??
उसने जबाब दिया – मुझे नहीं पता … बस मुझे चुम्मी करने में और लड़कियों के बूब्स दबाने में मज़ा आता है और अमित भैया बोलते हैं की ऐसे ही लड़की गर्भवती होती है …
मैंने उससे पूछा – तो क्या यह सारी लड़कियाँ, गर्भवती हो जाएँगी … ??
उसने जबाब दिया – मुझे नहीं पता … तू अमित भैया से पूछ ले … मुझे तो बस, करने में मज़ा आता है …
मैं देख रहा था और मेरी आँखों के सामने, वो सारे लड़के सारी लड़कियों को चुम्मियाँ कर रहे थे और उनके बूब्स से खेल रहे थे ..
सबकी उम्र लगभग 18 – 20 के आस पास थी – लड़कों और लड़कियों की ..
बस मेरा भाई, सुमित और मैं थोडे छोटे थे ..
मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा था ..
बस ऐसे ही, मैं हैरान होकर देख रहा था उनको ..
उनका वो रूम काफ़ी बड़ा था ..
उसमें एक डबल बेड, एक सोफा और एक फोल्डिंग पलंग भी रखा था ..
फिर एक दूसरे को काफ़ी देर तक किस करने और उनके बूब्स दबाने के बाद, मेरे अमित भैया ने रिंकी (उनके साथ जो लड़की थी) उसको बेड पर लिटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगे ..
मुझे वो बहुत गंदा लगा और मैंने सुमित को बोला – सुमित मुझे नहीं बैठना यहाँ पर … मैं जा रहा हूँ … दरवाज़ा खोल दे …
सुमित बोला – पागल मत बन … दरवाज़ा नहीं खुलेगा … तू देख तो सही … मज़ा आएगा …
मैं फिर, चुप करके बैठ गया ..
मैंने रिंकी का चेहरा देखा तो रिंकी का चेहरा पूरा लाल हो गया था और लग रहा था की उसे बहुत मज़ा आ रहा है ..
ऐसे ही बाकी सब लड़के लड़कियाँ भी अलग अलग पोज़िशन में प्यार कर रहे थे ..
जैसे सुमित भी मीनू (उसके साथ जो लड़की थी) के बूब्स चूस रहा था और दबा रहा था ..
एक दूसरा उनका दोस्त जय, अपने साथ वाली लड़की की चूत में अपना लण्ड डाल के ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था ..
मैं परेशान था और मैंने सुमित से पूछा – ओये.. यह लड़की के ऊपर लेटा हुआ है और इतनी ज़ोर ज़ोर से क्यूँ उछल रहा है… ??
तो सुमित बोला – कहते हैं, ऐसे करने में बहुत मज़ा आता है .. लण्ड को चूत के अंदर डाल के ..
मैंने उससे पूछा – क्या तूने किया है, कभी … ??
तो वो मुझसे बोला – नहीं … मैंने कभी लड़की के अंदर, अपना लण्ड नहीं डाला … अमित, भैया मना करते हैं की 18 के ना होने तक चूत में नहीं डाला जाता … जब मैं 18 का हो जाऊंगा, तब डालूँगा … अभी मैं लड़की के ऊपर लेट के, ऐसे ही धक्के मार लेता हूँ, अपना लण्ड उसकी चूत पर ऊपर से टच करके … और मेरा पानी निकल आता है … उसमें भी बहुत मज़ा आता है …
असल में, अब मुझे भी यह सब देखने में मज़ा आ रहा था ..
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