RE: Chudai Sex Kahani मस्त घोड़ियाँ
रतन- वहाँ से उठ कर सपना बेटी अंकल को फुल एंजाय कर्वाओ उन्होने तुम्हे बहुत मस्त गिफ्ट दिया है
सपना- आप फिकर ना करो पापा आज मैं मनोहर अंकल को इतना मस्त कर दूँगी की वह जाते ही अपनी बेटी को पूरी नंगी करके अपनी बाँहो मे भर लेंगे,
रतन वहाँ से उठ कर चला जाता है और सपना सोफे पर घोड़ी बनी रहती है और रतन उसकी गुलाबी चूत और गुदाज गंद को अपनी जीभ से खूब कस-कस कर चाटने लगता है तभी सपना सीधी होकर मनोहर का मूह पकड़ कर अपने होंठो से लगाती हुई,
सपना-अंकल सबसे पहले यह बताओ आपकी बेटी का नाम क्या है
मनोहर- संगीता
सपना- बहुत मस्त माल है क्या वह
मनोहर- बहुत कस हुआ माल है बेटी बिल्कुल तेरी तरह
सपना- तो ठीक है अब आप यह समझ लो कि आपकी बाँहो मे आपकी बेटी संगीता है और मुझे संगीता कह-कह कर चोदिये मैं भी आपको पापा कह कर अपनी चूत आपको चुसाती हू
मनोहर उसकी बात सुन कर उसे बाँहो मे भर लेता है और सपना उसके लंड को बाहर निकाल कर अपने हाथ से दबोचने लगती है,
मनोहर- पूरी तरह मस्ती मे आ जाता है और ओह संगीता बेटी चूस ज़ोर से चूस बेटी अपने पापा का मोटा लंड आह आह आह, उधर सपना मनोहर के लंड को खूब कस-कस कर दबोचते हुए चूसने लगती है,
मनोहर से सहन नही होता और वह सपना की दोनो जाँघो को खोल कर अपना मोटा लंड उसकी चूत से भिड़ा कर एक कस कर धक्का मारता है और उसका आधा लंड सपना की चूत मे समा जाता है और सपना हाय पापा मर गई रे आह फाड़ दी पापा आपने अपनी बेटी की चूत आह आह, मनोहर एक दूसरा धक्का मार कर अपने लंड को पूरा जड़ तक उतार देता है,
अब मनोहर खूब ज़ोर-ज़ोर से सपना की मस्त चूत की ठुकाई शुरू कर देता है वह सपना को चोद्ते हुए उसके मोटे-मोटे कसे हुए दूध को अपने हाथो से खूब मसल्ने लगता है और सपना भी अपनी चूत उठा-उठा कर मनोहर के लंड पर मारने लगती है, मनोहर उस रात सपना को खूब तबीयत से चोद्ता है और सपना भी मनोहर का लंड लेकर मस्त हो जाती है,
अगले दिन मनोहर मेहता से वह ज़मीन रतन को बेचने की सलाह देता है और मेहता मनोहर को यह कह कर हामी भर देता है कि आप कह रहे है तो मुझे कोई हर्ज नही है, रतन वह ज़मीन पाकर मनोहर पर बहुत खुस होता है,
अगले दिन मनोहर सुबह-सुबह पेपर पढ़ रहा था और तभी दरवाजे की बेल बजती है और मनोहर उठ कर दरवाजा खोलने जाता है और जैसे ही दरवाजा खोलता है और अपने सामने खड़ी सपना को देख कर एक दम से उसके होश उड़ जाते है,
मनोहर- अरे बेटी तुम यहाँ
सपना- वही तो मैं भी सोच रही हू अंकल आप यहाँ यह तो मेरी दोस्त संगीता का घर है और फिर सपना एक दम से मुस्कुराते हुए, ओह अब समझी, मेरी दोस्त संगीता ही आपकी बेटी है, डॉन'ट वरी अंकल, अब खड़े ही रहेगे या मुझे अंदर आने को भी कहेगे,
क्रमशः......................
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