RE: Chudai Sex Kahani मस्त घोड़ियाँ
संध्या पलट कर रोहित का लंड पकड़ कर दबाते हुए, मुझे पता है आप कहाँ जा रहे है, यह मुआ ऐसे ही
थोड़ी खड़ा हो गया है उन दोनो रंडियो को आप ने बाहर चूड़ीदार सलवार पहने जाते देखा है और उस सलवार
मे तो उन दोनो रंडियो के भारी चूतादो को देख कर तो अच्छे-अच्छे का पानी छूट जाता है, अपनी मम्मी और
बुआ की मोटी गंद सूंघते हुए उनके पीछे-पीछे चल दिए ना,
रोहित- संध्या की मोटी गंद को अपने हाथो से दबोचते हुए सच संध्या एक बार मैं बुआ और मम्मी को भी
पूरी नंगी करके चोदना चाहता हू,
संध्या- रोहित के लंड के टोपे को खोल कर सहलाती हुई, मुझे पता है तुम्हे अपनी बुआ और मम्मी की मोटी गंद
बहुत पसंद है और खास कर तुम्हे अपनी मम्मी की मोटी गंद को खूब फैला कर चाटने और खूब कस कर
चोदने का बड़ा मन करता है, पर तुम फिकर ना करो जब तुम मेरी हर बात मानते हो तो मैं क्या अपने पति को उसकी
मम्मी की मोटी गंद को चुदवाने मई उसकी मदद नही कर सकती, अब जाओ नही तो मम्मी और बुआ दूर निकल
जाएगी,
रोहित तुरंत वहाँ से बाहर आता है तभी मनोहर उसे बुला कर
मनोहर-रोहित बेटे तुम संध्या का खास ख्याल रखा करो वह हमारे घर मे एक तरह से नई ही है और ये लो
कुछ पैसे और उसकी ज़रूरत का समान लेते आना और हाँ उससे कहो ज़रूरी नही है की वह दिन भर साडी मे ही रहे
उसके लिए कुछ अच्छे जीन्स वग़ैरह ले आओ, वैसे भी हमारे घर मे पर्दे की ज़रूरत नही है और फिर वह भी
तो संगीता की तरह मेरी बेटी है
रोहित- जी पापा मैं समझ गया, मैं अभी संध्या को जा कर बोलता हू और फिर रोहित संध्या के पास जाकर
रोहित- जानेमन तुमने पापा की बात तो सुनी होगी अब जाओ अपने कपड़े चेंज करके उन्हे भी अपना जलवा दिखा दो
रोहित बाहर आकर तेज-तेज चल देता है तभी उसे कुछ आगे उसकी मम्मी मंजू और बुआ रुक्मणी नज़र आती है
दोनो रंडिया अपने भारी चूतादो को मटकाती हुई जा रही थी रोहित पीछे-पीछे थोड़ी दूरी बना कर अपनी मम्मी की
मोटी गंद और बुआ की मोटी गंद को अपने लंड को दबाते हुए देख रहा था, तभी बुआ की नज़र रोहित पर पड़ जाती
है और वह अपनी भाभी से कहती है
बुआ- देख दीदी तेरा बेटा कैसे तेरी मोटी गंद को घूरता हुआ किसी टूटटू की तरह अपनी मा की गंद के पीछे लगा हुआ
चला आ रहा है
मंजू- मुस्कुराते हुए अरे वह तेरे चूतादो को देख रहा है,
बुआ- अरे नही दीदी वह तेरे चूतादो को घूर रहा है
मंजू- वह मेरा बेटा है वह तेरे और मेरे दोनो के चूतादो को घूर रहा है
तभी मंजू मुस्कुराते हुए चलते-चलते अपनी गंद के छेद को अपने हाथ से मसल्ते हुए चलने लगती है
और रोहित सोचता है कि मम्मी की मोटी गंद की गुदा मे खूब मीठी-मीठी खुजली हो रही है तभी इतना ज़ोर से अपनी
गंद खुज़ला रही है,
तभी मंजू और बुआ दोनो नीचे सब्जियो की दुकान पर झुक कर भाव-ताव करने लगी उनके
झुके होने से उनकी सलवार पूरी तरह उन दोनो के भारी चूतादो से चिपकी हुई थी और दोनो की पेंटी उनकी सलवार से
साफ नज़र आ रही थी, रोहित का लंड अपनी मम्मी और बुआ की मोटी कसी हुई गुदाज जाँघ और मोटी-मोटी गंद देख
कर पूरी तरह तन गया वह अपने लंड को मसल ही रहा था तभी सब्जी वाले की नज़र रोहित पर पड़ गई कि वह इन
दोनो औरतो के भारी चूतादो को घूर रहा है और रोहित वहाँ से चुपचाप चल देता है,
उधर मनोहर की गोद मे चढ़ते हुए संगीता अपने पापा के गालो को चूमते हुए
संगीता- पापा कभी हमे कही बाहर घुमाने भी ले जाया करो ना घर मे बोर हो जाते है
मनोहर की लूँगी के नीचे उसका लंड अपनी बेटी की गुदाज गंद से पूरी तरह दबा हुआ था और मनोहर ने अपनी बेटी
के भारी चूतादो को थोड़ा उठा कर अपने लंड को अड्जस्ट करके सीधे संगीता की चूत से टिका दिया अपने पापा का
लंड अपनी गंद चूत मे चुभने से संगीता एक दम से अपने पापा से चिपक जाती है और मनोहर अपनी बेटी की
मोटी कसी हुई चुचियो को अपने हाथो मे भर कर दबाने लगता है,
तभी संध्या एक मस्त जीन्स और छ्होटी सी
टीशर्ट पहन कर जब बाहर आती है तो मनोहर अपनी बहू की मदमस्त गदराई जवानी देख कर संगीता के दूध
को कस कर मसल देता है और संगीता आह करके अपनी भाभी को देखने लगती है संध्या ने बिना ब्रा के एक
छ्होटी सी टीशर्ट पहन रखी थी जिससे उसके मोटे-मोटे दूध पूरी तरह साफ नज़र आ रहे थे,
मनोहर का लंड अपनी बहू के गदराए जिस्म को देख कर झटके मार रहा था तभी संगीता ने कहा वाह भाभी
आप तो मस्त लग रही हो ज़रा पीछे घूम कर दिखाओ और जब संध्या पीछे घूमी तो अपनी बहू के भारी भरकम
चुतडो को जीन्स मे उठा हुआ देख कर मनोहर के मूह से पानी आ गया उसने कहा
मनोहर -वाह बहू तुम तो बहुत खूबसूरत और जवान लगती हो जीन्स मे बेटी आज से ऐसे ही कपड़े पहना करो
आख़िर संगीता और तुझमे फ़र्क ही क्या है तुम दोनो ही मेरी बेटी हो और फिर मनोहर ने संगीता से कहा बेटी जाओ
तुम भी ऐसी ही जीन्स और टॉप पहन कर आओ मैं देखना चाहता हू कि मेरी दोनो बेटियाँ एक जैसे कपड़े मे कैसी
लगती है,
क्रमशः......................
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