RE: Hindi Porn Stories सेक्स की पुजारन
डिज़िल्वा मेरी तरफ देख रहा था और मुस्कुरा रहा था. में वहाँ से चले जाना चाहती थी पर मेरी नज़र उन दोनो की चुदाई से हट नही रही थी. मेरे बदन मे गर्मी छा गयी थी और डिज़िल्वा का लंड इतने दिनो बाद देखने पे चूत में हलचल होने लगी थी.
डिज़िल्वा ने अपने हाथ मा की गान्ड पे रख अपनी उंगली को मा के गान्ड के छेद पे घुमाने लगा.
‘प्लीज़ अमित …’ मा ने कहा.
‘प्लीज़ क्या, तुम बोलोगि नही तो मुझे कैसे पता चले गा’
‘प्लीज़ मेरी गान्ड में उंगली डालो’
डिज़िल्वा मेरी तरफ देख के मुस्कुरा के बोला ‘ऐसी चीज़ तो सिर्फ़ गंदी रांड़ को ही अच्छी लगती हैं’
‘हां में गंदी रांड़ हूँ, मुझे मेरी गान्ड में तुम्हारी उंगली चाहिए, प्लीज़’ मेरी मा के मूह से ये बात सुनके में दंग रह गयी. मुझे मेरी आँख और कान पे यकीन नही हो रहा था.
डिज़िल्वा ने झट से मा की गान्ड के छेद में अपनी उंगली डाल दी.मा की मूह से सिसकियाँ निकल गयी और उसका झरना शुरू हो गया. वो डिज़िल्वा के मोटे लंड पे और ज़ोर से उपर नीचे होने लगी. दो तीन मिनिट तक मा ऐसे ही झरती रही.
‘अब मेरा लंड चूसो सावित्री देवी’ डिज़िल्वा अभी भी मुझे देख मुस्कुरा रहा था.
‘जैसे आपका हुकुम’ मा ने हँसते हुए कहा और वो मुड़ने लगी. उसकी नज़र मुझ पर ना पड़े इसलिए में वहाँ से चली गयी और नीचे आ गयी. अगले दो घंटे तक मा और डिज़िल्वा कमरे में रहे. मेरा दिल कर रहा था कि में उपर जा के देखु कि डिज़िल्वा मा के साथ क्या कर रहा हैं पर में नीचे ही बैठी रही. आख़िर मा और डिज़िल्वा बाहर आए. मा के चेहरे पे बड़ी मुस्कान थी. वो बहुत खुश लग रही थी.
‘अरे मानसी तुम कब आई’
‘जी बस दो मिनिट पहले’
‘पढ़ाई कैसी चल रही हैं तुम्हारी’
‘जी अच्छी चल रही हैं’
‘तुम्हारे जाने के बाद मेरी और डिज़िल्वा जी की काफ़ी अच्छी दोस्ती हो गयी हैं.’ मैने कुछ नहीं कहा.
‘जी में फ्रेश हो आती हूँ’ कह के मैं वहाँ से चली गयी.
अगले कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा. हर रोज़ शाम को डिज़िल्वा घर आता. घर आते ही वो और मा बेडरूम मे चले जाते ‘हम बेडरूम मे जा रहें हैं बाते करने’ मा मुझसे कहती. फिर 2-3 घंटे बाद दोनो बाहर आते और हम सब खाना खाते.
कुछ दिनो बाद मेरी एग्ज़ॅम ख़तम हो गयी. एग्ज़ॅम ख़तम होने के दिन मा मेरे पास आई और मुझसे कहा ‘कुछ दिनो पहले डिज़िल्वा ने मुझसे शादी करने का प्रस्ताव रखा हैं. और मैने हां करली हैं. तेरी एग्ज़ॅम थी इसलिए हम तुझे डिस्टर्ब नही करना चाहते थे’ ऐसा कह के मा मेरे गले लग गयी. ‘मैं बहुत खुश हूँ आज’ उसने कहा. मेरे तो पैरों तले ज़मीन निकल गयी, में कर भी क्या सकती थी. शादी की तैयारी सब शुरू हो गयी थी. मैने सोचा डिज़िल्वा भले ही गंदा आदमी हो पर वो कम से कम मा को खुश तो रखे गा. ये सोच के मेने अपने आप को मना लिया. ऐसे करते करते शादी का दिन आ गया.
शादी में कई बड़े लोग आए थे. फिल्म इंडस्ट्री के भी कुछ लोग आए थे. सलमान ख़ान, अमिताभ बचन, करटिना कैफ़ वगेरे वगेरे.
शादी के रीति रिवाज के बाद डिज़िल्वा ने मुझे अकेले बात करने के लिए बुलाया. उसके पास जा कर मैने कहा ‘आज से तुम मेरे डॅडी हो, अब तुम मेरे साथ कुछ नहीं कर सकते’
‘बिल्कुल ठीक बात कही तुमने, मैं भी ये ही कहने वाला था. सुन तुझे सलमान ख़ान कैसा लगा, शादी में देखा उसे ?’
‘हां देखा, बहुत हॅंडसम हैं ना ?’
‘पता हैं उसे भी तू बहुत पसंद आ गयी हैं, मुझे बार बार तेरे बारे में पूछ रहा था’
‘हटो तुम मज़ाक मत करो’
‘मज़ाक नही तेरी कसम, भला अपनी बेटी से झूठ थोड़े ही बोलूँगा, अगर तू चाहे तो अभी उसके साथ सेक्स कर सकती हैं, मेरे सिर्फ़ एक फोन से काम हो जाएगा’
‘तुम सच कह रहे हो ?’
‘हां, लगा दू फोन ?’
‘ठीक हैं’ मैने कहा.
मित्रो आज के लिए बस इतना ही पढ़ते रहें हिलाते रहें
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