RE: Hindi Porn Stories सेक्स की पुजारन
विवेक बोलता गया ‘में यहाँ सिर्फ़ 5 मिनिट के लिए मेरे दोस्त के कहने पे आया हूँ, वरना ऐसे गटर जैसी जगाह पे में नही आता और तुम जैसे गंदे लोगों को में मूह नहीं लगाता’
ये बात सुनकर उस आदमी ने अपनी पतलून नीचे कर दी और अपना 8 इंच लंबा काला लंड बाहर निकाल दिया. उसका लॉडा पूरा टाइट हो कर खड़ा था.
‘ओह गॉड ! ये क्या कर रहा हैं’ विवेक लंड देख डर गया.
‘मेरे मूह मत लगो बाबूजी पर मेरे लंड के मूह तो लग सकते हो’
आदमी ने ये बोल अपना हाथ ले कर विवेक के बाल पकड़ उसका सर अपने लंड की ओर खीच लिया.
‘आआईयईई… जाने दे मुझे साले भिकारी’ आदमी ने एक हाथ से अपना लंड पकड़ा था और दूसरे हाथ से विवेक का सर नीचे दबा रहा था. विवेक ने अपना मूह बंद रखने की कोशिश की पर उस आदमी ने अपना लंड उसके होंठो पे ज़ोर से रगड़ रगड़ के विवेक को मूह खोलने पे मजबूर कर दिया. विवेक का मूह खुलते ही पूरा का पूरा लंड विवेक मे मूह में घुस गया.
‘आआअहह.. बहुत खूब बाबूजी बहुत आआआअहह… खूब’ आदमी ने विवेक का सर नीचे दबा के रखा. उसका पूरा लंड विवेक के मूह में था, विवेक ज़ोर से ख़ास रहा था. आदमी ने अब विवेक के मूह में अपना लंड ज़ोर से अंदर बाहर करना शुरू किया.
ये सब नज़ारा देख में और डिज़िल्वा बहुत उत्तेजित जो गये थे. डिज़िल्वा बाहर देखते देखते अपने कपड़े निकाल बैठा था और अपने मोटे लंड को सहला रहा था. मेने भी अपनी पैंटी निकाल अपनी चूत में उंगलिया डाल दी थी. हम दोनो बाप बेटी बेशरम हो कर विवेक की चुदाई का मज़ा ले रहे थे.
ऐसे चिकने लड़के को इन लोगों ने कभी चोदा नहीं था और अब विवेक की मूह की चुदाई देख एक दो आदमी ने अपनी पतलून निकाल दी, उनके भी लंबे और काले लंड पूरे टाइट हो कर खड़े थे. पाँच ही मिनिट में आदमी झरने के बहुत करीब आ गया था ‘आआहह… बाबूजी आप बड़े लोगों की तो बात ही कुछ और हैं आआआहह.. थोड़ा आप भी मेरे लंड से गटर का पानी पे लो’ ऐसा बोल वो आदमी का झरना शुरू हो गया और वो और तेज़ी से अपनी गान्ड उछाल के विवेक का मूह चोदते गया. उसके लंड से ढेर सारा वीर्य निकलता गया. विवेक के पास उससे निगलने के सिवा कोई चारा नहीं था. वीर्य निगलते निगलते थोड़ा बहुत बाहर बह रहा था.
मैने अब अपनी कसम को भूलके अपना हाथ डिज़िल्वा के लंड पे रख दिया और उसको सहलाने लगी. डिज़िल्वा ने मुझे देखा में उसको देख के मुस्कुरा बैठी. हम दोनो जानते थे कि इतना सेक्स चढ़ जाने के बाद मेरी प्यास उंगलियाँ नहीं पर डिज़िल्वा का मोटा लंड ही भुजा सकता हैं.
‘आजा मेरी जान, अपने डॅडी की गोद में आके बैठ जा’ डिज़िल्वा का मोटा लंबा लंड देख मुझ से अब रहा नही गया, में उसके उपर चढ़ गयी और उसका लंड पकड़ के धीरे से अपनी चूत में डाल के नीचे बैठने लगी. मेरी चूत पूरी गीली हो गयी थी, फिर भी डिज़िल्वा का मोटा लंड बहुत ही मुश्किल से अंदर जा रहा था. डिज़िल्वा का लंड मेरी चूत को फैला रहा था और में बहुत ही धीरे धीरे उसको अंदर ले रही थी, कैसे भी कर के मेने उसका आधा लंड अपनी चूत में ले लिया. डिज़िल्वा से सबर नही हो रहा था. उसने अचानक मेरे खंधो पर हाथ रखके मुझे नीचे खीच लिया और साथ ही अपनी गान्ड उछाल के अपना लंड पूरा मेरी चूत में डाल दिया. ‘आाआईयईईई’ में चीख पड़ी. डिज़िल्वा ने मेरे कंधे पे ज़ोर लगा के रखा और मुझे उपर होने से रोक लिया. ‘दो मिनिट में दर्द चला जाएगा, उधर देख क्या हो रहा हैं’
विवेक अपने मूह को उस आदमी के लंड से अलग करने की कोशिश कर रहा था. आदमी पूरा झर चुका था फिर भी उसने विवेक का सर दो मिनिट और नीचे दबा के रखा. ये नज़ारा देख बाकी आदमियों के लंड में हलचल हो रही थी. उनमे से एक ने कहा ‘अब छोड़ भी दे, हमे भी बाबूजी से जान पहचान करनी हैं’. ये सुन कर आदमी ने विवेक का सर छोड़ दिया, विवेक तुरंत खड़ा हो के गाड़ी की तरफ चलने लगा. तभी एक आदमी ने उसको पीछे से पकड़ लिया ‘अरे कहाँ जा रहे हो बाबूजी अभी तो हम सब की बारी बाकी हैं’
‘जाने दे मुझे साले हरामी’ विवेक के चेहरे पे डर था फिर भी वो ऐसे बात कर रहा था
‘हम से दोस्ती नहीं करोगे बाबूजी?’
‘ये क्या बोल रहा हैं साले कुत्ते’ विवेक के ऐसे बात करने से उन लोगों को गुस्सा आ रहा था.
पास के दो आदमियो ने विवेक की चड्डी खीच के उतार दी. विवेक का छोटा सा लंड टाइट हो गया था.
‘अरे लगता हैं बाबूजी को हम कुत्तों के साथ मज़ा आ रहा हैं’
फिर उसने विवेक की गान्ड पे हाथ रख के कहा ‘अब हम आपको बताते हैं कि हम कुत्ते ऐसी चिकनी गांद का क्या हाल करते हैं’
ऐसा बोलके एक आदमी ने विवेक को ज़बरदस्ती ज़मीन पे घुटनो तले बैठा दिया और उसकी पीठ पे पैर रख कि उसको कुत्ते के जैसे कर दिया. पीछे से दूसरा आदमी आया, उसने अपनी पतलून उतार दी थी, उसका मोटा और लंबा काला लंड पूरा खड़ा था.
‘ये लो बाबूजी, कुत्ते का लंड’ बोलके उसने अपना लंड ज़ोर से विवेक की गान्ड के छेद पे रख अंदर घुसेड़ना शुरू किया. ‘आाआऐययईईईईईई’ विवेक चिल्लाया.
उसी वक़्त डिज़िल्वा ने भी अपनी उंगली मेरी गान्ड में घुसेड दी.
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