RE: Desi Sex Kahani गुलबदन और गुलनार की मस्ती
जो निपल पैदा होने के बाद गुलनार ने चूसा था वोही निपल अब जवानी में, नंगी होके, इन दोनो पराए हिंदू मर्दो के सामने खूब अच्छे से चूसके गुलनार बोली - “ठीक है माँ, हम रिटर्न जाने के बाद मै जरुर तुझे रंगीला से चुदवाने दूंगी। लेकिन माँ, यह राज चाचा और जय के लंड देख ना कितने बडे और मोटे है… साली कोई रंडी भी डर जाये ऐसा लंड अपनी चूत या गांड में ले तो, है ना माँ…”
गुलनार को उन मर्दो से छुड़ाते, उसे अपने सीने से लगाते गुलबदन बोली- “अरे बेटी, तो क्या हम कोई रंडियो से कम है… अरे गुलनार, रंडी को भी ऐसा लौड़ा मिले तो अच्छा लगता है समझी बेटी… देख ना तेरी माँ होके तुझे इनसे चुदवाने को तैयार किया मैंने तो क्या मै रांड़ नहीं हूँ… और अपनी माँ को इस ताँगे वाले के साथ ऐयाशी करते देख तू गर्म हुई और रोड पे नंगी होके जय का लंड चूसने लगी तो क्या तू रंडी नही है…”
गुलनार ने जब हाँ में सिर हीलाया तो उसकी चूत पे हाथ घुमाते गुलबदन बोली- “अच्छा राज और जय अब तुम दोनो मुझे और गुलनार को एक साथ चोदो, राज तू मुझे चोद और जय तू गुलनार को, मेरी रंडी बेटी को चोद। मैंने रोहीत से गुलनार की चुदाई देखी तो है पर चुपके से, लेकिन आज इस तांगेवाले जय से अपनी रंडी बेटी को बड़ी मस्ती से चुदवाते देखूँगी जैसे मेरी बेटी अपनी रंडी माँ को इस कुली से चुदवाते देखेगी। आओ बेटी देखो कैसे मस्त लंड तैयार है हमारी चूत को चोदने के लिए…”
गुलबदन के ऐसा कहने के बाद, जय गुलनार को खींचके थोड़ी दूर ले गया और गुलनार को नीचे बिठाके अपना लंड उसके चहेरे पे घुमाना शुरु किया। गुलनार ने भी नीचे बैठके जय का मस्त लंड पहले पूरा चाटा और फिर उसका लंड चूसने लगी। इधर राज बेरहमी से गुलबदन के मम्मे दबा रहा था। जय का लंड चूसके गीला करने के बाद जय ने गुलनार को सुलाया, गुलनार की टांगे अपने कंधो पे ली। गुलनार ने जय का लौड़ा अपनी चूत पे रखा।
जय ने झुकके गुलनार की कमर पकड़ी और अपना लौड़ा गुलनार की चूत में दबाने लगा। जैसे-जैसे जय का लौड़ा गुलनार की कमसिन मुस्लिम चूत में घुसने लगा, गुलनार को दर्द हुआ लेकिन जय अब कुछ नही समझ रहा था।
जैसे ही जय के लंड की टोपी गुलनार की चूत में घुस गयी उसने एक जोरदार धक्का मारके अपना लौड़ा गुलनार की चूत में घुसाया। इतना बड़ा लौड़ा अचानक चूत में घुसने से गुलनार को दर्द हुआ और वो चिल्लाने लगी पर न ही उसकी माँ उसे शांत करने आई और ना ही जय। जय ना गुलनार के चिल्लाने से रुका ना उसका पसीने से भरा हुआ दर्द से बेहाल हुआ चहेरे देखा। गुलनार को दबोचके अपना पूरा लौड़ा उसकी चूत में घुसाके, अंदर-बाहर करते जय अब गुलनार को चोदने लगा। अपनी बेटी की ऐसी हालत देखके और जय का वहशीपन देखके गुलबदन को दर्द हुआ।
गुलबदन गुलनार के पास जाके, गुलनार को चूमके और उसके निपल से खेलके उसको हौसला देने लगी। गुलनार के मम्मे 2 3 मिनट सहलाने और चूमने से जब उसे जरा आराम पड़ा है तो राज ने जय से कहा- “जय, यह छिनाल साली देख कैसे अपनी बेटी को चुदाई का सबक दे रही है। गुलबदन रंडी अब देख मेरा लौड़ा कैसे तुझे चोदने तैयार है…”
अब गुलनार को मस्ती से चुदवाते देख गुलबदन को अपनी गर्म चूत का अहसास हुआ और तब राज ने उसके पास आके उसको घूमके झुकाया। गुलबदन राज के चाहने पे कुतिया बनके झुकी और समझ गयी की राज उसकी गांड मारना चाहता है। झुकने के बाद, गुलबदन ने भी, एकदम एक सड़क छाप रंडी जैसे अपने हाथ से अपनी गांड खोली। गुलबदन की इस अदा पे खुश होके, राज ने उसकी गांड पे 2-3 थप्पड़ जड़ते अपना लंड गुलबदन की गांड पे रखा। कुतिया बनके अपने सामने झुकी रंडी गुलबदन की कमर पकड़ते और उसकी एक चूची दबाते राज ने आहीस्ता से अपना लंड गुलबदन की गांड में घुसने दिया। राज का तगड़ा लौड़ा अपनी गांड में घुसाके लेने में गुलबदन को बड़ा मजा आ रहा था। जब राज का पूरा लौड़ा उसकी गांड में घुसा तब राज ने गुलबदन के दोनो मम्मे पकड़ के उसकी गांड मारने लगा। गुलबदन भी अपनी गांड आगे पीछे करके राज से चुदवाने लगी। वो दोनो माँ बेटी उन दो मजदूरो से चुदवाने लगी।
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