RE: Nanad ki training--ननद की ट्रैनिंग
तब तक हमने देखा कि एक यंग सरदार आया. एक दम पास मे आने पर ही मैं पहचान पाई कि वह अल्पी थी., अपने लंबे बाल मोड़ कर उसने सर पे जुड़ा बना लिया था शर्ट और जीन्स मोड़ कर राजीव की थी और पेंसिल से हल्की मूँछे,
एकदम किशोर 'लग रहा था'. उसने मुझ से गुड्डी की ओर इशारा कर कहा, " हे मुझे ये माल पसंद आ गया, क्या रेट है इस का"
" किस तरह से एक बार का, एक घंटे का या पूरी रात कैसे अगर तुम इसको नचा सको तो समझो फ्री." मैं बोली.
उसने गुड्डी का हाथ पकड़ के खींचा और अपने सीने से लगा लिया, और नाचना शुरू कर दिया. तब तक पीछे से हेमा ने
उसकी पगड़ी खींच दी और उसके लंबे बाल उसके पीठ पे फैल गये. गूंजा और मैने गाना शुरू किया,
" लगाए जाओ राजा धक्के पे धक्का, लगाए जाओ,
दो दो बटन है कस के दबाओ, लगाए जाओ
( गुड्डी डॅन्स करते समय झुक झुक कर इस अदा से अपने उभार और क्लिवेज़ दिखा रही थी, कि मेरी सारी ट्रैनिंग काम आ गयी, और अल्पना ने तो पहले उसकी कमर पकड़ी और फिर एक हाथ से खुल के गुड्डी की चूंचिया कस कस के दबानी शुरू कर दी, और हम लोग और ज़ोर ज़ोर से गाने लगे)
अरे डॅनलॅप की गद्दी लगी है नीचे, लगाए जाओ राजा धक्के पे धक्का
पहले सताओ, फिर अंदर घुसाओ, सतसट, लगाए जाओ राजा धक्के पे धक्का "
दोनों रीमिक्स डॅन्सर्स को मात दे रही थी और वो पंजाबी कुड़ी तो, जीतने आसन उसने सुने थे सब के सब दिखा दिए, और अंत मे उसने गुड्डी की एक टाँग उठाकर इस तरह अपने कमर से लपेट ली कि गुड्डी की पैंटी तक साफ दिख रही
थी. फिर तो एक हाथ से उसकी चूंची कस के दबाते हुए उसने वो ज़ोर ज़ोर से धक्के मारे कि कोई मर्द भी क्या मारेगा. खूब हंगामे के बीच उसका डॅन्स ख़तम हुआ. देर रात हो गयी थी, मोहल्ले की औरते अपने घर गयी और बाकी लोग सोने.
अल्पी ने मुझसे पूछा, " दीदी, आप तो कह रह थी कि रत जगा होगा पूरी रात, मम्मी से भी यही कह कर"
" अरे तेरा तो रत जगा होगा ही, देख तेरा कौन इंतजार कर रहा है, जा उसके साथ." मैं बोली.
कोने मे राजीव खड़े उसको देख कर मुस्करा रहे थे.आज रात उनको उसी होटेल मे रहना था जहाँ जनवासा था, और अल्पी को भी वह वही ले जा रहे थे. अल्पी को मैने समझाया, हे अपने जीजू का पूरा ख्याल रखना. वो मुस्करा कर रह गयी. तो मैने राजीव को छेड़ा,
" हे मेरी बहन को रात भर मे पूरी तरह से खुश कर देना कुछ भी शिकायत न करे ये मुझसे."
" "एकदम " वो बोले. जब तक वो दोनो निकल ही रहे थे कि, गुड्डी आ गयी. उसे बाहों मे ले मैने कहा
" और अगर तुमने उसे खुश कर दिया तो इनाम मे मैं अपनी छोटी प्यारी ननद दे दूँगी."
बिना सुने वो बोले ठीक है और निकल गये. गुड्डी शर्मा गयी.
" चल यार तेरी सहेली तो निकल गयी अपने जीजू के साथ चुदवाने, हम लोग काम ख़तम करते है. सब लोगों के सोने का इंतज़ाम करना था, जहाँ अभी गाना हो रहा था वह जगह ठीक करनी थी.सोने के इंतज़ाम के बाद हम दोनो सफाई पे
जुट गये. उसने अपना दुपट्टा कमर पे बाँधा और मैने भी अपना आँचल कमर मे खोंसा और लग गयी. घंटे भर बाद जब हम खाली हुए और सोने की जगह तलाश करने लगे तो सारे कमरे भरे थे, ज़रा भी जगह नही थी कही. मैने ड्रॉयिंग रूम मे झाँका जहाँ हमने सब फर्निचर शिफ्ट किए थे तो मुझे एक चौड़ा सा सोफा कम बेड दिखा. मैं उससे बोली, " चल यार यही सो लेते है रात ही कितनी बची है, और फिर तुम इत्ति दुबली हो, बस ज़रा सा जाके स्टोर से एक रज़ाई ले आओ."
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